पहलगाम हमले के बाद बारामूला में सेना की बड़ी कार्रवाई, ढेर किए गए दो आतंकवादी
बारामूला। जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद एक बार फिर से अपना सिर उठा रहा है। मंगलवार को पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद घाटी में सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह से अलर्ट हो गई हैं। इस हमले में जहां 26 निर्दोष लोगों की जान गई, वहीं बुधवार को बारामूला के उरी सेक्टर में घुसपैठ की कोशिश कर रहे आतंकियों पर सेना ने कड़ी कार्रवाई की और दो आतंकियों को ढेर कर दिया गया।
घुसपैठ की कोशिश और मुठभेड़
बुधवार की सुबह करीब 2 से 3 संदिग्ध आतंकियों ने बारामूला जिले के उरी नाले के सरजीवन इलाके से नियंत्रण रेखा पार करने की कोशिश की। सेना की चिनार कॉर्प्स की मुस्तैद टुकड़ियों ने इस घुसपैठ की कोशिश को तुरंत पहचान लिया और जवाबी कार्रवाई की। इसके बाद दोनों ओर से गोलीबारी शुरू हो गई। सुरक्षा बलों ने स्थिति को नियंत्रण में लिया और दो आतंकवादियों को मार गिराया। फिलहाल ऑपरेशन अब भी जारी है और इलाके में गहन तलाशी ली जा रही है।
पहलगाम में बड़ा आतंकी हमला
इससे एक दिन पहले, मंगलवार को पहलगाम के बैसरन इलाके में हुआ आतंकी हमला पूरे देश को झकझोर गया। ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ के नाम से मशहूर यह पर्यटन स्थल आतंकियों की हिंसा का शिकार बना, जहां 26 लोगों की जान चली गई। इनमें से अधिकांश लोग पर्यटक थे, जो छुट्टियां मनाने वहां पहुंचे थे। इस हमले को 2019 के पुलवामा हमले के बाद सबसे भीषण आतंकी वारदात माना जा रहा है।
विदेशी नागरिक भी शिकार
हमले में दो विदेशी नागरिकों की भी मौत हुई, जिनमें एक संयुक्त अरब अमीरात और एक नेपाल से था। इसके अलावा दो स्थानीय लोगों की भी जान गई। अब तक 22 मृतकों की पहचान कर ली गई है, जबकि चार शवों की शिनाख्त अभी बाकी है। हमले में घायल हुए लोगों का इलाज स्थानीय अस्पतालों में चल रहा है और राज्य सरकार ने सभी पीड़ित परिवारों को सहायता देने की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री का बयान
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस घटना को हाल के वर्षों में आम लोगों पर सबसे बड़ा हमला करार दिया। उन्होंने कहा कि यह हमला न केवल मानवता पर चोट है, बल्कि राज्य की शांति व्यवस्था को भी चुनौती देता है। उन्होंने केंद्र सरकार से सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की मांग की।
सुरक्षा बलों की सक्रियता बढ़ी
पहलगाम और बारामूला की घटनाओं के बाद सुरक्षा बलों को पूरे कश्मीर घाटी में हाई अलर्ट पर रखा गया है। बॉर्डर इलाकों में विशेष निगरानी की जा रही है ताकि किसी भी तरह की घुसपैठ की कोशिश को समय रहते रोका जा सके। स्थानीय लोगों से भी सतर्क रहने और किसी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत सुरक्षा एजेंसियों को देने की अपील की गई है। जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की गतिविधियां भले ही सीमित हों, लेकिन इस तरह की घटनाएं यह दिखाती हैं कि खतरा अभी पूरी तरह से टला नहीं है। सेना की मुस्तैदी और त्वरित कार्रवाई ने एक बड़ी घुसपैठ को विफल कर दिया, लेकिन पहलगाम जैसे हमले इस बात की याद दिलाते हैं कि शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए लगातार सतर्कता जरूरी है। सरकार और सुरक्षा एजेंसियों के लिए यह समय और अधिक सख्त कदम उठाने का है।


