जाति आधारित गणना का निर्णय लालू जी के संघर्ष की जीत : तेजस्वी

पटना। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने जाति आधारित गणना पर सर्वदलीय सहमति को राजद और आम गरीबों की जीत बताया है। इस मद में केंद्र से आर्थिक मदद की मांग की है। बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान तेजस्वी ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि कैबिनेट की अगली बैठक में सरकार इसके प्रारूप को मंजूरी दें। उन्होंने कहा कि जाति आधारित गणना के लिए कर्मियों को प्रशिक्षण देना होगा। धन का प्रबंध करना होगा। इसमें समय लगेगा। इसे शुरू करने का सही समय नवंबर हो सकता है।
तेजस्वी ने कहा कि इस गणना से सबको लाभ होगा। गरीब सभी जाति में हैं। गणना से यह भी पता चलेगा कि किस जाति में अधिक गरीबी है। भीख कौन मांग रहा है। सफाई कौन कर रहा है। राज्य के बाहर कौन लोग काम करने जा रहे हैं। आंकड़ा मिलने के बाद सरकार को विकास की नीतियां बनाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा-यह आरक्षण से जुड़ा मामला नहीं है। लक्ष्य यह है कि अंतिम पायदान पर बैठे लोग मुख्यधारा में जुड़ें। सरकार उनके लिए विशेष योजना बनाए। उन्होंने कहा कि यह ऐसा विषय है कि किसी के विरोध करने का सवाल नहीं उठता है। तेजस्वी ने कहा कि हम सबने केंद्र सरकार से आग्रह किया था कि पूरे देश में जाति आधारित गणना हो। केंद्र इसके लिए राजी नहीं हुई। इससे पहले केंद्र सरकार के स्तर पर सामाजिक आर्थिक गणना हुई थी। लेकिन बताया गया कि उसका डाटा खराब हो गया। उन्होंने कहा कि गणना में मानवशास्त्री को भी भी शामिल करना चाहिए। ताकि जातियों की जटिलता के बारे में वैज्ञानिक समझ बन सके। उन्होंने कहा कि यह जनगणना नहीं बल्कि सर्वे है। उन्होंने कहा कि केंद्र जब बिहार में मान गई तो देश में मानने में क्या दिक्कत थी। एक कॉलम ही तो बढ़ाना था तो आर्थिक रूप से कमजोर रायों पर बोझ नहीं पड़ता। केंद्र सरकार को इसमें मदद करना चाहिए।

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