नौबतपुर में रंगदारी के विरोध में सड़कों पर उतरे व्यापारी, दुकानें बंदकर जमकर किया प्रदर्शन

पटना। जिले के नौबतपुर में एक बार फिर अपराध और असुरक्षा की घटनाओं ने आम लोगों को झकझोर दिया है। मंगलवार को नौबतपुर के व्यापारी रंगदारी मांगने और अपराधियों की लगातार फायरिंग की घटनाओं से आक्रोशित होकर सड़क पर उतर आए। इस दौरान उन्होंने अपनी दुकानें बंद कर विरोध प्रदर्शन किया और पुलिस प्रशासन से सुरक्षा की मांग की।
मुख्य बाजार में बंद का असर और व्यापारियों की मांगें
व्यापारियों ने नौबतपुर के मुख्य बाजार को पूरी तरह बंद कर दिया और थाना परिसर तक मार्च करते हुए जमकर नारेबाजी की। उनका कहना था कि अपराधियों की बढ़ती हिम्मत के कारण वे भय के माहौल में व्यापार करने को मजबूर हैं। उन्होंने मांग की कि बाजार में स्थायी पुलिस पीकेट की स्थापना की जाए और नियमित गश्ती बढ़ाई जाए ताकि अपराधियों के हौसले पस्त हों।
लगातार हो रही फायरिंग और बढ़ती रंगदारी की घटनाएं
नौबतपुर बाजार, जो थाना से मात्र 500 मीटर की दूरी पर स्थित है, वहां पिछले कुछ महीनों में कई बार अपराधियों द्वारा रंगदारी की मांग को लेकर फायरिंग की गई है। इसके बावजूद पुलिस की ओर से कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हो पाई है। यह स्थिति व्यापारियों के लिए चिंता का विषय बन गई है। व्यापारियों ने आरोप लगाया कि अपराधी खुलेआम हथियार लेकर घूमते हैं, और पुलिस बल की कमी का बहाना बनाकर प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा है।
दवा दुकानदार की हत्या से गहराया संकट
इस पूरे विवाद की पृष्ठभूमि में एक दर्दनाक घटना है। 11 फरवरी 2024 को मुख्य बाजार के प्रसिद्ध दवा दुकानदार डॉ. बृजभान प्रसाद की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने इस मामले में दो अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है, लेकिन अब वही आरोपी जेल से मृतक के बेटों को केस वापस लेने की धमकी दे रहे हैं। यह न केवल पीड़ित परिवार के लिए, बल्कि पूरे व्यापारिक समुदाय के लिए अत्यंत भयावह स्थिति है।
परिवार की चेतावनी और प्रशासन की उदासीनता
मृतक व्यापारी डॉ. बृजभान प्रसाद के बेटे भवेश कुमार ने स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने शीघ्र ठोस कदम नहीं उठाया, तो वे अपना व्यवसाय समेटकर बिहार से बाहर चले जाएंगे। उन्होंने कहा कि एक ओर उनके पिता की हत्या हो गई, दूसरी ओर अपराधियों की धमकियों से उनका परिवार डरा हुआ है, और प्रशासन केवल कागजी कार्रवाई में व्यस्त है।
व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर खतरे के बादल
स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि अगर इस तरह की घटनाएं जारी रहीं और पुलिस द्वारा अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई नहीं की गई, तो पूरे क्षेत्र का व्यापारिक माहौल बिगड़ जाएगा। व्यापारी वर्ग राज्य की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और यदि वे असुरक्षित महसूस करेंगे, तो इसका असर न केवल बाजार पर, बल्कि स्थानीय समाज पर भी पड़ेगा। नौबतपुर में घटित यह घटना केवल एक बाजार या एक परिवार की समस्या नहीं है, बल्कि यह पूरे सिस्टम पर सवाल खड़ा करती है। सुरक्षा, कानून-व्यवस्था और अपराध पर नियंत्रण केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि समाज की भी सामूहिक अपेक्षा है। अब देखना यह है कि प्रशासन व्यापारियों की इस पीड़ा को कितनी गंभीरता से लेता है और कब तक ठोस कदम उठाता है।
