ममता बनर्जी ने इंडिया गठबंधन को दिया बड़ा झटका, बंगाल की सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी टीएमसी

नई दिल्ली। विपक्ष के इंडिया गठबंधन के लिए एक बड़ा झटका देते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को घोषणा की कि उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) राज्य में आगामी लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेगी। उन्होंने महत्वपूर्ण चुनावों में अकेले लड़ने के अपने फैसले के लिए ब्लॉक के एक प्रमुख सदस्य, कांग्रेस के साथ सीट-साझाकरण वार्ता विफल होने का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि मैंने उन्हें जो भी प्रस्ताव दिया, उन्होंने सभी को अस्वीकार कर दिया। बनर्जी ने कहा कि तब से, हमने बंगाल में अकेले जाने का फैसला किया है। विपक्ष एकजुट होकर बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए को पटखनी देने, चुनावी चुनौती देने का दम भर रहा था लेकिन अब ममता ने बंगाल में विपक्षी गठबंधन को बड़ा झटका दे दिया है। इससे पहले ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल की कुल 42 सीटों में से कांग्रेस को 2 सीट का ऑफर दिया था। जाहिर तौर पर यह बात कांग्रेस को हजम नहीं हुई। पश्चिम बंगाल में कांग्रेस ने 8 से 14 सीट की मांग टीएमसी के सामने रखी थी। इस पर अब ममता बनर्जी ने अपना रुख साफ कर दिया था। कालीघाट में पार्टी नेताओं को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने यह भी कहा कि कांग्रेस सीट शेयरिंग में देरी कर रही है। इससे नुकसान हो रहा है। टीएमसी के गढ़ बीरभूम जिले में पार्टी की एक संगठनात्मक बैठक हुई है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने निर्देश दिया है कि नेता जमीन मजबूत करें और अकेले चुनाव लड़ने के लिए तैयार रहें। ममता बनर्जी ने कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया है कि सीट-बंटवारे के बारे में सोचना बद कर दें। ममता बनर्जी ने स्पष्ट रूप से कहा कि हमें कांग्रेस के साथ सीट-बंटवारे की बातचीत के बारे में सोचने की ज़रूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि पार्टी ने कांग्रेस को 2 सीटों की पेशकश की थी लेकिन कांग्रेस 10-12 सीटों की मांग कर रही है, जिसके लिए ममता बनर्जी तैयार नहीं हैं। इंडिया ब्लॉक के नेता यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि राज्यों में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला क्या होगा। कांग्रेस इंडिया ब्लॉक की सबसे बड़ी पार्टी है। टीएमसी सुप्रीमो ने कांग्रेस पर निराशा व्यक्त करते हुए दावा किया कि उन्होंने उन्हें पश्चिम बंगाल में अपनी नियोजित भारत जोड़ो न्याय यात्रा के बारे में भी सूचित नहीं किया। उन्होंने कहा, “शिष्टाचार के नाते, उन्होंने मुझे यह भी सूचित नहीं किया कि वे बंगाल में यात्रा आयोजित करने जा रहे हैं।” बनर्जी के फैसले से लोकसभा चुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ एकजुट मोर्चा पेश करने के विपक्ष के प्रयासों में बाधा उत्पन्न हुई है। जिस राज्य में कांग्रेस की सरकार नहीं है, वहां कांग्रेस को बेहद कम सीटों का ऑफर दिया जा रहा है, जिसे सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी अपमान समझ रही है। तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी कांग्रेस की मांग को अनुचित बता रही हैं। कांग्रेस 12 सीटें मांग रही है, जिसे ममता बनर्जी अनुचित बताकर देने के लिए तैयार नहीं हैं। ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल में सीट बंटवारे पर चर्चा में देरी के लिए कांग्रेस पर हमलावर हैं। दीदी ने लगे हाथ यह भी साफ कर दिया था कि जरूरत पड़ने पर टीएमसी अकेले चुनाव भी लड़ने का फैसला कर सकती है। कांग्रेस नेता कह रहे हैं कि कांग्रेस देशभर में 300 सीट पर लोकसभा चुनाव लड़ेगी। इस पर ममता बनर्जी ने कहा कि कांग्रेस ने बाकी सीटें भी क्यों छोड़ी है? कांग्रेस की किसी भी भीख नहीं चाहिए। हम अपने दम पर बंगाल की सभी सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं। बताते चलें कि 2019 के लोकसभा चुनावों में टीएमसी को 22 सीटों पर जीत मिली थी, जबकि कांग्रेस ने दो सीटें जीतीं थी और भाजपा ने राज्य में 18 सीटें हासिल की थी।

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