खाटूश्याम जा रही श्रद्धालुओं की बस को ट्रक ने मारी टक्कर, चार यात्रियों की दर्दनाक मौत, 28 घायल
जयपुर। जयपुर-बीकानेर नेशनल हाईवे पर मंगलवार देर रात हुई बस–ट्रक की टक्कर ने ऐसा भयावह मंजर खड़ा कर दिया, जिसे देखकर किसी का भी दिल दहल जाए। यह हादसा रात करीब 10 बजकर 40 मिनट पर फतेहपुर के पास हुआ, जब गुजरात के वलसाड से आए श्रद्धालुओं से भरी एक स्लीपर बस को तेज रफ्तार ट्रक ने सामने से जोरदार टक्कर मार दी। लोग वैष्णो देवी के दर्शन कर लौटते हुए खाटूश्यामजी जा रहे थे, लेकिन रास्ते में मौत उनका इंतजार कर रही थी।
घटनास्थल का खौफनाक दृश्य
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार टक्कर इतनी भीषण थी कि दूर तक धमाके की आवाज सुनाई दी। बस की खिड़कियों से उड़ती कांच की बौछार यात्रियों पर किसी तेज धार वाले हथियार की तरह बरस रही थी। बस का मेटल ढांचा टुकड़ों में बिखर गया। कई यात्री अपनी सीटों से उछलकर आगे जा गिरे, जबकि आगे बैठे लोग बस और ट्रक के बीच बुरी तरह दब गए। चीखों और कराहों से हाईवे का माहौल भयावह हो गया। लोग बदहवास हालत में मदद के लिए चिल्ला रहे थे और कई घायल खून से लथपथ सड़क पर तड़प रहे थे।
हादसा कैसे हुआ
प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक बीकानेर की ओर से आ रही बस अपनी लेन में सामान्य गति से चल रही थी। वहीं झुंझुनूं दिशा से आ रहा ट्रक अचानक अनियंत्रित होकर सीधे बस के केबिन में जा घुसा। टक्कर इतनी जोरदार थी कि बस का फ्रंट हिस्सा पूरी तरह चकनाचूर हो गया। ड्राइवर समेत आगे बैठे यात्रियों को निकल पाना लगभग असंभव हो गया। कई घायलों के शरीर में मेटल और कांच के बड़े–बड़े टुकड़े धँस गए, जिससे उनकी हालत गंभीर हो गई।
स्थानीय लोगों और एंबुलेंस कर्मियों का संघर्ष
हादसे की आवाज सुनते ही आसपास के लोग घटनास्थल की ओर दौड़े। उन्हें बस का मलबा, खून और चीखें ही दिख रही थीं। करीब 50 यात्रियों में से कई अंदर फंसे हुए थे। एंबुलेंस ड्राइवरों के अनुसार उन्हें रात 10:30 बजे पहली कॉल मिली। जब वे मौके पर पहुँचे, स्थिति बेहद दर्दनाक थी। कई यात्री सीटों के बीच दबे थे, किसी के पैर फँसे थे, तो कोई बेहोश अवस्था में पड़ा हुआ था। घायलों को निकालने के लिए गैस कटर मंगाना पड़ा, क्योंकि बस का कुलचा हुआ ढांचा हाथों से हटाया नहीं जा सकता था। स्थानीय लोग भी राहत कार्य में जुट गए और जो भी मदद कर सकते थे, करने लगे। एंबुलेंस कर्मियों ने बताया कि यह दृश्य ऐसा था जिसे शायद वे जिंदगी भर भूल नहीं पाएंगे।
मौत का आंकड़ा और घायलों की स्थिति
हादसे में तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। इनमें मयंक, बस के ड्राइवर कमलेश और एक अज्ञात यात्री शामिल थे। बाद में गंभीर रूप से घायल एक यात्री ने अस्पताल में दम तोड़ा, जिससे मृतकों की संख्या बढ़कर चार हो गई। कुल 28 यात्री घायल हुए हैं, जिनमें से 15 की हालत गंभीर बताई गई है और उन्हें सीकर रेफर किया गया है। कई घायल अब भी अस्पताल में जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी रात में ही मौके पर पहुँच गए। एडिशनल एसपी तेजपाल सिंह ने बताया कि हादसा अत्यंत भयानक था और बस के आगे का हिस्सा पूरी तरह ध्वस्त हो चुका था। कई शवों को बाहर निकालने में काफी समय लग गया, क्योंकि वे मलबे में बुरी तरह से फंसे हुए थे। पुलिस ने बताया कि ट्रक चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच जारी है कि आखिर ट्रक किस कारण से अनियंत्रित हुआ।
श्रद्धालुओं की यात्रा में त्रासदी
यह हादसा उन यात्रियों के लिए एक गहरा सदमा बनकर आया जो धार्मिक यात्रा के उत्साह में घर से निकले थे। वैष्णो देवी के दर्शन कर लौटते हुए खाटूश्यामजी के दर्शन की खुशी अचानक चीखों और आँसुओं में बदल गई। परिवारों को इस हादसे की सूचना मिलने पर शोक और दहशत का माहौल बन गया है। कई लोग अपने प्रियजनों की पहचान करने के लिए अस्पतालों का रुख कर रहे हैं।
हादसे से उठते सवाल
हाईवे पर होने वाली इस तरह की दुर्घटनाएँ कई सवाल खड़े करती हैं। तेज रफ्तार, वाहन चालकों की लापरवाही, सड़क सुरक्षा मानकों का पालन न होना और रात में भारी वाहनों की अनियंत्रित आवाजाही अब भी बड़े हादसों का कारण बन रही है। यह दुर्घटना भी इसी लापरवाही का एक ताजा उदाहरण बनकर सामने आई है। इस दर्दनाक हादसे ने एक बार फिर साबित कर दिया कि सड़क सुरक्षा के कठोर नियमों और उनके कड़ाई से पालन की अत्यंत आवश्यकता है। यात्रियों की सुरक्षा के लिए बस ऑपरेटरों और ट्रक चालकों को अधिक सतर्कता और अनुशासन अपनाना होगा ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोका जा सके।


