November 15, 2025

सीएम पद को लेकर एनडीए में खींचतान: तावड़े बोले, सभी मिलकर तय करेंगे, जदयू ने कहा- नीतीश बनेंगे, उनके अलावा कोई विकल्प नहीं

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए को मिली प्रचंड जीत के बाद राज्य की राजनीति में हलचल लगातार बढ़ती जा रही है। सत्ता गठन और मुख्यमंत्री पद को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। पटना स्थित मुख्यमंत्री आवास पर शनिवार सुबह से ही एनडीए नेताओं का जमावड़ा लगा हुआ है। जहां एक ओर भाजपा की ओर से विनोद तावड़े ने कहा है कि सभी दल मिलकर मुख्यमंत्री के नाम पर निर्णय करेंगे, वहीं जदयू अपने पुराने रुख पर कायम है और साफ कह रहा है कि नीतीश कुमार के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
सीएम आवास पर जोरदार राजनीतिक गतिविधियाँ
शनिवार सुबह सबसे पहले जदयू के वरिष्ठ नेता विजय कुमार चौधरी मुख्यमंत्री आवास पहुंचे। उनके तुरंत बाद लोजपा (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान समेत कई अन्य नेता भी पहुंचने लगे। जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा भी सीएम हाउस पहुंचे, जिनके हाथों में जदयू के सभी विजयी उम्मीदवारों की सूची थी। यह संकेत था कि जदयू नीतीश कुमार की अगुवाई में सरकार गठन की दिशा में अगला कदम बढ़ा चुका है। इसके साथ ही फुलवारीशरीफ से नवनिर्वाचित विधायक श्याम रजक भी मुख्यमंत्री आवास पहुंचे। रजक ने मीडिया से बात करते हुए स्पष्ट शब्दों में कहा कि बिहार में नेतृत्व का केवल एक ही भरोसेमंद चेहरा है और वह हैं नीतीश कुमार। उन्होंने कहा कि राज्य में दूसरा कोई नाम विकल्प के रूप में मौजूद ही नहीं है। शपथ ग्रहण कब होगा—इस सवाल पर उन्होंने कहा कि इसका निर्णय खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करेंगे।
नीतीश के नाम पर जदयू का साफ संकेत
जदयू के वरिष्ठ नेताओं का स्पष्ट बयान है कि मुख्यमंत्री पद पर कोई भ्रम नहीं है और न ही किसी तरह की खींचतान है। श्याम रजक ने कहा कि पूरा चुनाव एनडीए ने नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा था और जनता ने उसी नेतृत्व पर भरोसा जताया है। ऐसे में नेतृत्व परिवर्तन की कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री के तौर पर नीतीश के अलावा किसी और के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता। जदयू नेताओं की यह एकजुटता बताती है कि पार्टी नेतृत्व बदलने के किसी भी प्रयास को स्वीकार करने के मूड में नहीं है। जदयू यह संदेश साफ तौर पर दे रहा है कि गठबंधन सरकार में नेतृत्व का सवाल पहले ही तय है—और वह है नीतीश कुमार।
भाजपा की ओर से अलग संकेत
भाजपा की ओर से विनोद तावड़े ने बयान दिया था कि एनडीए के सभी घटक दल एक साथ बैठकर मुख्यमंत्री के नाम पर फैसला करेंगे। उनके इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल बढ़ा दी थी और यह सवाल उठने लगा था कि क्या भाजपा मुख्यमंत्री पद को लेकर अपनी भूमिका मजबूत करने की कोशिश कर रही है। हालांकि, जदयू के लगातार बयानों से यह साफ हो गया है कि पार्टी अपने दावे से पीछे हटने को तैयार नहीं है।
नीतीश-चिराग की मुस्कुराती मुलाकात
चिराग पासवान ने भी मुख्यमंत्री आवास पहुंचकर नीतीश कुमार से मुलाकात की। दोनों नेताओं की मुस्कुराती तस्वीरें सामने आने के बाद इस बात के संकेत मिले कि एनडीए की आंतरिक सहमति मजबूत हो रही है। चिराग ने मीडिया से कहा कि वह इस ऐतिहासिक जीत पर मुख्यमंत्री को बधाई देने आए थे। उन्होंने कहा कि महागठबंधन पूरे चुनाव में झूठे आरोप लगाता रहा कि लोजपा और जदयू के बीच खटपट है, लेकिन नतीजों ने दिखा दिया कि एनडीए पूरी तरह एकजुट है। चिराग ने यह भी बताया कि चुनाव के दौरान लोजपा(रा) और जदयू ने एक-दूसरे के उम्मीदवारों को मजबूत समर्थन दिया, जिससे गठबंधन को शानदार परिणाम मिला।
अन्य नेताओं का भी लगा तांता
मुख्यमंत्री आवास पर शनिवार को नेताओं का तांता लगा रहा। जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा, कृष्ण कुमार मंटू, केंद्रीय मंत्री ललन सिंह, मनीष वर्मा, सुनील कुमार, अरुण मांझी, इंजीनियर शैलेन्द्र समेत कई नेता नीतीश कुमार से मुलाकात करने पहुंचे। इसके अलावा जदयू के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री श्रवण कुमार ने भी मुख्यमंत्री से विस्तृत मुलाकात की। इन निरंतर बैठकों ने इस बात को स्पष्ट कर दिया कि एनडीए सरकार गठन को अंतिम रूप देने में जुटा हुआ है। कैबिनेट गठन, विभागों का बंटवारा और शपथ ग्रहण समारोह की संभावित तारीख पर गहन चर्चा हो रही है।
सरकार गठन की उलटी गिनती शुरू
एनडीए की भारी जीत के बाद पूरे बिहार में यह सवाल प्रमुख हो गया है कि नई सरकार कब शपथ लेगी और नई कैबिनेट में किन नामों को शामिल किया जाएगा। शनिवार को हुई बैठकों के बाद यह अनुमान लगाया जा रहा है कि एनडीए जल्द ही एक संयुक्त बैठक कर शपथ ग्रहण की तारीख का एलान कर सकता है। जदयू के लगातार बयानों से यह साफ हो गया है कि पार्टी नेतृत्व के मामले में कोई समझौता नहीं करेगी। भाजपा और अन्य सहयोगी दलों के साथ बातचीत जारी है और उम्मीद है कि निर्णय सामूहिक सहमति से होगा। पटना के मुख्यमंत्री आवास में हुई इस राजनीतिक हलचल ने यह साफ संकेत दे दिया है कि एनडीए नई सरकार को लेकर लगभग तैयार है। जदयू नीतीश कुमार के नाम पर अडिग है, जबकि भाजपा भी बातचीत के जरिए फैसला तय करने की बात कह रही है। आने वाले कुछ दिनों में मुख्यमंत्री पद की आधिकारिक घोषणा और शपथ ग्रहण की तारीख सामने आने की उम्मीद है। बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार की भूमिका एक बार फिर निर्णायक होती दिख रही है।

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