सहरसा में ऑनलाइन डिलीवरी में कपड़े की जगह निकल रद्दी कागज, लोगों ने डिलीवरी बॉय को बनाया बंधक

सहरसा। बिहार के सहरसा से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने ऑनलाइन खरीदारी की बढ़ती प्रवृत्ति के साथ बढ़ती ठगी की घटनाओं की ओर ध्यान आकर्षित किया है। शिवपुरी बायपास रोड स्थित छठ मंदिर चौक के निवासी छात्र पंकज कुमार ने कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर एक विज्ञापन देखकर कपड़ों का ऑर्डर दिया था। विज्ञापन में आकर्षक कीमतों पर कपड़े बेचने का दावा किया गया था, जिससे पंकज कुमार प्रभावित होकर सामान ऑर्डर कर बैठे। लेकिन जब डिलीवरी हुई और पैकेट खोलकर देखा गया तो उसमें कपड़ों की जगह केवल रद्दी कागज मिला, जिससे छात्र और उनके परिवार को भारी निराशा और नुकसान का सामना करना पड़ा।
दोबारा हुई ठगी
घटना से आहत होकर पंकज कुमार ने इसकी पुष्टि करने के लिए अपने मित्र के नाम से दोबारा उसी दुकान से कपड़ों का ऑर्डर किया। डिलीवरी बॉय जब पार्सल लेकर आया तो छात्र और उनके साथी पहले से सतर्क थे। उन्होंने पैकेट वहीं खोलकर देखा, लेकिन इस बार भी स्थिति वही थी। कपड़ों की जगह पार्सल में फिर से रद्दी कागज मिला। इससे छात्रों में गुस्सा और आक्रोश बढ़ गया। उन्होंने डिलीवरी बॉय को मौके पर ही रोक लिया और बंधक बनाकर पहले दिए गए पैसे की वापसी की मांग करने लगे।
तनावपूर्ण स्थिति और समाधान
मामला बढ़ता देख डिलीवरी बॉय ने अपने कार्यालय में फोन कर मदद बुलायी। कुछ ही देर में कुरियर कंपनी के कर्मचारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने स्थिति को संभालते हुए छात्र का पैसा वापस किया और छात्रों को समझाकर मामला शांत कराया। इसके बाद यह स्पष्ट हो गया कि इस प्रकार की ठगी में डिलीवरी कंपनी की कोई भूमिका नहीं थी, बल्कि समस्या ऑनलाइन विक्रेता की तरफ से थी। छात्रों ने राहत की सांस ली, लेकिन यह घटना ऑनलाइन शॉपिंग की असुरक्षित दुनिया का चेहरा भी उजागर कर गई।
कुरियर कंपनी की प्रतिक्रिया
कुरियर कंपनी के प्रतिनिधि जितेंद्र कुमार ने स्पष्ट किया कि उनकी कंपनी का काम केवल ऑनलाइन विक्रेताओं से सामान लेकर ग्राहकों तक पहुँचाना है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की ठगी में कंपनी की कोई भूमिका नहीं है। उन्होंने ग्राहकों को आगाह करते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर कई फर्जी वेबसाइट और लिंक सक्रिय हैं, जो ग्राहकों को कम कीमत में आकर्षक सामान दिखाकर ठगने का काम करते हैं। जितेंद्र कुमार ने बताया कि ऐसी ठगी से बचने के लिए ग्राहकों को हमेशा विक्रेता की प्रामाणिकता जांचनी चाहिए और केवल भरोसेमंद और आधिकारिक वेबसाइट से ही खरीदारी करनी चाहिए। संदिग्ध लिंक और ऑफरों से दूर रहना चाहिए, ताकि धोखाधड़ी का शिकार न होना पड़े।
ऑनलाइन खरीदारी में सतर्कता की जरूरत
इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया कि ऑनलाइन खरीदारी करते समय सावधानी बरतना बेहद आवश्यक है। सोशल मीडिया पर भ्रामक विज्ञापन देखकर बिना जांचे किसी भी ऑफर पर भरोसा करना नुकसान का कारण बन सकता है। ऑनलाइन शॉपिंग करते समय वेबसाइट की प्रामाणिकता, समीक्षाएं और ग्राहक रेटिंग्स देखना जरूरी है। साथ ही, भुगतान करते समय सुरक्षित तरीके अपनाना चाहिए। किसी भी संदिग्ध ऑफर या लिंक पर क्लिक करने से पहले उसकी जांच करें और जरूरत पड़ने पर अधिकारियों या कंपनी से संपर्क करें।
बढ़ती ठगी और जागरूकता का महत्व
ऑनलाइन खरीदारी का चलन तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन इसके साथ ठगी के मामलों में भी इजाफा हो रहा है। इसलिए यह जरूरी है कि लोग जागरूक रहें और अपनी सुरक्षा को सर्वोपरि रखें। ऐसे मामलों से बचने के लिए सरकारी और निजी संस्थानों को भी लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाना चाहिए। साथ ही, शिकायत दर्ज कराने की प्रक्रिया को आसान बनाना चाहिए, ताकि ठगी के शिकार लोग समय पर मदद प्राप्त कर सकें। सहरसा में ऑनलाइन डिलीवरी के दौरान कपड़ों की जगह रद्दी कागज मिलने की घटना ने यह साबित कर दिया कि आकर्षक ऑफरों के पीछे छिपे खतरे को पहचानना जरूरी है। सही जानकारी और सतर्कता से ही इस प्रकार की ठगी से बचा जा सकता है। ग्राहकों को चाहिए कि वे हर कदम सोच-समझकर उठाएं, ताकि ऑनलाइन खरीदारी का अनुभव सुरक्षित और भरोसेमंद बन सके।
