बंगाल चुनाव की मतगणना : शुरुआती रुझानों में टीएमसी को कोई खासा नुकसान नहीं, भाजपा की स्थिति मजबूत

सेंट्रल डेस्क । बंगाल चुनाव की मतगणना में शुरुआती रुझानों के मुताबिक, 10 साल से सत्ता पर काबिज टीएमसी को कोई खासा नुकसान होता नहीं दिख रहा लेकिन इसके साथ ही बीजेपी की स्थिति भी मजबूत हो गई है। साल 2011 की बात करें तो यहां बीजेपी को एक भी सीट नहीं मिली थी और साल 2016 में बीजेपी के हाथ महज तीन विधानसभा सीटें थीं। हालांकि, आज बीजेपी रुझानों में सैंकड़ा पार कर चुकी है।

साल 2014 तक बंगाल की राजनीति में बीजेपी कहीं नहीं थी। साल 2011 के विधानसभा चुनावों में भी जब टीएमसी ने कम्युनिस्ट पार्टी आॅफ इंडिया (मार्क्सवादी) को सत्ता से उखाड़ फेंका था, तब भी बीजेपी का वोट शेयर महज 4.1 प्रतिशत रहा था। हालांकि, इस बार विधानसभा चुनाव सीधे टीएमसी और बीजेपी के बीच ही हो रहा है।
बंगाल में बीजेपी के मजबूत होने के पीछे एक बड़ी वजह लेफ्ट फ्रंट का कमजोर पड़ना भी माना जा रहा है। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में लेफ्ट फ्रंट को 29 फीसदी वोट मिले थे। हालांकि, यह घटकर साल 2019 के लोकसभा चुनावों में महज 7.46 प्रतिशत रह गया था।
वहीं, दूसरी तरफ बीजेपी का वोट बैंक साल 2014 में सिर्फ 17 प्रतिशत था लेकिन यह 2019 के लोकसभा चुनाव में बढ़कर 40.25 प्रतिशत पर पहुंच गया था। राज्य में साल 2016 से 2019 के बीच हुए चुनावों में टीएमसी का वोट शेयर भी 2 प्रतिशत कम हुआ था। अगर स्पष्ट आंकड़ों में बात करें तो साल 2016 से 2019 के बीच लेफ्ट फ्रंट के करीब 1 करोड़ मतदाता बीजेपी की तरफ आ गए।
ये थे पिछली विधानसभा चुनाव के नतीजे
साल 2016 के ही विधानसभा चुनावों को देखें तो लेफ्ट-कांग्रेस गठबंधन को राज्य में 77 सीटें मिली थीं। वहीं, भारतीय जनता पार्टी के हाथ में महज 3 सीटें आई थीं। उस समय टीएमसी को 210 सीटों पर जीत मिली थी। वहीं अन्य के हाथ भी 4 सीटें लगी थीं।