पटना में बेकाबू ट्रैक्टर ने दो बच्चियों को कुचला, दोनों की मौत, लोगों ने ड्राइवर को पीटा
पटना। जिले के बाढ़ अनुमंडल क्षेत्र के शहरी अमरपुर गांव में शुक्रवार देर शाम को एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ, जिसने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया। गांव में एक बेकाबू ट्रैक्टर ने दो मासूम बच्चियों को कुचल दिया, जिससे उनकी मौत हो गई। यह घटना दोपहर के समय की बताई जा रही है जब दोनों बच्चियां अपने घर के सामने खेल रही थीं।
खेलते वक्त हुआ हादसा
मृत बच्चियों में बड़ी बहन अंजली कुमारी तीसरी कक्षा की छात्रा थी और छोटी बहन अनीषा की उम्र मात्र डेढ़ वर्ष थी। दोनों बहनें घर के दरवाजे पर खेल रही थीं। तभी तेज रफ्तार से आ रहा ट्रैक्टर अनियंत्रित हो गया और बच्चियों को कुचलते हुए निकल गया। परिजनों का कहना है कि दोनों बच्चियां ट्रैक्टर के पीछे लगे रोटावेटर में फंस गईं और करीब बीस फीट तक घसीटती चली गईं।
मौत की पुष्टि और इलाज की कोशिश
इस हादसे में अंजली की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि अनीषा को गंभीर अवस्था में बाढ़ अनुमंडलीय अस्पताल ले जाया गया। वहां से हालत गंभीर देखकर उसे पटना के पीएमसीएच रेफर कर दिया गया। लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद इलाज के दौरान अनीषा ने भी दम तोड़ दिया।
लापरवाह चालक और हादसे की वजह
परिजनों ने जो जानकारी दी, वह घटना की भयावहता को और बढ़ा देती है। मृत बच्चियों के दादा बजरंगी पासवान ने बताया कि ट्रैक्टर में दो चालक सवार थे, जो आपस में स्टेयरिंग छीनते हुए वाहन चला रहे थे। वे गाड़ी चलाते हुए समोसा खा रहे थे और लापरवाही की हदें पार कर चुके थे। पहले उन्होंने एक ठेले पर बैठे लोगों को टक्कर मारी, लेकिन वे किसी तरह जान बचाकर भाग निकले। उसके बाद बच्चियों को कुचल दिया गया।
ग्रामीणों का आक्रोश और विरोध
घटना के बाद पूरे गांव में आक्रोश फैल गया। मृत बच्चियों के परिजनों और गांव के लोगों ने सड़क को लगभग चार घंटे तक जाम रखा। इस बीच एक ड्राइवर को पकड़कर ग्रामीणों ने बुरी तरह पीटा और उसे एक कमरे में बंद कर दिया। बाकी दो चालक मौके से भाग निकले। भीड़ इतनी उग्र हो चुकी थी कि पुलिस को पांच थानों से बल बुलाकर भेजना पड़ा।
पुलिस की मध्यस्थता और राहत
घटना स्थल पर पहुंची पुलिस ने काफी प्रयास के बाद परिजनों और ग्रामीणों को समझाकर सड़क जाम हटवाया। घायल ड्राइवर को ग्रामीणों के कब्जे से छुड़ाकर अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से उसे गंभीर हालत में पटना रेफर किया गया। यह घटना न केवल एक परिवार की निजी त्रासदी है, बल्कि लापरवाह ड्राइविंग और ट्रैफिक नियंत्रण की विफलता का भी ज्वलंत उदाहरण है। दो मासूम बच्चियों की मौत ने पूरे गांव को गम में डुबो दिया है और यह सवाल उठाता है कि क्या ऐसे वाहनों और चालकों पर समय रहते सख्ती नहीं बरती जानी चाहिए? ऐसे हादसे रोकने के लिए प्रशासन को तत्काल प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि किसी और परिवार को ऐसी पीड़ा से न गुजरना पड़े।


