141 सांसदों का निलंबन पर बोले उमेश कुशवाहा, कहा- विपक्षी दल के सांसदों के साथ अलोकतांत्रिक व्यवहार कर रही है भाजपा

पटना। लोकसभा व राज्यसभा में विपक्षी दल के सांसदों के निलंबन पर बिहार जदयू के माननीय प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने मोदी सरकार को निशाने पर लिया। उन्होंने हमला बोलते हुए कहा कि केंद्र सरकार द्वारा जनप्रतिनिधियों के संवैधानिक अधिकारों को सदन में रौंदा जा रहा है। संसद की सुरक्षा में चूक के मुद्दे पर सवाल पूछ रहे विपक्षी सांसदों को अलोकतांत्रिक तरीक़े से निलंबित करना सीधे तौर पर देश के लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला है। उन्होंने आगे कहा कि मोदी सरकार द्वारा सदन के एक सत्र में अब तक कुल 141 सांसदो को निलंबित किया गया है। स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह पहली घटना है जब एक सत्र में इतनी बड़ी संख्या सांसदों को निलंबन हुआ है। कुशवाहा ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार चाहती है कि देश का संसद विपक्ष विहीन हो जाए। ऐसा होने से भाजपा को संविधान बदलने में सहूलियत मिलेगी। मोदी सरकार द्वारा यह सारा प्रपंच सिर्फ़ संविधान को बदलने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सदन में इतनी बड़ी घटना हो गई लेकिन देश के प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने अब भी संसद में आकर बयान देने की हिम्मत नही जुटाई। और विपक्ष का सांसद अगर संसद की सुरक्षा को लेकर सरकार से सवाल पूछता है तो असंवैधानिक ढंग से उनकी आवाज को दबा दिया जाता है। कुशवाहा ने आगे कहा कि जनता द्वारा लोकतांत्रिक प्रक्रिया से सांसदों का चुनाव होता है। ताकि वो अपने क्षेत्र के जनता की समस्याओं को सरकार तक पहुंचाएं लेकिन उन्हें सदन में इस प्रकार से अपमानित करना भारत के लोकतंत्र का अपमान है। देश का विपक्ष जनता की आवाज होता है। विपक्ष को दबाना, जनता की आवाज को दबाने के बराबर है।
