बिहार में जातीय जनगणना के मुद्दे पर उपेंद्र कुशवाहा ने केंद्र को घेरा, कहा- जातीय जनगणना रोकने की कोशिश का करेंगे विरोध

पटना। जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने सोमवार को कहा कि जातिगत जनगणना को रोकने की किसी भी कोशिश का वह विरोध करेंगे। यह बात सामने आ रही है कि अब सामान्य जनगणना को ही टाले जाने की बात शुरू हुई है। इसके पीछे यह मंशा है कि जातिगत जनगणना नहीं कराई जाए। सावित्री बाई फूले की जयंती पर राजधानी पटना में आयोजित एक लघु आयोजन में उन्होंने यह बात कही। उपेंद्र ने कहा कि कहा जा रहा है कि वैक्सीन के आंकड़ों से जनगणना सामने आ जाएगी। वैक्सीन के आंकड़ों से आप संख्या भले हासिल कर लेंगे पर यह पता नहीं चल पाएगा कि कौन किस जाति का है। इसलिए जातिगत जनगणना हर हाल में होनी चाहिए। कुशवाहा ने कहा कि बाहर में किसी राजनीतिक दल के लोग भले ही कुछ कहें पर भीतर से लोग यह चाहते है कि जातिगत जनगणना होनी चाहिए। जदयू इसके लिए समय-समय पर आंदोलन करता रहा। आगे भी इस दिशा में बात आगे बढ़ेगी। समाज के विकास के लिए यह आवश्यक है।

सर्वदलीय बैठक को भाजपा की सहमति का इंतजारः नीतीश

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि बिहार में राज्य सरकार के स्तर पर जातिगत जनगणना कराने के लिए प्रस्तावित सर्वदलीय बैठक को भाजपा की सहमति का इंतजार है। जनता दरबार के बाद सोमवार को पत्रकारों ने मुख्यमंत्री से सर्वदलीय बैठक के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि सभी दलों ने सहमति दे दी है। भाजपा की ओर से जब सहमति का पत्र आ जाएगा, तब बैठक हो जाएगी। हाल में भी बात हुई थी। पता चला कि वे लोग आपस में बात कर रहे हैं। वैसे हमलोगों को यह नहीं लगता कि इस मसले पर कोई असहमति होगी।

केंद्र सरकार ने कर दिया था इनकार

मालूम हो कि जातिगत जनगणना को ले पिछले दिनों नीतीश कुमार के नेतृत्व में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने बिहार से गए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में भाजपा के प्रतिनिधि के रूप में मंत्री जनक राम शामिल थे। इसके बाद केंद्र सरकार ने जातिगत जनगणना कराए जाने से इनकार कर दिया। केंद्र के इनकार के बाद यह बात है कि राज्य सरकार अपने संसाधन से जाति आधारित जनगणना कराएगी। इसके स्वरूप को लेकर सर्वदलीय बैठक होनी है।

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