पटना में ट्रेलर ने बाइक सवार चार लोगों को मारी टक्कर, बच्चों की दर्दनाक मौत, तीन घायल

पटना। पटना में सड़क हादसे थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। आए दिन हो रहे ऐसे हादसों में न केवल लोगों की जान जा रही है, बल्कि कई परिवार बर्बादी की कगार पर पहुंच रहे हैं। ऐसा ही एक हृदयविदारक हादसा शुक्रवार की देर रात फतुहा में रेलवे ओवर ब्रिज के पास हुआ, जहां एक ट्रेलर ने मोटरसाइकिल सवार परिवार को टक्कर मार दी। इस दुर्घटना में 10 वर्षीय बच्चे की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उसके माता-पिता और बहन गंभीर रूप से घायल हो गए।
परिवार नालंदा जा रहा था
यह दुर्घटना उस समय हुई जब पटना के बेउर चौराहा निवासी जितेंद्र कुमार अपनी पत्नी जुली कुमारी और बच्चों आयुष (10 वर्ष) और आयुषी (7 वर्ष) के साथ मोटरसाइकिल से नालंदा जिले के नागरनौसा स्थित अपने रिश्तेदारों के यहां जा रहे थे। रात के समय जब उनका परिवार फतुहा रेलवे ओवर ब्रिज के पास पहुंचा, तभी विपरीत दिशा से आ रहे एक तेज रफ्तार ट्रेलर ने उन्हें जबरदस्त टक्कर मार दी।
हादसे के बाद चालक मौके से फरार
टक्कर इतनी जोरदार थी कि बाइक पर सवार सभी लोग सड़क पर गिर पड़े। टक्कर मारने के बाद ट्रेलर चालक वाहन छोड़कर मौके से फरार हो गया। वहां मौजूद स्थानीय लोगों ने तुरंत फतुहा थाना पुलिस को सूचना दी और घायलों को अस्पताल पहुंचाने में मदद की। पुलिस मौके पर पहुंची और घायल जितेंद्र कुमार, उनकी पत्नी और बेटी को फतुहा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया।
बच्चे को नहीं बचाया जा सका
घायलों की हालत गंभीर देखते हुए चिकित्सकों ने सभी को फौरन प्राथमिक उपचार देना शुरू किया, लेकिन 10 वर्षीय आयुष को बचाया नहीं जा सका। ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सक मंजीत प्रताप ने उसे मृत घोषित कर दिया। वहीं बाकी घायलों की हालत भी चिंताजनक देख उन्हें एनएमसीएच पटना रेफर कर दिया गया। आयुष की मौत से परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।
ट्रेलर जब्त, चालक की तलाश जारी
फतुहा थानाध्यक्ष रूपक कुमार अंबुज ने बताया कि दुर्घटनाग्रस्त ट्रेलर को जब्त कर लिया गया है। वहीं ट्रेलर का चालक घटनास्थल से फरार हो गया था, जिसकी पहचान और गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं। पुलिस ने बच्चे के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए एनएमसीएच भेजा है। इस घटना से स्थानीय लोगों में भी काफी आक्रोश है और उन्होंने हादसे के लिए लापरवाह ट्रक चालकों को जिम्मेदार ठहराया है।
सड़क सुरक्षा को लेकर सवाल
यह हादसा एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करता है कि आखिर राज्य में सड़क सुरक्षा के लिए बनाए गए नियम और कानून कितने कारगर हैं। जिस समय यह दुर्घटना हुई, वह रात्रि का समय था और सड़कों पर वाहनों की रफ्तार आमतौर पर अधिक होती है। ऐसे में ट्रेलरों और भारी वाहनों पर नजर रखने की जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन और परिवहन विभाग की होती है, जो अक्सर लापरवाही का शिकार हो जाती है।
परिवार पर टूटा दुख का पहाड़
इस हादसे ने एक सामान्य परिवार की खुशियों को चकनाचूर कर दिया। जितेंद्र कुमार जो अपने परिवार के साथ किसी पारिवारिक कार्यक्रम में जा रहे थे, उन्हें शायद ही यह अंदेशा रहा होगा कि यह यात्रा उनके बेटे की आखिरी यात्रा बन जाएगी। घायल पत्नी और बेटी की हालत भी गंभीर बनी हुई है और अस्पताल में इलाज जारी है।
जांच और कानूनी कार्रवाई की आवश्यकता
पुलिस प्रशासन का कहना है कि ट्रेलर चालक के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही स्थानीय लोग मांग कर रहे हैं कि फतुहा जैसे व्यस्त मार्गों पर यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए विशेष निगरानी और ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसे हादसों को रोका जा सके। यह हादसा सिर्फ एक परिवार की त्रासदी नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी है कि सड़क सुरक्षा को लेकर अब और लापरवाही नहीं बरती जानी चाहिए।
