गोपालगंज में जमीनी विवाद में हिंसक झड़प, दो पक्षों में मारपीट, आठ लोग घायल

- हिरापाकड़ गांव में लाठी-डंडों से हमला, तीन की हालत गंभीर, पुलिस ने शुरू की जांच
गोपालगंज। बिहार के गोपालगंज जिले के जादोपुर थाना क्षेत्र के हिरापाकड़ गांव में सोमवार को जमीनी विवाद ने हिंसक रूप ले लिया। जमीन पर कब्जे और निर्माण को लेकर दो पक्षों में हुई झड़प लाठी-डंडों तक पहुंच गई, जिसमें महिलाओं समेत आठ लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। सभी घायलों को तत्काल गोपालगंज सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों की देखरेख में उनका इलाज चल रहा है। इनमें से तीन घायलों की हालत नाजुक बताई जा रही है। घटना के बारे में मिली जानकारी के अनुसार, विवादित जमीन पर रसोईघर का निर्माण करने को लेकर झगड़ा शुरू हुआ। एक पक्ष का आरोप है कि दूसरा पक्ष उनकी जमीन पर कब्जा कर रसोईघर बनाने की कोशिश कर रहा था। वहीं, दूसरा पक्ष कह रहा है कि जमीन का बंटवारा पहले ही हो चुका था और वे अपनी जमीन पर ही निर्माण कार्य कर रहे थे। घायल पक्षों की पहचान भी हो गई है। योगेंद्र साह की पत्नी गेंदावली देवी, उनके बेटे विपुल कुमार और जगदंबा कुमार पहले पक्ष से घायल हुए हैं। वहीं दूसरे पक्ष से शिवपूजन साह के बेटे पंचानंद साह, उमेश साह, पंचानन साह के बेटे सोनू कुमार, उमेश साह की पत्नी कुसुम देवी और उनके बेटे रविप्रकाश घायल बताए गए हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, विवाद बढ़ने के बाद दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया। गांव में अफरा-तफरी मच गई। आसपास के ग्रामीणों ने किसी तरह बीच-बचाव कर झगड़ा शांत कराया और घायलों को अस्पताल पहुंचाया। घटना के बाद गांव में तनाव का माहौल बना हुआ है। सूचना मिलने पर जादोपुर थाना की पुलिस टीम मौके पर पहुंची। थाना अध्यक्ष ने बताया कि घटना के संबंध में दोनों पक्षों से पूछताछ की जा रही है और स्थिति को नियंत्रण में रखा गया है। उन्होंने कहा, जमीन विवाद की वजह से झड़प हुई थी। घायलों का इलाज चल रहा है। मामले की जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी। ग्रामीणों का कहना है कि यह विवाद पिछले कई महीनों से चला आ रहा था। कई बार आपसी समझौते और पंचायत के माध्यम से इसे सुलझाने की कोशिश की गई, लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं निकल सका। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि विवाद को स्थायी रूप से सुलझाने के लिए जमीन का सही माप और सत्यापन कराया जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों। अस्पताल प्रशासन ने बताया कि घायल मरीजों की स्थिति पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। गंभीर रूप से घायल तीन लोगों को विशेष निगरानी में रखा गया है और आवश्यकता पड़ने पर उन्हें बेहतर इलाज के लिए बाहर रेफर करने की संभावना है। यह घटना एक बार फिर ग्रामीण इलाकों में जमीनी विवाद की गंभीरता को उजागर करती है। बिहार के कई हिस्सों में भूमि बंटवारे और स्वामित्व को लेकर विवाद आम हैं, जो अक्सर हिंसक झड़पों में बदल जाते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि जमीन विवाद के मामलों में प्रशासन और राजस्व विभाग को समय पर हस्तक्षेप कर समाधान निकालना चाहिए, ताकि ऐसे हादसों को रोका जा सके। गांव में तनाव को देखते हुए पुलिस ने एहतियात के तौर पर पेट्रोलिंग बढ़ा दी है। स्थानीय प्रशासन ने भी शांति बनाए रखने की अपील की है। घटना से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है, जबकि घायलों के परिवारजन न्याय की मांग कर रहे हैं। हिरापाकड़ गांव में हुई इस झड़प ने यह साफ कर दिया है कि भूमि विवाद केवल कानूनी नहीं, बल्कि सामाजिक स्तर पर भी गंभीर मसला बन चुका है।
