दिल्ली में कल केंद्रीय मंत्रिपरिषद की बैठक, पीएम करेंगे अध्यक्षता, पेश होगा जाति जनगणना का मॉडल

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को दिल्ली में केंद्रीय मंत्रिपरिषद की बैठक की अध्यक्षता करेंगे। यह बैठक मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले वर्ष के पूरा होने से ठीक पहले आयोजित की जा रही है, जिससे इसका राजनीतिक और प्रशासनिक महत्व और भी बढ़ जाता है। इस बैठक में सरकार की अब तक की उपलब्धियों की समीक्षा के साथ-साथ भविष्य की योजनाओं और रणनीतियों पर भी विस्तार से चर्चा होगी।
सालभर की उपलब्धियों पर होगा मंथन
बैठक की शुरुआत प्रधानमंत्री के संबोधन से होगी, जो अपराह्न 4:30 बजे तय की गई है। इसके बाद विभिन्न मंत्रालय अपने-अपने विभागों की वर्ष भर की प्रगति, योजनाओं और कार्यों का ब्यौरा प्रस्तुत करेंगे। कैबिनेट सचिव डॉ. टी.वी. सोमनाथन सरकार द्वारा लिए गए महत्वपूर्ण निर्णयों और उनके क्रियान्वयन की प्रस्तुति देंगे। इसके साथ ही, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर विस्तृत जानकारी देंगे, जो भारत द्वारा आतंकवाद के खिलाफ चलाया गया एक सैन्य अभियान है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ को प्रचार का हिस्सा बनाने की योजना
इस बैठक का एक बड़ा उद्देश्य ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की जानकारी और उसकी सफलता को देशभर में प्रमुखता से प्रचारित करना भी है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद यह पहली मंत्रिपरिषद बैठक है, इसलिए सुरक्षा और आतंकवाद विरोधी रणनीति पर भी चर्चा होना तय है। भारत द्वारा आतंकवाद पर किए गए प्रभावशाली प्रहार को एक राष्ट्रीय उपलब्धि के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा और इसे आम जनता तक पहुंचाने की कार्ययोजना तैयार की जाएगी।
जातीय जनगणना को लेकर प्रचार अभियान
बैठक में जातीय जनगणना जैसे सामाजिक और राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण विषय पर भी रणनीति तैयार की जाएगी। सरकार इस मुद्दे पर जनसमर्थन सुनिश्चित करने के लिए 25 जून तक देशव्यापी प्रचार अभियान शुरू करने की योजना बना रही है। इससे सरकार का उद्देश्य यह है कि इस निर्णय को सामाजिक न्याय और समावेशी विकास के दृष्टिकोण से आम जनता के बीच सकारात्मक रूप से प्रस्तुत किया जा सके।
प्रधानमंत्री का संबोधन और भावी दिशा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संबोधन में सरकार के तीसरे कार्यकाल की भावी दिशा और उद्देश्य को स्पष्ट करेंगे। पिछली बैठक में उन्होंने “परफॉर्म, रिफॉर्म, ट्रांसफॉर्म और इंफॉर्म” का नारा दिया था। इस बार वे भारत को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने और 2047 तक विकसित राष्ट्र के रूप में स्थापित करने का रोडमैप प्रस्तुत कर सकते हैं। इसमें महिलाओं, युवाओं, किसानों और गरीबों को केंद्र में रखते हुए योजनाओं की रूपरेखा तैयार की जाएगी।
प्रचार-प्रसार की रणनीति पर जोर
सरकार की योजना है कि 9 जून को तीसरे कार्यकाल का एक वर्ष पूरा होने के उपलक्ष्य में पिछले 11 वर्षों की उपलब्धियों को देशभर में प्रचारित किया जाए। इसमें प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला योजना, डिजिटल इंडिया, आयुष्मान भारत और किसान सम्मान निधि जैसी प्रमुख योजनाओं को विशेष रूप से शामिल किया जाएगा। बैठक में इस प्रचार के लिए विभिन्न माध्यमों – टीवी, रेडियो, सोशल मीडिया और जनसभाओं – के माध्यम से जनसंपर्क अभियान की रणनीति तैयार की जाएगी। कुल मिलाकर यह मंत्रिपरिषद बैठक न केवल एक प्रशासनिक समीक्षा का अवसर है, बल्कि राजनीतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। इसमें सरकार अपनी छवि को मजबूत करने और भावी योजनाओं को लेकर स्पष्ट संदेश देने की कोशिश करेगी। जातीय जनगणना, ऑपरेशन सिंदूर और आर्थिक रोडमैप जैसे विषय इसकी मुख्य धुरी होंगे, जो अगले चुनावी और विकासात्मक एजेंडे की नींव बन सकते हैं।
