दुर्गा पूजा को लेकर 12 अक्टूबर तक सभी शिक्षकों की ट्रेनिंग स्थगित, एससीआरईटी ने जारी किया पत्र
पटना। बिहार में दुर्गा पूजा की तैयारियों के बीच राज्य सरकार ने शिक्षकों को बड़ी राहत दी है। दुर्गा पूजा के चलते बिहार सरकार ने शिक्षकों की अनिवार्य सेवाकालीन प्रशिक्षण को फिलहाल स्थगित करने का निर्णय लिया है। इस फैसले से राज्य के हजारों शिक्षकों को त्योहार के समय अपने परिवार के साथ अधिक समय बिताने का मौका मिलेगा। बिहार के शिक्षा विभाग की इस घोषणा से राज्य के सभी जिलों में काम करने वाले शिक्षकों में खुशी की लहर दौड़ गई है।
शिक्षकों की ट्रेनिंग का स्थगन: सरकार का पत्र जारी
शिक्षा विभाग ने दुर्गा पूजा के अवसर पर सेवाकालीन प्रशिक्षण को 7 से 12 अक्टूबर तक स्थगित करने का निर्णय लिया है। इस संबंध में शिक्षा विभाग के अंतर्गत राज्य शिक्षा अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एससीआरईटी) ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी और कार्यक्रम पदाधिकारी को पत्र जारी कर इस जानकारी से अवगत कराया है। इसके अलावा राज्य के सभी सीटीईटी (केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा), डायट (जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थान), और पीटीईसी (प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र) को भी यह सूचना भेजी गई है। एससीआरईटी के पत्र में कहा गया है कि दुर्गा पूजा के दौरान राज्य में होने वाली ट्रेनिंग को फिलहाल के लिए स्थगित किया जा रहा है। इस दौरान राज्य के शिक्षकों को धार्मिक और सांस्कृतिक त्योहार मनाने का अवसर मिलेगा। पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि 7 से 9 अक्टूबर के बीच किए गए प्रशिक्षण कार्यक्रमों से जुड़े खर्च और अन्य विवरणों की रिपोर्ट तुरंत जमा की जाए। इस कदम से राज्य के सभी जिलों के शिक्षा अधिकारियों को भी उचित मार्गदर्शन मिला है ताकि वे अपने स्तर पर इस घोषणा का अनुपालन सुनिश्चित कर सकें।
दुर्गा पूजा के अवसर पर ट्रेनिंग स्थगन का महत्व
दुर्गा पूजा बिहार के साथ-साथ पूरे पूर्वी भारत में बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार है। इस समय पूरा राज्य देवी दुर्गा की आराधना में डूब जाता है और हर शहर और गांव में श्रद्धा और उल्लास का माहौल होता है। इस अवसर पर लोगों की भागीदारी महत्वपूर्ण होती है और शिक्षक भी इसमें अपवाद नहीं हैं। शिक्षकों का त्योहार में अपने परिवार के साथ समय बिताना न केवल उनके लिए बल्कि उनके छात्रों के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि शिक्षकों के उत्साह और खुशी का सीधा प्रभाव छात्रों पर पड़ता है। शिक्षा विभाग का यह फैसला शिक्षकों की मेहनत और उनकी व्यक्तिगत जरूरतों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। शिक्षकों पर अपने कर्तव्यों और परिवार के बीच संतुलन बनाए रखने का भारी दबाव होता है, और ऐसे में इस तरह का निर्णय शिक्षकों के बीच सकारात्मक संदेश देता है। इससे वे बेहतर रूप से प्रेरित होकर अपने शिक्षण कार्य में फिर से योगदान दे पाएंगे।
ट्रेनिंग स्थगन से संबंधित निर्देश
एससीआरईटी द्वारा जारी पत्र में स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि दुर्गा पूजा के मद्देनजर 7 से 12 अक्टूबर के बीच प्रस्तावित सभी ट्रेनिंग स्थगित की जाती हैं। इस दौरान सभी जिलों के शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे ट्रेनिंग से जुड़े आंकड़े और खर्च की रिपोर्ट 7 से 9 अक्टूबर के बीच भेज दें। इस निर्देश से सरकार की पारदर्शिता और प्रशासनिक कुशलता का प्रमाण मिलता है, जो यह सुनिश्चित करता है कि ट्रेनिंग स्थगन का प्रभाव शिक्षा प्रक्रिया पर न्यूनतम हो।
शिक्षकों को मिला त्योहार का उपहार
दुर्गा पूजा बिहार का एक महत्वपूर्ण पर्व है जिसमें राज्य के लोग बड़ी संख्या में शामिल होते हैं। इस अवसर पर परिवार और समाज के साथ समय बिताना सभी के लिए विशेष महत्व रखता है। सरकार के इस फैसले से शिक्षकगण भी अपनी जिम्मेदारियों से कुछ समय के लिए मुक्त होकर त्योहार का आनंद ले सकेंगे। यह उन्हें मानसिक रूप से आराम देने के साथ-साथ नए ऊर्जा के साथ अपने शिक्षण कार्य में वापस लौटने के लिए प्रेरित करेगा। शिक्षकों के लिए इस तरह की राहत की घोषणा सरकार की संवेदनशीलता और शिक्षकों के योगदान के प्रति सम्मान का प्रतीक है। यह शिक्षकों को न केवल अपने परिवार और समाज के साथ जुड़ने का अवसर देगा बल्कि उनके मनोबल को भी बढ़ाएगा। दुर्गा पूजा जैसे महत्वपूर्ण त्योहार में शिक्षकों को अपने परिवार के साथ रहने का मौका देने से शिक्षकों में प्रसन्नता और राज्य के प्रति उनके योगदान में वृद्धि होने की उम्मीद है।
सरकार का सकारात्मक कदम, शिक्षकों के हित में फैसला
शिक्षा के क्षेत्र में सुधार और शिक्षकों की बेहतरी के लिए बिहार सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इस दिशा में सरकार द्वारा ट्रेनिंग स्थगित करने का यह कदम भी शिक्षकों के हित में लिया गया है। इसका उद्देश्य शिक्षकों को त्योहार के समय अपनी व्यक्तिगत जिंदगी में संतुलन बनाए रखने का अवसर देना है। इसके अलावा, यह कदम राज्य में सरकारी व्यवस्था की मानवतावादी दृष्टिकोण को भी दर्शाता है, जो न केवल विकास की ओर बल्कि समाज के प्रति भी सरकार की संवेदनशीलता को प्रकट करता है। शिक्षा विभाग का यह फैसला शिक्षकों के मनोबल को बढ़ाने में सहायक होगा। इससे न केवल वे खुद को अपने पेशे में और अधिक समर्पित कर सकेंगे, बल्कि अपनी जिम्मेदारियों को और अधिक गंभीरता से निभाने के लिए भी प्रेरित होंगे। शिक्षकों के काम का सीधा प्रभाव छात्रों पर पड़ता है, इसलिए इस तरह के कदम से शिक्षा की गुणवत्ता में भी सुधार की संभावना बनती है।
शिक्षा में सुधार के प्रति सरकार का संकल्प
बिहार सरकार ने हमेशा शिक्षा के क्षेत्र में सुधार और विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है। यह फैसला भी उसी दिशा में एक कदम है। ट्रेनिंग स्थगन का निर्णय दिखाता है कि सरकार न केवल शिक्षकों के पेशेवर विकास को ध्यान में रख रही है, बल्कि उनकी व्यक्तिगत जरूरतों का भी सम्मान कर रही है। शिक्षा विभाग का इस प्रकार से त्योहारों के महत्व को समझना और शिक्षकों को कुछ समय के लिए राहत प्रदान करना इस बात का संकेत है कि सरकार शिक्षकों के कल्याण के प्रति जागरूक है। यह निर्णय सरकार की संवेदनशीलता को दर्शाता है और यह भी दर्शाता है कि वह शिक्षकों की व्यक्तिगत और सामाजिक जिम्मेदारियों को समझती है। बिहार सरकार द्वारा दुर्गा पूजा के अवसर पर 7 से 12 अक्टूबर तक शिक्षकों की ट्रेनिंग स्थगित करने का निर्णय शिक्षकों के हित में लिया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। इस फैसले से शिक्षक अपने परिवार के साथ त्योहार मना सकेंगे और समाज के साथ जुड़ सकेंगे। इससे शिक्षकों का मनोबल बढ़ेगा और वे नई ऊर्जा के साथ अपनी जिम्मेदारियों को निभाने में सक्षम होंगे। इस निर्णय से यह भी स्पष्ट होता है कि राज्य सरकार शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है और शिक्षकों की व्यक्तिगत जरूरतों का भी ध्यान रखती है। ऐसे कदम से शिक्षा व्यवस्था में सुधार और विकास की दिशा में राज्य सरकार का योगदान सुनिश्चित होता है।


