नवादा में तालाब में डूबकर दो बच्चों की दर्दनाक मौत, परिवार में पसरा मातम

नवादा। जिले के कौआकोल प्रखंड अंतर्गत रूपौ थाना क्षेत्र में मंगलवार को एक दर्दनाक हादसा हो गया। नावाडीह गांव के दो मासूम बच्चे तालाब में नहाने के दौरान डूब गए, जिससे उनकी मौत हो गई। घटना ने पूरे गांव को शोक में डूबो दिया है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है और गांव का माहौल गमगीन हो गया है। जानकारी के अनुसार, मृतक बच्चों की पहचान नावाडीह गांव निवासी आफताब अंसारी के पुत्र रहमत अली और हबीब खान के पुत्र कैयान अंसारी के रूप में हुई है। दोनों बच्चे रोज की तरह मंगलवार को स्कूल से लौटे थे। घर आने के बाद वे दोस्तों संग गांव के नीमडीह आहर (तालाब) की ओर नहाने चले गए। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, नहाने के दौरान दोनों बच्चे धीरे-धीरे तालाब के गहरे हिस्से में चले गए और डूबने लगे। साथ मौजूद बच्चों ने शोर मचाया, जिसके बाद ग्रामीणों की भीड़ मौके पर पहुंची। लोगों ने काफी मशक्कत कर दोनों को बाहर निकाला, लेकिन तब तक उनकी सांसें थम चुकी थीं। हादसे के बाद मौके पर अफरातफरी मच गई। लोग बच्चों को बचाने के लिए तालाब में उतरे और किसी तरह उन्हें बाहर निकालकर अस्पताल ले जाने का प्रयास किया। हालांकि, चिकित्सकों ने जांच के बाद दोनों को मृत घोषित कर दिया। इस खबर के फैलते ही गांव में मातम पसर गया। घटना की सूचना मिलते ही कौआकोल के सीओ मनीष कुमार ने रूपौ थाना पुलिस को मौके पर भेजा। पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया और शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल नवादा भेज दिया। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि यह एक दर्दनाक हादसा है और परिजनों को हर संभव मदद उपलब्ध कराई जाएगी। दो मासूम बच्चों की अचानक मौत से पूरा गांव सदमे में है। मृतक रहमत अली और कैयान अंसारी दोनों ही अपने परिवार में चहेते थे। रहमत अपने पिता आफताब अंसारी का इकलौता बेटा था, वहीं कैयान भी परिवार का चिराग था। दोनों की मौत ने उनके घरों को उजाड़ दिया है। परिजनों की चीख-पुकार सुनकर ग्रामीणों की आंखें नम हो गईं। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि गांव के तालाब और आहरों के किनारे सुरक्षा इंतजाम किए जाएं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। उनका कहना है कि बच्चों के लिए कोई पाबंदी या चेतावनी नहीं होती, जिससे अक्सर हादसे हो जाते हैं। नवादा जिले में हुई इस दर्दनाक घटना ने दो परिवारों को जीवनभर का घाव दे दिया है। मासूम बच्चों की डूबकर मौत से जहां माता-पिता का सहारा छिन गया, वहीं पूरे गांव में मातम का माहौल है। प्रशासनिक स्तर पर पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी की जा रही है और परिजनों को ढांढस बंधाने का प्रयास हो रहा है। लेकिन इस घटना ने एक बार फिर से यह सवाल खड़ा कर दिया है कि बच्चों की सुरक्षा के लिए स्थानीय स्तर पर और क्या कदम उठाए जा सकते हैं।
