December 10, 2025

प्रदेश के नए शिक्षकों की सॉफ्टवेयर से होगी ट्रांसफर पोस्टिंग की प्रक्रिया, विभाग का निर्देश जारी

पटना। बिहार शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के स्थानांतरण और स्कूल आवंटन की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए इसे पूरी तरह से ऑनलाइन और सॉफ्टवेयर आधारित बना दिया है। इस नई व्यवस्था के तहत सक्षमता परीक्षा पास विशिष्ट शिक्षकों और बिहार लोक सेवा आयोग से चयनित शिक्षकों, दोनों के लिए स्थानांतरण की प्रक्रिया अब रैंडमाइजेशन के आधार पर की जाएगी। इससे न केवल प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी, बल्कि शिक्षकों को प्रशासनिक प्रक्रियाओं में दौड़-धूप से भी मुक्ति मिलेगी।
ऑनलाइन आवेदन और सॉफ्टवेयर आधारित आवंटन
नए निर्देशों के अनुसार, शिक्षकों को सबसे पहले ऑनलाइन आवेदन करना होगा, जिसके बाद सॉफ्टवेयर उनके द्वारा दिए गए विकल्पों के आधार पर स्कूल आवंटन करेगा। सबसे पहले सक्षमता परीक्षा पास करने वाले विशिष्ट शिक्षकों को स्कूल आवंटित किए जाएंगे। इसके बाद, बीपीएससी पास शिक्षकों को स्थानांतरण के लिए ऑनलाइन आवेदन देना होगा, और उनके लिए भी यही प्रक्रिया अपनाई जाएगी। यह पूरा प्रक्रिया रैंडमाइजेशन पर आधारित होगी, जिससे सभी आवेदकों को समान अवसर मिलेगा और कोई भी पक्षपात या गड़बड़ी नहीं होगी।
सक्षमता परीक्षा के आधार पर जिले का आवंटन
इस प्रक्रिया में सक्षमता परीक्षा पास करने वाले शिक्षकों से तीन जिलों के विकल्प पहले ही लिए गए थे। उसी आधार पर उन्हें जिले आवंटित किए जाएंगे। यदि किसी शिक्षक को आवंटित जिला असंतोषजनक लगता है, तो उन्हें फिर से सक्षमता परीक्षा देनी होगी। इस बार उनके नए प्राप्त अंकों को आधार बनाकर उन्हें जिले का आवंटन किया जाएगा। यह प्रणाली इस बात को सुनिश्चित करती है कि शिक्षकों को उनकी योग्यता और परीक्षा परिणामों के अनुसार जिले आवंटित हों, जिससे वे अपने कार्यस्थल से संतुष्ट रहें और शिक्षा में योगदान कर सकें।
मुजफ्फरपुर जिले की विशेष काउंसलिंग
मुजफ्फरपुर जिले में कुछ शिक्षकों की काउंसलिंग विभिन्न कारणों से पूरी नहीं हो पाई है। ऐसे शिक्षकों के लिए विभाग अलग से काउंसलिंग का शेड्यूल जारी करेगा। इस प्रक्रिया में भी सॉफ्टवेयर आधारित पारदर्शिता का पालन किया जाएगा ताकि किसी भी शिक्षक के साथ भेदभाव न हो और उन्हें समय पर उनकी नियुक्ति या स्थानांतरण की जानकारी मिल सके।
पारदर्शिता और सुविधा में बढ़ोतरी
शिक्षा विभाग की यह नई व्यवस्था पूरी तरह से पारदर्शी है। इससे शिक्षकों को किसी भी तरह की प्रशासनिक बाधाओं से नहीं जूझना पड़ेगा। पहले जहां शिक्षकों को स्कूल आवंटन और स्थानांतरण के लिए बार-बार विभाग के चक्कर लगाने पड़ते थे, वहीं अब यह प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन हो गई है। शिक्षक घर बैठे अपने स्थानांतरण और स्कूल आवंटन की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। इसके साथ ही, इस सॉफ्टवेयर आधारित प्रणाली से भ्रष्टाचार की संभावनाएं भी खत्म होंगी, क्योंकि अब किसी भी प्रकार के मानव हस्तक्षेप की गुंजाइश नहीं रहेगी।
नई व्यवस्था का प्रभाव
इस नई प्रणाली से राज्य में शिक्षा व्यवस्था को और मजबूत बनाने का प्रयास किया जा रहा है। शिक्षा विभाग का यह कदम शिक्षकों और छात्रों दोनों के हित में है। शिक्षकों को जहां एक ओर अपने स्थानांतरण या स्कूल आवंटन की प्रक्रिया में आसानी होगी, वहीं दूसरी ओर छात्रों को भी बेहतर और सक्षम शिक्षक मिल सकेंगे। विभाग का मानना है कि इस प्रक्रिया से शिक्षक अपनी जिम्मेदारियों को बेहतर तरीके से निभा पाएंगे, क्योंकि अब उन्हें प्रशासनिक प्रक्रियाओं में उलझने की आवश्यकता नहीं होगी। बिहार शिक्षा विभाग का यह कदम शिक्षकों के लिए राहत भरा है, क्योंकि इससे उन्हें बार-बार विभाग के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी। सॉफ्टवेयर आधारित इस नई प्रणाली से पारदर्शिता बढ़ेगी और स्थानांतरण प्रक्रिया में भ्रष्टाचार और पक्षपात की संभावनाएं खत्म होंगी। इसके साथ ही, शिक्षकों को उनकी योग्यता के आधार पर उचित जिले और स्कूल का आवंटन किया जाएगा, जिससे वे अपने काम में और अधिक प्रभावी ढंग से योगदान दे सकेंगे।

You may have missed