दानापुर में जलजमाव से लोग परेशान, तालाब बनी सड़क, रोज हो रहे हादसे, बेखबर प्रशासन
पटना। दानापुर इलाका इस समय गंभीर जलजमाव की समस्या से जूझ रहा है। डेढ़ महीने से लगातार हो रही बारिश और जल निकासी की कमजोर व्यवस्था ने यहां की सड़कों को तालाब में बदल दिया है। विशेषकर नगर परिषद क्षेत्र के तकियापर गोला रोड स्थित पंचशील नगर नाले का पानी सड़क पर भर गया है, जिससे लोगों का आना-जाना बेहद कठिन हो गया है। सड़क और नाले का फर्क मिट जाने के कारण हादसों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है।
सड़क बनी तालाब, हादसों का सिलसिला जारी
सड़क पर पानी भर जाने के कारण जगह-जगह गड्ढे बन गए हैं। इन गड्ढों का अंदाज़ा लगाना मुश्किल हो जाता है, जिसके चलते दोपहिया वाहन चालक और ई-रिक्शा सवार अक्सर फिसलकर गिर रहे हैं। कई लोग चोटिल हो चुके हैं। हाल ही में एक बाइक सवार नाले में गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गया। स्थानीय लोग कहते हैं कि यह स्थिति रोजमर्रा की समस्या बन चुकी है और प्रशासन की चुप्पी हादसों को और बढ़ावा दे रही है।
बदबू और मच्छरों से बढ़ी परेशानी
लगातार भरे गंदे पानी से आसपास के इलाकों में बदबू फैल गई है। लोग अपने घरों के दरवाजे और खिड़कियाँ बंद रखने को मजबूर हैं। दुर्गंध के कारण सामान्य जीवन प्रभावित हो रहा है। इसके साथ ही मच्छरों की तादाद में भारी बढ़ोतरी हुई है, जिससे डेंगू, मलेरिया और अन्य बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है। स्थानीय निवासी बताते हैं कि डेढ़ महीने से हालत जस की तस बनी हुई है, और अब जीना मुश्किल हो गया है।
लोगों का आक्रोश और विरोध प्रदर्शन
समस्या से परेशान होकर स्थानीय लोगों और ई-रिक्शा चालकों ने 25 अगस्त को आठ घंटे तक सड़क जाम कर विरोध जताया था। इस प्रदर्शन का मकसद नगर परिषद का ध्यान आकर्षित करना था, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि प्रशासन केवल आश्वासन देता है, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई काम नहीं होता।
धार्मिक आयोजनों को लेकर चिंता
स्थानीय लोगों ने आगामी शारदीय नवरात्र को लेकर भी चिंता जताई है। उनका कहना है कि यदि जल निकासी की व्यवस्था जल्द नहीं की गई तो हजारों श्रद्धालुओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। नवरात्र में होने वाले जुलूस और पूजा पंडालों तक पहुंचने का रास्ता पूरी तरह प्रभावित होगा। इससे न केवल धार्मिक आस्था आहत होगी बल्कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े होंगे।
जिम्मेदार एजेंसियों पर सवाल
लोगों का आरोप है कि नगर परिषद और उसकी एजेंसी ने नाला सफाई और जल निकासी के नाम पर लाखों रुपये खर्च किए हैं, लेकिन नतीजा शून्य है। कागजों पर काम दिखाया गया है, जबकि जमीनी हकीकत यह है कि नाले की सफाई नहीं हुई। इससे प्रशासनिक कार्यप्रणाली और पारदर्शिता पर भी सवाल उठ रहे हैं।
समाधान की राह
विशेषज्ञों का मानना है कि इस समस्या का समाधान केवल अस्थायी नहीं बल्कि स्थायी होना चाहिए। सबसे पहले जल निकासी के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करनी होगी। इसके साथ ही नालों की नियमित सफाई सुनिश्चित करनी होगी, ताकि बारिश के मौसम में पानी जमा न हो। साथ ही, प्रशासन को तुरंत कार्रवाई कर जलजमाव हटाना चाहिए ताकि लोगों को राहत मिल सके। दानापुर की जलजमाव समस्या केवल एक स्थानीय मुद्दा नहीं है, बल्कि यह शहरी विकास और प्रशासनिक लापरवाही का आईना भी है। लोगों का जीवन संकट में है, रोज हादसे हो रहे हैं और बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है। यदि समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए तो आने वाले दिनों में हालात और बिगड़ सकते हैं। दानापुर के लोग अब राहत की उम्मीद लगाए बैठे हैं कि प्रशासन उनकी परेशानी को गंभीरता से ले और शीघ्र समाधान करे।


