नालंदा में छात्रा की मौत के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने पुलिस टीम को लाठी-डंडों से पीटा; दरोगा घायल, कई जवान भागे

नालंदा। बिहार के नालंदा जिले में बदमाशों के दुपट्टा खींचने के बाद सड़क हादसे का शिकार हुई हिलसा थाना क्षेत्र के भट्ट बिगहा निवासी मृतक निशा कुमारी का शव रखकर सड़क जाम कर रही आक्रोशित भीड़ ने शनिवार सुबह चंडी थाने के दारोगा विश्वनाथ यादव और दूसरे पुलिसवालों को हथकट्टा मोड़ पर दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। ग्रामीण लाठी-डंडे, ईंट-पत्थर के साथ पुलिस टीम पर टूट पड़े। ग्रामीणों के गुस्से को देख पुलिस टीम भाग खड़ी हुई। पुलिस टीम पर हमले की सूचना पर दूसरे थानों की पुलिस ने मौके पर पहुंचकर हालात को काबू किया। दारोगा विश्वनाथ यादव को उपचार के लिए चंडी अस्पताल लाया गया है। घटना स्थल पर मौजूद ग्रामीणों ने बताया कि अरुण कुमार यादव के बेटी निशा कुमारी बीती 11 मई को ग्यारहवीं की वार्षिक परीक्षा में शामिल होने साइकिल से प्लस-टू विद्यालय कचहरिया जा रही थी। इसी दौरान चंडी थाने की सीमा हिलसा-नूरसराय रोड के हथकट्टा मोड़ से चंडी जाने वाली सड़क पर टेंपो पर सवार बदमाशों ने निशा का दुपट्टा खींच लिया था। इससे वह अनियंत्रित हो कर साइकिल सहित गिर पड़ी थी और उसी टेंपो से कुचल कर गंभीर तौर पर जख्मी हो गई थी। उसका इलाज एक निजी अस्पताल में चल रहा था लेकिन शुक्रवार रात उसकी मौत हो गई।

इससे आक्रोशित परिजनों और ग्रामीणों ने शनिवार सुबह हथकट्टा मोड़ को जाम कर चंडी, नूरसराय और हिलसा का मार्ग अवरुद्ध कर दिया। ग्रामीण बदमाशों के खिलाफ कार्रवाई करने और मुआवजे की मांग कर रहे थे। इसी दौरान ग्रामीणों ने पुलिस टीम पर हमला कर दिया। इसके बाद कई थानों की पुलिस बुलवा ली गई। हिलसा के डीएसपी कृष्ण मुरारी प्रसाद ने मौके पर पहुंच कर ग्रामीणों को समझाकर जाम हटवाया। डीएसपी ने बताया कि सड़क जाम में शामिल कुछ उपद्रवी तत्वों ने पुलिस टीम पर पत्थरबाजी कर दी। जिससे कई पुलिस वाले जख्मी हो गए। उन्होंने कहा कि उनका उपचार कराया जा रहा है। उपद्रव करने वालों को चिन्हित कर कार्रवाई की जायेगी। चंडी के थाना अध्यक्ष अभय कुमार ने बताया कि दुपट्टा खींचने की घटना की एफआईआर नहीं हुई है। निशा के परिवार वाले दावा कर रहे हैं कि बदमाशों द्वारा निशा की दुपट्टा खींचने की शिकायत चंडी पुलिस से की गई थी। चार बदमाशों का नाम भी बताया था, जबकि थानाध्यक्ष इससे इनकार कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि ग्रामीण पुलिस की कार्यशैली से आक्रोशित थे।

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