तेजप्रताप प्रकरण पर बोल विजय सिन्हा, कहा, लालू के लिए निर्णय पीड़ादायक, कुछ कहना उचित नहीं

पटना। बिहार की सियासत एक बार फिर गरमा गई है। राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने अपने बड़े बेटे तेजप्रताप यादव को पार्टी और परिवार से छह वर्षों के लिए निष्कासित कर दिया है। यह कदम तेजप्रताप के एक विवादित सोशल मीडिया पोस्ट के बाद उठाया गया, जिसने पूरे राजनीतिक माहौल को हिला कर रख दिया। इस घटनाक्रम ने जहां तेजप्रताप के समर्थन में कई नेताओं और लोगों को खड़ा कर दिया, वहीं कुछ लोगों ने लालू प्रसाद यादव के इस कठिन निर्णय को समझदारी भरा बताया है।
विजय सिन्हा ने जताई सहानुभूति
इस मुद्दे पर बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सीधे तौर पर लालू यादव के पक्ष में बात करते हुए कहा कि यह फैसला निश्चित तौर पर उनके लिए बेहद पीड़ादायक रहा होगा। विजय सिन्हा ने इसे लालू यादव का निजी पारिवारिक मामला बताया और कहा कि ऐसे विषयों पर राजनीति नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि कोई भी पिता अपने बेटे को परिवार और संगठन से अलग करने का निर्णय बड़ी पीड़ा के साथ ही ले सकता है।
पारिवारिक मुद्दों पर राजनीति नहीं
विजय सिन्हा ने कहा कि यह मामला पूरी तरह निजी है और ऐसे विषयों पर सार्वजनिक बयानबाजी करना उचित नहीं है। उन्होंने लालू यादव की बीमारी का जिक्र करते हुए कहा कि एक बीमार पिता के लिए यह निर्णय लेना बहुत ही दुखद रहा होगा। उन्होंने साफ कहा कि परिवारिक विवादों में राजनीतिक टीका-टिप्पणी से बचना चाहिए और यह लालू परिवार का आंतरिक विषय है, जिस पर बाहर से किसी की टिप्पणी करना उचित नहीं होगा।
तेजप्रताप के विवादित पोस्ट से उठा विवाद
इस पूरे घटनाक्रम की शुरुआत तेजप्रताप यादव के सोशल मीडिया अकाउंट से हुई, जहां उन्होंने एक पोस्ट में अनुष्का यादव नाम की लड़की से 12 वर्षों से प्रेम संबंध होने की बात कही। इस पोस्ट ने सनसनी फैला दी। हालांकि, बाद में यह पोस्ट डिलीट कर दी गई, फिर रीपोस्ट हुई और अंततः दोबारा हटा दी गई। इसके बाद तेजप्रताप ने सफाई दी कि उनका सोशल मीडिया अकाउंट हैक हो गया था। मगर तब तक यह मामला मीडिया में तूल पकड़ चुका था।
लालू यादव का सख्त रुख
तेजप्रताप यादव के विवादास्पद बयान और सार्वजनिक व्यवहार को लेकर पार्टी में पहले से ही असंतोष था। ऐसे में इस नई विवादित पोस्ट ने आग में घी का काम किया। लालू यादव ने इस पर तुरंत सख्त रुख अपनाते हुए तेजप्रताप को न केवल पार्टी से बल्कि परिवार से भी छह साल के लिए अलग करने का फैसला किया। यह फैसला राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है।
एनडीए की बैठक और विकास के मुद्दे
पटना पहुंचने पर विजय सिन्हा ने एक अन्य मुद्दे पर भी बात की। उन्होंने बताया कि दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों की बैठक हुई थी। इसमें कानून-व्यवस्था और विकास की गति को बढ़ाने के विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई। विजय सिन्हा ने कहा कि प्रधानमंत्री से प्रेरणा मिलती है कि कैसे बेहतर कार्य कर सकते हैं।
तेजप्रताप प्रकरण में आगे क्या?
अब सभी की नजर इस पर है कि तेजप्रताप यादव इस फैसले पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं और आने वाले दिनों में राजद तथा लालू परिवार की राजनीति किस दिशा में जाती है। साथ ही, यह भी देखना दिलचस्प होगा कि तेजप्रताप के समर्थक नेता और कार्यकर्ता इस मुद्दे को कैसे उठाते हैं। यह पूरा मामला न केवल राजद के लिए बल्कि बिहार की राजनीति के लिए भी अहम मोड़ साबित हो सकता है।
