October 28, 2025

जमुई में चुनावी माहौल बिगड़ने की कोशिश, पुलिया के नीचे दो कंटेनर बम बरामद

जमुई। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, राज्य के विभिन्न जिलों में सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह से अलर्ट मोड में हैं। जमुई जिला भी इस समय कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के घेरे में है। प्रशासन की प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि चुनावी प्रक्रिया शांतिपूर्ण और भयमुक्त माहौल में संपन्न हो। इसी क्रम में सुरक्षा बलों द्वारा लगातार सर्च ऑपरेशन और एरिया डोमिनेशन अभियान चलाया जा रहा है, ताकि किसी भी प्रकार की आपराधिक या नक्सली गतिविधि को समय रहते रोका जा सके।
पुलिया के नीचे मिला विस्फोटक पदार्थ
इसी सुरक्षा जांच के दौरान बुधवार को पुलिस को एक बड़ी सफलता मिली जब चिहरा थाना क्षेत्र के बोगी पंचायत अंतर्गत डुमरडीहा जंगल के पास पुलिया के नीचे से दो कंटेनर बम बरामद किए गए। बताया गया कि दोनों बमों का वजन लगभग 30 किलो था। यह बरामदगी न केवल प्रशासन के लिए चिंता का विषय बनी बल्कि चुनावी माहौल में तनाव का कारण भी बनी। सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस के साथ-साथ एसटीएफ, सीआरपीएफ और बम निरोधक दस्ते की टीम मौके पर पहुंची। क्षेत्र को तुरंत घेराबंदी कर लिया गया और विशेषज्ञों की टीम ने सावधानीपूर्वक दोनों बमों को निष्क्रिय कर दिया।
नक्सली गतिविधियों से जुड़ाव की आशंका
पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह बरामदगी 15 अक्टूबर को घोषित बिहार-झारखंड नक्सली बंद को ध्यान में रखते हुए पहले से चल रहे सघन सर्च अभियान के दौरान हुई। प्रारंभिक जांच में यह आशंका जताई जा रही है कि इन बमों को नक्सली गुटों ने किसी बड़ी साजिश के तहत छिपाकर रखा था। इस क्षेत्र में पहले भी नक्सलियों की सक्रियता देखी जा चुकी है, और यही कारण है कि पुलिस ने सर्च अभियान को और अधिक तेज कर दिया है।
सुरक्षा बलों की तत्परता से टली बड़ी घटना
घटनास्थल से प्राप्त वीडियो में स्पष्ट देखा जा सकता है कि सुरक्षा बल किस तरह सटीक रणनीति के तहत बमों को निष्क्रिय कर रहे हैं। यह कार्रवाई सुरक्षा बलों की सतर्कता और कुशलता का प्रमाण है। विशेषज्ञों के अनुसार, यदि ये विस्फोटक समय रहते नहीं मिले होते, तो किसी बड़ी घटना को अंजाम दिया जा सकता था, जिससे न केवल जान-माल का नुकसान होता बल्कि चुनावी प्रक्रिया पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता।
एसपी के निर्देश पर बढ़ाई गई निगरानी
घटना के बाद जमुई के एसपी ने जिलेभर में एरिया डोमिनेशन और निगरानी को और तेज करने के निर्देश दिए हैं। पुलिस अब न केवल मुख्य सड़कों और संवेदनशील इलाकों में गश्त बढ़ा रही है, बल्कि गांव-गांव जाकर संदिग्ध व्यक्तियों और वारंटियों की जांच कर रही है। सभी थानों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने-अपने क्षेत्र में संदिग्ध गतिविधियों पर पैनी नजर रखें।
नक्सलवाद पर नियंत्रण लेकिन सतर्कता जरूरी
हाल के वर्षों में बिहार और झारखंड के सीमावर्ती इलाकों में नक्सली गतिविधियों पर काफी हद तक लगाम लगाई गई है। पुलिस और सुरक्षा बलों की लगातार कार्रवाई से नक्सलियों का प्रभाव घटा है, लेकिन वे समय-समय पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की कोशिश करते रहते हैं। जमुई, लखीसराय, बांका और नवादा जैसे जिले इस मामले में संवेदनशील माने जाते हैं। सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि इन इलाकों में चुनाव के दौरान नक्सली माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर सकते हैं, इसलिए सतर्कता में कोई कमी नहीं बरती जाएगी।
चुनाव पूर्व सफलता के रूप में देखी जा रही बरामदगी
चुनाव से पहले बमों की यह बरामदगी सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है। इससे न केवल संभावित नक्सली साजिश नाकाम हुई है, बल्कि यह भी स्पष्ट हुआ है कि पुलिस और अर्धसैनिक बल पूरी तैयारी में हैं। प्रशासन ने यह भरोसा जताया है कि किसी भी परिस्थिति में चुनावी प्रक्रिया को बाधित नहीं होने दिया जाएगा।
शांतिपूर्ण चुनाव की दिशा में मजबूत कदम
जमुई में हुए इस घटनाक्रम ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि प्रशासन और सुरक्षा बल मिलकर राज्य में कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पूरी तरह तत्पर हैं। यह बरामदगी जहां एक ओर नक्सलियों के लिए बड़ा झटका है, वहीं दूसरी ओर जनता के लिए यह भरोसा भी बढ़ाती है कि चुनाव सुरक्षित और शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न होंगे। कुल मिलाकर, यह घटना बिहार में चुनावी सुरक्षा की गंभीरता को दर्शाती है। जमुई पुलिस और सुरक्षा बलों की यह सतर्कता आने वाले दिनों में राज्य में निष्पक्ष और भयमुक्त चुनाव कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।

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