November 18, 2025

बिहार महिला आयोग में अब पीड़िता ऑनलाइन कर सकेंगी आवेदन, सरकार ने शुरू की सेवा

पटना। बिहार राज्य महिला आयोग ने महिलाओं की सुविधा के लिए एक नई पहल शुरू की है। अब महिलाएं अपनी समस्याओं को लेकर ऑनलाइन आवेदन कर सकती हैं। पहले दूर-दराज से आने वाली महिलाओं को कार्यालय पहुंचने में कठिनाई होती थी, लेकिन अब इस सेवा के शुरू होने से उन्हें घर बैठे ही शिकायत दर्ज कराने की सुविधा मिल जाएगी। बिहार राज्य महिला आयोग की स्थापना के 24वें वर्षगांठ के अवसर पर इसे औपचारिक रूप से लॉन्च किया जाएगा। आयोग की अध्यक्ष अप्सरा मिश्रा ने बताया कि यह सेवा विशेष रूप से उन महिलाओं के लिए है जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और कार्यालय आने में असमर्थ रहती हैं।
आवेदन की प्रक्रिया
ऑनलाइन आवेदन के लिए महिलाओं को एक फॉर्म भरना होगा। इसमें आवेदन करने वाली महिला को अपनी पूरी जानकारी जैसे नाम, पता, फोन नंबर आदि दर्ज करनी होगी। इसके साथ ही शिकायत से जुड़ा केस किस प्रकार का है, यह बताना होगा। फॉर्म में दहेज उत्पीड़न, घरेलू हिंसा, यौन उत्पीड़न, शादी का झांसा देकर रेप की कोशिश, एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर जैसी श्रेणियों के विकल्प दिए गए हैं। महिला अपनी समस्या के अनुसार सही विकल्प का चयन कर सकेगी। इसके बाद संबंधित व्यक्ति की जानकारी भी देना अनिवार्य होगा ताकि जांच के दौरान सही पहचान की जा सके।
पहचान और सत्यापन
महिला आयोग ने आवेदन प्रक्रिया को इस प्रकार सरल बनाया है कि कोई भी महिला आसानी से आवेदन कर सके। फॉर्म भरते समय आवेदक को अपना पूरा परिचय देना होगा ताकि उसके आवेदन को सत्यापित किया जा सके। इसी तरह जिस व्यक्ति के खिलाफ शिकायत है, उसकी भी जानकारी फॉर्म में दर्ज करनी होगी। आवेदन के अंत में ऑनलाइन सिग्नेचर करना आवश्यक होगा। इसके बाद आवेदन पूरा माना जाएगा और महिला आयोग इसे संज्ञान में लेकर आवश्यक कार्रवाई शुरू करेगा।
सेवा का उद्देश्य
इस नई सुविधा का उद्देश्य उन महिलाओं को मदद देना है जो आर्थिक, सामाजिक या भौगोलिक कारणों से महिला आयोग कार्यालय नहीं पहुंच पातीं। आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि विद्यार्थी जिस तरह ऑनलाइन फॉर्म भरते हैं, उसी तरह की प्रक्रिया अपनाई गई है ताकि महिलाओं के लिए इसे भरना आसान हो। आयोग का मानना है कि इससे महिलाएं बिना किसी झिझक के अपनी समस्याओं को सामने रख सकेंगी और उन्हें न्याय मिलेगा।
कार्यालय तक न पहुँच पाने वाली महिलाओं के लिए राहत
ग्रामीण इलाकों में रहने वाली महिलाएं अक्सर परिवहन और आर्थिक परेशानियों के चलते कार्यालय नहीं आ पाती थीं। इस नई सेवा के जरिए उन्हें लंबी दूरी तय करने की आवश्यकता नहीं होगी। अब वे अपने घर से ही आवेदन कर सकती हैं। इससे महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ेगा और वे अपने अधिकारों के लिए खड़ी हो सकेंगी। आयोग ने यह सेवा ऐसे समय में शुरू की है जब समाज में महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं और उन्हें न्याय दिलाने की आवश्यकता है।
आगामी लॉन्च और अपेक्षित लाभ
यह सेवा 19 सितंबर को बिहार राज्य महिला आयोग की वर्षगांठ पर औपचारिक रूप से शुरू की जाएगी। इसके साथ ही आयोग ने लोगों से अपील की है कि वे इस सेवा का लाभ उठाएं और अपनी समस्याओं को बिना किसी डर के साझा करें। आयोग द्वारा यह सुनिश्चित किया जाएगा कि हर शिकायत का समाधान प्राथमिकता के आधार पर किया जाए। यह पहल महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। आने वाले समय में इससे अधिक महिलाओं को न्याय दिलाने में मदद मिलेगी और समाज में जागरूकता बढ़ेगी।

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