राजगीर में भीषण गर्मी के कारण बदली जू और नेचर सफारी की टाइमिंग, 24 अप्रैल से नया शेड्यूल लागू

नालंदा। नालंदा जिले के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल राजगीर में बढ़ती गर्मी को देखते हुए पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग ने राजगीर जू सफारी और नेचर सफारी के समय में बदलाव करने का फैसला लिया है। यह निर्णय पर्यटकों और वन्यजीवों दोनों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
24 अप्रैल से लागू होगा नया समय
जू और नेचर सफारी के निदेशक द्वारा जारी संयुक्त आदेश के अनुसार, 24 अप्रैल से अगले आदेश तक सफारी का संचालन सुबह 6 बजे से दोपहर 2 बजे तक ही किया जाएगा। इस दौरान पर्यटकों को प्रवेश की अनुमति दोपहर 12 बजे तक ही दी जाएगी। इसके बाद प्रवेश पर रोक रहेगी ताकि पर्यटक समय पर भ्रमण पूरा कर सकें और दोपहर की तेज गर्मी से बच सकें।
40 डिग्री के पार पहुंचा तापमान
बिहार मौसम सेवा केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार, राजगीर का तापमान इन दिनों 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है और आने वाले दिनों में इसके और बढ़ने की संभावना जताई गई है। दोपहर के समय लू चलने की आशंका भी बढ़ गई है, जो पर्यटकों और कर्मचारियों के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकती है।
वन्यजीवों की सुरक्षा भी अहम मुद्दा
गर्मी का असर सिर्फ पर्यटकों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि वन्यजीवों के स्वास्थ्य पर भी इसका गहरा प्रभाव पड़ता है। तेज गर्मी में पशु अधिक थकान महसूस करते हैं और पानी की कमी से उनकी स्थिति बिगड़ सकती है। ऐसे में जू और नेचर सफारी के संचालन समय में बदलाव से उन्हें गर्मी के चरम समय से बचाने में मदद मिलेगी।
सावधानी बरतने की सलाह
विभाग ने सभी पर्यटकों से अपील की है कि वे सफारी भ्रमण के दौरान पर्याप्त मात्रा में पानी साथ रखें, हल्के और ढीले कपड़े पहनें, छाया में रहें और सिर ढक कर रखें ताकि लू से बचाव हो सके। साथ ही निर्देश दिया गया है कि दोपहर 2 बजे के बाद कोई भी पर्यटक परिसर में न रुके।
पिछले वर्ष भी बदला गया था समय
यह पहला मौका नहीं है जब गर्मी को देखते हुए समय में बदलाव किया गया है। पिछले वर्ष भी इसी तरह गर्मी के मौसम में सफारी के समय में परिवर्तन किया गया था। विभाग का यह कदम सराहनीय है क्योंकि इससे न केवल पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित होती है, बल्कि वन्यजीवों के लिए भी अनुकूल वातावरण बना रहता है।
समय पर निर्णय से राहत की उम्मीद
राजगीर में हर साल बड़ी संख्या में पर्यटक जू सफारी और नेचर सफारी का आनंद लेने आते हैं। ऐसे में यह समय परिवर्तन न सिर्फ एक आवश्यक कदम है, बल्कि एक जिम्मेदार प्रशासनिक निर्णय भी है। उम्मीद की जा रही है कि इस बदलाव से पर्यटकों को सुरक्षित और संतुलित अनुभव मिलेगा और गर्मी के प्रभाव से राहत मिल सकेगी।
