नालंदा में ब्राउन शुगर के लत के कारण दो युवकों ने की खुदकुशी, अलग-अलग जगह पर फांसी लगाकर दी जान

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नालंदा। नालंदा के दो अलग थाना क्षेत्र में पिछले एक सप्ताह में दो युवकों ने ब्राउन शुगर की लत की वजह से फांसी लगा खुदकुशी कर ली। बिहार थाना क्षेत्र का मामला है कि घर में ब्राउन शुगर के लिए 500 रुपए की डिमांड किया था। रुपए नहीं मिलने पर फांसी लगा खुदकुशी कर ली। इतना ही नहीं जिले में नशीले पदार्थों का धंधा बहुत तेजी से फैल रहा है। शौक से नशा करने वाले युवाओं की इसकी लत लग रही है। जिसके बाद वो कोई भी कीमत चुकाने को तैयार हैं। पिछले 3 वर्षों से ब्राउन शुगर,चरस जैसे नशीले पदार्थों का धंधा काफी तेजी से फैला है। धंधेबाज काफी चालाकी से छोटे बच्चों व महिलाओं से इसकी डिलीवरी करवा रहे हैं। जिससे पुलिस को शक ना हो।
एक सप्ताह में 2 युवकों ने किया सुसाइड
नशे की लत की वजह से गई जान के मामले को लेकर बात करें तो 29 सितंबर को चण्डी थाना क्षेत्र के बाजार इलाके का एक 24 वर्षीय युवक गौरव कुमार ने इसलिए खुदकुशी कर ली कि वह ब्राउन शुगर और ऑनलाइन गेम की लत में जकड़ गया था। जिसके कारण उसके ऊपर कर्ज का बोझ लद गया और उसने खुद को कमरे में बंद कर फांसी लगा खुदकुशी कर ली। वहीं, अब बिहार थाना क्षेत्र के भैसासुर निवासी गरीबन प्रसाद के (22) वर्षीय पुत्र गोलू कुमार ने शनिवार की सुबह फांसी लगा खुदकुशी कर ली। उसने ब्राउन शुगर के लिए घर में 500 रुपए की डिमांड की थी। परिजनों ने बताया कि वह पिछले 3 सालों से ब्राउन शुगर का सेवन कर रहा था। इसके पहले भी वह कई बार ऐसी हरकत कर चुका था। गलत लोगों के साथ उसकी दोस्ती हो गई थी और वह अक्सर पैसे की डिमांड किया करता था।
छोटे बच्चे और महिलाएं कर रही बिक्री
नशे का कारोबार सिर्फ बिहार शरीफ में ही नहीं राजगीर और हिलसा अनुमंडल के साथ ग्रामीण इलाकों में भी तेजी से पांव पसार रही है। तस्कर छोटे बच्चों और महिलाओं से इसकी बिक्री करवा रहे हैं। बच्चे शहर में घूम घूम कर इसे बेच रहे हैं। ये ड्रग पेडलर ग्राहकों तक माल पहुंचा रहे हैं। जिससे पुलिस या किसी आम व्यक्ति को शक ना हो। वहीं, शहर का हिरण्य पर्वत, श्रम कल्याण केंद्र का मैदान, एनएच -20 के किनारे का इलाका या फिर शहर के वैसे स्थल जो सुनसान रहते हैं वहां नशेड़ियों ने अपना ठिकाना बना लिया है। ड्रग्स लेने वाले शाम होने का भी इंतजार नहीं करते है। इतना ही नहीं अब तो खुलेआम अस्पताल चौक पर भी ऐसी तस्वीर देखी जो सच में हैरान कर देने वाली है। जहां खुलेआम धरना स्थल के पास एक व्यक्ति सूखे नशे का सेवन करता हुआ देखा गया है। शहर में गौरागढ़, नईसराय, खंदकपर, रामचंद्रपुर, सिपाह, सोहसराय, शिवपुरी मोहल्ला, भैंसासुर जबकि यही हाल हिलसा और राजगीर अनुमंडल के मोहल्ले का है।
ड्रग्स की वजह से हुई मौत
जिले में इस साल में युवाओं के मौत के कई मामले ऐसे आए है जिसमें नशे की ओवरडोज की वजह से लोगों की जान चली गई है। करीब 3 से 4 महीने पूर्व लहेरी थाना क्षेत्र के गौरक्षणी के पास आर्यन नामक युवक का शव खंडहरनुमा मकान से बरामद किया गया था। जिसके पास में नशे का सामान बिखरा पड़ा था। आशंका जताई गई थी कि नशे के ओवरडोज के कारण युवक की मौत हुई थी। वो शिवपुरी मोहल्ले में किराए के मकान में रह रहा था और कई दिनों से लापता था। इसके अलावा हिलसा थाना क्षेत्र के विद्या पुरी मोहल्ले में एक युवक ड्रग्स के ओवरडोज के कारण मौत का शिकार हो गया। मृतक अरुण विश्वकर्मा का 18 वर्षीय पुत्र गौरव कुमार था। जिसका शव उसके अपने ही खंडहरनुमा मकान से बरामद किया गया था। जबकि मोमिंदपुर गांव में 2 सितंबर को एक युवक ने फांसी लगा खुदकुशी कर ली। जब उसकी मां ने ड्रग्स खरीदने के लिए पैसे नहीं दिए थे।

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