शिवहर में पुरानी दीवार गिरने से दर्दनाक हादसा, सात बच्चे गंभीर रूप से घायल, अस्पताल में भर्ती
शिवहर। शिवहर जिले के मसौढ़ा गांव में एक दुर्भाग्यपूर्ण हादसा उस समय घटित हुआ, जब जंगल से भागकर आया एक बंदर ग्रामीणों के लिए कौतूहल का विषय बन गया। यह घटना सुबह के समय की है, जब गांव में लोग अपने रोजमर्रा के काम में लगे थे। तभी अचानक जंगल की ओर से एक बड़ा बंदर गांव में आ गया। इसे देखने के लिए बड़ी संख्या में बच्चे और ग्रामीण एकत्र हो गए। बंदर को देखने की उत्सुकता इतनी अधिक थी कि कुछ बच्चे एक जर्जर और पुरानी दीवार पर चढ़ गए, जिससे उन्हें बेहतर दृश्य मिल सके।
भीड़ और हलचल के बीच दीवार का ढहना
जैसे-जैसे भीड़ बढ़ी, दीवार पर चढ़े बच्चों की संख्या भी बढ़ती गई। इसी दौरान हलचल और वजन के कारण वह पुरानी दीवार अचानक भरभराकर गिर गई। इस हादसे में सात बच्चे मलबे के नीचे दब गए। दीवार गिरते ही पूरे गांव में अफरा-तफरी मच गई और चीख-पुकार शुरू हो गई। यह दृश्य अत्यंत मार्मिक था क्योंकि बच्चे गंभीर रूप से घायल हो चुके थे और आसपास के लोग स्तब्ध होकर भाग-दौड़ करने लगे।
स्थानीय लोगों की तत्परता और राहत कार्य
घटना होते ही स्थानीय ग्रामीणों ने बिना देर किए मलबा हटाना शुरू किया और बच्चों को बाहर निकाला। बच्चों को तुरंत शिवहर सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार शुरू किया। जानकारी के अनुसार, पांच बच्चों का इलाज शिवहर में ही चल रहा है, जबकि दो बच्चों की हालत गंभीर होने के कारण उन्हें सीतामढ़ी के एक निजी नर्सिंग होम में रेफर किया गया है।
घायलों की पहचान और अस्पताल में हलचल
घायल बच्चों में अदिति कुमारी, अनुराधा कुमारी, शिवानी कुमारी, ऋषभ कुमार सहित अन्य तीन बच्चे शामिल हैं। सभी बच्चे सामान्य ग्रामीण परिवारों से हैं और उनकी उम्र 6 से 12 वर्ष के बीच बताई जा रही है। अस्पताल परिसर में परिजनों की भीड़ जुट गई है, और हर कोई अपने घायल बच्चों को देखने और उनका हाल जानने के लिए चिंतित है।
प्रशासनिक प्रतिक्रिया और नेताओं की उपस्थिति
घटना की जानकारी मिलते ही पिपराही थाना अध्यक्ष सुबोध कुमार महतो ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि बंदर को देखने के दौरान दीवार गिरने की वजह से यह हादसा हुआ है और मामले की जांच की जा रही है। वहीं, भाजपा प्रदेश कार्ड समिति के सदस्य रामबाबू गुप्ता और स्थानीय नेता आनंद सागर भी अस्पताल पहुंचे और घायलों को हर संभव सहायता देने की बात कही। उन्होंने परिजनों को सांत्वना दी और इलाज के समुचित प्रबंध का भरोसा दिलाया।
गांव में भय और चर्चा का माहौल
मसौढ़ा गांव में यह घटना तेजी से चर्चा का विषय बन गई है। ग्रामीणों के मन में अभी भी भय और चिंता का माहौल है। यह घटना न केवल एक दर्दनाक हादसा है, बल्कि प्रशासन और ग्रामीणों के लिए एक चेतावनी भी है कि जर्जर भवनों और दीवारों की स्थिति की समय रहते जांच कर कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि भविष्य में इस तरह की दुर्घटनाएं रोकी जा सकें। इस घटना ने यह भी दर्शाया कि किस प्रकार एक छोटी सी उत्सुकता बड़े हादसे में बदल सकती है, यदि आसपास की संरचनाएं सुरक्षित नहीं हों। प्रशासनिक और सामाजिक स्तर पर इससे सबक लेने की आवश्यकता है।


