October 29, 2025

पालीगंज में एक परिवार के तीन लोगों की तबीयत बिगड़ने से मौत, गांव में पसरा मातम

पटना। जिले के पालीगंज अनुमंडल के चंदोस पंचायत अंतर्गत करहरा गांव में एक दर्दनाक घटना ने पूरे गांव को गहरे शोक में डाल दिया। एक ही परिवार के तीन सदस्यों की रहस्यमयी परिस्थितियों में मौत हो गई, जबकि परिवार की महिला सदस्य की हालत नाजुक बनी हुई है और उसे पीएमसीएच, पटना में भर्ती कराया गया है। इस हृदयविदारक घटना ने चारों ओर मातम का माहौल पैदा कर दिया है और लोग घटना के कारणों को लेकर चिंतित हैं।
घटना का विवरण
गांव के ही निवासी नीरज कुमार साव, उनके दो छोटे बेटे छह वर्षीय निर्भय कुमार और तीन वर्षीय निर्बल कुमार अचानक बीमार पड़ गए। नीरज और उनके छोटे बेटे निर्बल की हालत ज्यादा बिगड़ने पर परिवार वालों ने उन्हें पहले स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन चिकित्सकों ने उनकी गंभीर स्थिति देखते हुए पीएमसीएच रेफर कर दिया। इलाज के दौरान दोनों की मौत हो गई। इसी बीच घर पर ही नीरज के बड़े बेटे निर्भय की तबीयत अचानक इतनी खराब हो गई कि उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
पीड़ित परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
यह घटना परिवार के लिए किसी बड़ी त्रासदी से कम नहीं है। नीरज कुमार साव मेहनत-मजदूरी करके परिवार का भरण-पोषण करते थे। अचानक परिवार के मुखिया और मासूम बच्चों की मौत से इस घर पर गहरा संकट आ गया है। नीरज की पत्नी की हालत भी गंभीर बनी हुई है और उनका इलाज पीएमसीएच में किया जा रहा है। डॉक्टरों की टीम लगातार प्रयास कर रही है कि उन्हें बचाया जा सके।
ग्रामीणों की प्रतिक्रिया
गांव में जब मौत की सूचना फैली तो चारों ओर मातम पसर गया। हर कोई इस घटना से सकते में है। लोग विश्वास ही नहीं कर पा रहे हैं कि एक ही परिवार पर इतना बड़ा संकट अचानक टूट सकता है। मृतकों के परिजनों के पास लोगों का तांता लगा हुआ है। ग्रामीण लगातार घर पहुंचकर परिवार को ढांढस बंधाने का प्रयास कर रहे हैं। करहरा गांव और आसपास के इलाके में यह घटना चर्चाओं का विषय बनी हुई है और हर कोई इसके कारणों को जानना चाहता है।
पुलिस की जांच
घटना की जानकारी मिलते ही सिंगोड़ी थाना पुलिस मौके पर पहुंची और पूरे मामले की जांच शुरू कर दी। थाना प्रभारी प्रमोद का कहना है कि मौत के सही कारणों का पता पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही चल सकेगा। फिलहाल प्राथमिक जांच में यह आशंका जताई जा रही है कि मौत का कारण विषाक्त भोजन या पानी हो सकता है। पुलिस इस बात की पुष्टि करने के लिए परिवार द्वारा खाए गए भोजन, पानी और अन्य परिस्थितियों की जांच कर रही है।
संभावित कारण और संदेह
स्थानीय लोगों और स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों का कहना है कि अचानक एक ही परिवार के चार सदस्यों की तबीयत बिगड़ना विषाक्त भोजन या जहरीली गैस जैसी किसी वजह से हो सकता है। गांव में भी यह चर्चा है कि संभवतः परिवार के लोगों ने कोई ऐसा भोजन किया होगा जिससे यह स्थिति बनी। हालांकि, अभी तक कोई भी ठोस निष्कर्ष नहीं निकला है और जांच पूरी होने के बाद ही सच्चाई सामने आएगी।
सामाजिक और भावनात्मक असर
इस घटना का असर पूरे गांव पर देखा जा सकता है। बच्चे और बुजुर्ग सभी गमगीन हैं। ग्रामीणों का कहना है कि मासूम बच्चों की अचानक मौत ने सभी को अंदर तक झकझोर दिया है। ये बच्चे पूरे गांव के चहचहाट थे और उनकी असमय मौत किसी को भी भीतर तक दुखी कर देने वाली है। परिवार की आर्थिक और सामाजिक स्थिति पहले से ही सामान्य थी, ऐसे में यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना उनके लिए जीवन का सबसे बड़ा संकट लेकर आई है।
प्रशासन से अपेक्षा
ग्रामीण प्रशासन और सरकार से मांग कर रहे हैं कि इस परिवार को तत्काल मदद पहुंचाई जाए ताकि संकट की घड़ी में वे अकेले न रहें। सभी की नजर प्रशासन की कार्रवाइयों पर टिकी है क्योंकि यह घटना केवल उस परिवार की त्रासदी नहीं बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी है कि ऐसी परिस्थितियों से निपटने के लिए ठोस कदम उठाना जरूरी है। पालीगंज अनुमंडल के करहरा गांव की यह घटना पूरे जिले में चर्चा का विषय बन चुकी है। पिता और दो मासूम बच्चों की मौत ने हर किसी को स्तब्ध कर दिया है। नीरज की पत्नी की गंभीर हालत ने इस त्रासदी को और गहरा कर दिया है। पुलिस और प्रशासन अब इस बात की जांच में जुटे हैं कि परिवार की मौत आखिर किन परिस्थितियों में हुई। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से ही स्थिति साफ हो सकेगी, लेकिन इस घटना ने यह संकेत जरूर दे दिया है कि ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सुरक्षा और जागरूकता को लेकर अभी बहुत काम किया जाना बाकी है। गांव में पसरे मातम और पीड़ित परिवार की स्थिति हर किसी को यही सोचने पर मजबूर कर रही है कि आखिर कब तक आम इंसान ऐसी रहस्यमयी और दुखद घटनाओं का शिकार होता रहेगा।

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