‘टोटल फेल’ नीतीश सरकार के लिए ‘पास’ होने का मौका,आत्ममुग्धता छोड़ धरातल पर कार्य करें,कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने कहा
पटना।प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नहीं चाहने के बावजूद लाखों की संख्या में बाहर फंसे श्रमिक तथा छात्र बिहार पहुंच रहे हैं।ऐसे में बिहार प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने कहा कि ऐसी परिस्थिति में सरकार के लिए कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकना तथा आने वाले सभी प्रवासियों को सुरक्षित क्वॉरेंटाइन तथा आइसोलेशन का व्यवस्था करना अनिवार्य रूप से आवश्यक है।प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि वे जानते हैं कि बिहार सरकार वर्तमान में बेहद ही खराब प्रदर्शन के दौर से गुजर रही है।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राज में कायम लालफीताशाही हरे क्षेत्र में सरकार को फेल कर चुकी है।प्रदेश के सभी जिलों में क्वॉरेंटाइन सेंटर के हालात बद से बदतर हैं।स्थिति ऐसी है कि वहां भर्ती कराए जा रहे लोग भागने पर विवश हो जाते हैं।ऐसी परिस्थिति में प्रदेश आने वाले लाखों प्रवासियों कि उचित व्यवस्था करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को विशेष रुप से पहल करनी होगी।बिहार प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने कहा है कि प्रदेश सरकार तो पहले से ही हर मोर्चे पर फेल है।मगर एक बार और सरकार को अच्छा तथा उत्कृष्ट प्रदर्शन करने का एक मौका मिला है।कम से कम इस बार लाखों-करोड़ों लोगों के जीवन के अस्तित्व को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार को युद्ध स्तर पर आगे आना होगा।आमतौर पर बड़ी से बड़ी समस्या में राजनीति तथा चेहरा चमकाने की कोशिश करने वाली नीतीश सरकार को अपनी कुंभकर्णी निद्रा से जागना होगा।उन्होंने कहा कि प्रदेश के हर बड़बोले मंत्री तथा प्रवक्ता को भी पूर्ण होशियारी के साथ राज्य सरकार का साथ देना होगा।उन्होंने कहा कि विपक्ष मौजूदा हालात से बेहतरीन तरीके से निपटने के लिए पूरी तरह से सरकार के साथ है। बिहार प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने कहा कि वर्तमान में बिहार के हालात राजनीति करने की योग्य नहीं है।कठिनाइयां तथा चुनौतियां बढ़ती जा रही है।ऐसे में पक्ष-विपक्ष को एक होकर धरातल पर रणनीति का निर्माण कर आम जनों के हितों में प्रभावी फैसले लेते हुए प्रत्यक्ष चुनौतियों का सामना करना होगा।उन्होंने कहा कि लाखों की संख्या में बाहर फंसे श्रमिक तथा छात्र बिहार लौटने वाले हैं।हालांकि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नहीं चाहते थे कि लॉक डाउन की अवधि में वे लोग बिहार आएं,मगर अब तो वे लोग आ रहे हैं।ऐसी स्थिति में जब प्रदेश सरकार की तरफ से सिर्फ कागजी तैयारी ही की गई है,कठिनाइयों का बढ़ जाना कोई अतिशयोक्ति की बात नहीं होगी,उन्होंने कहा कि सरकार इस समय अपने ‘सुपर विल पावर’ का प्रयोग करे।बेहतर से बेहतर क्वॉरेंटाइन सेंटर तथा टेस्टिंग को प्राथमिकता दें।खुशामद तथा चापलूसी के बदौलत बड़े पदों पर जमे अधिकारियों को इस वक्त छुट्टी दे देने की आवश्यकता है। इस समय अगर पूर्णरूपेण सक्रिय तथा जिम्मेदार अधिकारी महत्वपूर्ण पदों पर बैठेंगे तो संभवत कठिनाइयों से बेहतरीन तरीके से निपटा जा सकेगा।


