राजधानी में पटना मेट्रो का शुरू हुआ ट्रायल रन, सितंबर से शुरुआत की संभावना, कॉरिडोर के पांच स्टेशन तैयार

पटना। बिहार की राजधानी पटना के लोगों का लंबे समय से इंतजार अब खत्म होने की ओर है। बुधवार से पटना मेट्रो का ट्रायल रन शुरू हो गया है, जिससे यह उम्मीद और भी मजबूत हो गई है कि अगले महीने, यानी सितंबर के अंत तक, शहरवासी मेट्रो में सफर कर पाएंगे। यह परियोजना न केवल परिवहन व्यवस्था को आधुनिक बनाएगी, बल्कि पटना के बुनियादी ढांचे और यातायात व्यवस्था में भी क्रांतिकारी बदलाव लेकर आएगी। पहले चरण में मलाही पकड़ी से न्यू आईएसबीटी के बीच मेट्रो चलाई जा रही है। इस रूट को प्राथमिकता कॉरिडोर कहा जा रहा है, जिसमें कुल पाँच स्टेशन तैयार किए गए हैं—आईएसबीटी, जीरो माइल, भूतनाथ, मलाही पकड़ी और खेमनीचक। फिलहाल खेमनीचक स्टेशन पर कुछ फिनिशिंग कार्य बाकी है, लेकिन अन्य चार स्टेशन पूरी तरह तैयार हैं। शुरुआत में केवल एक मेट्रो ट्रेन से परीक्षण किया जाएगा, ताकि तकनीकी खामियों और परिचालन से जुड़ी समस्याओं को समय रहते दूर किया जा सके। सरकार ने यह साफ संकेत दिया है कि मेट्रो सेवा को बिहार विधानसभा चुनाव से पहले शुरू करने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद लगातार इस परियोजना की प्रगति पर नज़र रखे हुए हैं। मंगलवार को भी उन्होंने बैरिया स्थित पटना मेट्रो टर्मिनल का निरीक्षण किया और अधिकारियों से कार्य की स्थिति की जानकारी ली। बैरिया स्थित पटना मेट्रो टर्मिनल इस परियोजना का प्रमुख केंद्र होगा। यहां मेट्रो ट्रेन का रखरखाव, ठहराव और साफ-सफाई की व्यवस्था की गई है। इसी परिसर में प्रशासनिक भवन भी बना है, जहां से पूरे परिचालन का प्रबंधन किया जाएगा। अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि यात्री सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया गया है। मेट्रो स्टेशनों पर स्वचालित सीढ़ियां, लिफ्ट, टिकट काउंटर, यात्री प्रतीक्षालय, प्लेटफॉर्म तक जाने के रास्ते और पब्लिक-एरिया जैसी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। इस विशाल परियोजना पर लगभग 20,000 करोड़ रुपये की लागत आ रही है। मेट्रो का किराया आम जनता की सुविधा को ध्यान में रखते हुए तय किया गया है, जो 15 रुपये से लेकर 60 रुपये तक होगा। इसका उद्देश्य है कि आम लोग आसानी से मेट्रो की सेवाओं का लाभ उठा सकें और यह परिवहन का किफायती साधन बने। पटना मेट्रो शुरू होने के बाद राजधानी के यातायात दबाव में बड़ी राहत मिलेगी। वर्तमान समय में सड़क पर बढ़ते वाहनों और जाम की समस्या से लोग परेशान रहते हैं। मेट्रो सेवा मिलने के बाद लोगों को तेज, सुरक्षित और आरामदायक यात्रा का विकल्प मिलेगा। खासकर कामकाजी लोगों और छात्रों के लिए यह सुविधा बेहद उपयोगी साबित होगी। पटना मेट्रो न केवल एक परिवहन परियोजना है, बल्कि यह राजधानी की पहचान और विकास का प्रतीक बनने जा रही है। जैसे दिल्ली, मुंबई और अन्य महानगरों में मेट्रो ने लोगों की जिंदगी को आसान बनाया है, वैसे ही पटना मेट्रो भी बिहार के विकास की नई दिशा तय करेगी। ट्रायल रन की शुरुआत से यह साफ हो गया है कि अब मेट्रो का सपना हकीकत बनने में अधिक समय नहीं लगेगा। सितंबर तक इसके शुरू होने की संभावना से राजधानीवासियों में उत्साह और उम्मीद दोनों बढ़ गए हैं।
