मुजफ्फरपुर में दो शराब कारोबारी गिरफ्तार, पुलिस ने देसी और नेपाली शराब के साथ दबोचा
मुजफ्फरपुर। नई सरकार के गठन के बाद शराब माफियाओं के खिलाफ पुलिस का अभियान लगातार तेज होता जा रहा है। विशेष रूप से मुजफ्फरपुर जिले में पुलिस की सक्रियता काफ़ी बढ़ी है। इसी क्रम में शुक्रवार को औराई थाना पुलिस ने एक बार फिर बड़ी कार्रवाई करते हुए दो शराब कारोबारियों को भारी मात्रा में देसी और नेपाली शराब के साथ गिरफ्तार किया। गुप्त सूचना के आधार पर की गई इस छापेमारी को जिले में चल रहे अवैध शराब कारोबार पर एक महत्वपूर्ण चोट माना जा रहा है।
गुप्त सूचना पर पुलिस की दो जगह छापेमारी
औराई थाना अध्यक्ष ने बताया कि शुक्रवार सुबह पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि पानापुर और अतरार गांव के कुछ लोग देसी व विदेशी शराब की बिक्री और तस्करी में शामिल हैं। सूचना की पुष्टि होते ही पुलिस टीम दो अलग-अलग दलों में विभाजित की गई और दोनों स्थानों पर एक साथ छापेमारी की गई। पहली छापेमारी पानापुर गांव में की गई, जहां पुलिस ने राकेश कुमार को गिरफ्तार किया। तलाशी के दौरान उसके पास से करीब 33 लीटर नेपाली ब्रांड की विदेशी शराब बरामद हुई। यह शराब नेपाल से तस्करी कर बिहार में बेचने की कोशिश की जा रही थी। पुलिस के अनुसार, यह शराब स्थानीय नेटवर्क के माध्यम से गांव-गांव में सप्लाई की जाती थी।
अतरार गांव में दूसरी कार्रवाई, बड़ा स्टॉक बरामद
दूसरी छापेमारी अतरार गांव में की गई, जहां से बृज मोहन सिंह को दबोचा गया। उसके कब्जे से 35 लीटर देसी शराब और 3 लीटर विदेशी शराब मिली। पुलिस का कहना है कि बृज मोहन गांव में लंबे समय से देसी एवं विदेशी शराब की सप्लाई चेन संचालित कर रहा था। दोनों शराब कारोबारी आपस में जुड़े हुए थे या स्वतंत्र रूप से काम कर रहे थे, इस संबंध में पुलिस पूछताछ कर रही है।
कई पुराने केस, पुलिस की नज़र पहले से थी
थाना प्रभारी ने बताया कि गिरफ्तार दोनों आरोपियों पर पहले भी कई मामले दर्ज हैं। औराई थाना में शराब अधिनियम के तहत इनके खिलाफ कई केसेज़ पंजीकृत हैं। राकेश कुमार और बृज मोहन सिंह दोनों ही शराब तस्करी और अवैध भंडारण के मामलों में पहले भी पकड़े जा चुके हैं। पुलिस को इनकी गतिविधियों की जानकारी थी और पिछले कई हफ्तों से इन पर नजर रखी जा रही थी।
नई सरकार के गठन और प्रशासनिक सख्ती के बाद पुलिस को इनसे संबंधित लगातार इनपुट मिल रहे थे। उसी आधार पर यह कार्रवाई की गई।
शराबबंदी के बावजूद कारोबार सक्रिय, पुलिस का बढ़ा दबाव
बिहार में शराबबंदी लागू होने के बावजूद मुजफ्फरपुर और आसपास के क्षेत्रों में तस्करी और अवैध बिक्री की घटनाएँ समय-समय पर सामने आती रहती हैं। नेपाल की सीमा से सटे जिलों में विदेशी शराब की तस्करी अधिक प्रचलित है। हालांकि, हाल के दिनों में पुलिस ने इन नेटवर्क पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। नई सरकार के आने के बाद जिला पुलिस को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि शराबबंदी कानून को सख्ती से लागू किया जाए और तस्करी के बड़े नेटवर्क को जड़ से खत्म किया जाए।
पूछताछ जारी, कई और खुलासों की संभावना
पुलिस दोनों आरोपियों से यह पूछताछ कर रही है कि इनके नेटवर्क में और कौन शामिल हैं, शराब की आपूर्ति कहाँ से होती थी और किन-किन क्षेत्रों में इनका कारोबार फैला हुआ था। पुलिस का मानना है कि दोनों गिरफ्तारी से कई और नाम सामने आ सकते हैं और बड़े तस्कर गिरोह का पर्दाफाश हो सकता है।
स्थानीय स्तर पर मिश्रित प्रतिक्रियाएँ
गांव में इस कार्रवाई को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएँ देखने को मिली हैं। कुछ लोगों ने पुलिस की सक्रियता की सराहना की है और कहा है कि इससे इलाके में अवैध शराब से होने वाली समस्याएँ कम होंगी। वहीं कुछ लोगों ने दावा किया कि गांव में शराब की उपलब्धता से युवाओं में अपराध और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ बढ़ रही हैं, इसलिए ऐसी कार्रवाई आवश्यक थी। मुजफ्फरपुर पुलिस की यह कार्रवाई शराब के अवैध कारोबारियों के खिलाफ चल रही विशेष मुहिम का एक और बड़ा कदम है। लगातार हो रही छापेमारियों से स्पष्ट संकेत मिलता है कि नई सरकार के कार्यकाल में शराबबंदी को और कड़ाई से लागू करने की तैयारी है। पुलिस का कहना है कि आने वाले दिनों में ऐसे और भी अभियान चलाए जाएंगे ताकि शराब तस्करों की कमर तोड़ी जा सके।


