तेजस्वी की घोषणा पर सम्राट चौधरी का तंज, कहा- वे केवल सपने दिखा रहे, इनकी चाल समझ चुकी है जनता
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, राज्य की सियासत दिन-ब-दिन गर्माती जा रही है। बुधवार को आरजेडी नेता और महागठबंधन के प्रमुख चेहरा तेजस्वी यादव ने पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जिविका दीदियों और ठेका कर्मचारियों के लिए कई बड़ी घोषणाएं कीं। उनके इन वादों ने बिहार की राजनीति में नई हलचल मचा दी। जहां आरजेडी समर्थकों ने इसे “महिलाओं और गरीब वर्ग के सशक्तिकरण” की दिशा में उठाया गया कदम बताया, वहीं एनडीए के नेताओं ने इसे चुनावी छलावा करार दिया। उपमुख्यमंत्री और बीजेपी नेता सम्राट चौधरी ने तेजस्वी पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि “वे केवल सपने दिखा रहे हैं, और बिहार की जनता अब उनकी चाल समझ चुकी है।”
तेजस्वी यादव की बड़ी घोषणाएं
पटना में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान तेजस्वी यादव ने कहा कि यदि महागठबंधन की सरकार बनी, तो जिविका दीदियों को स्थायी सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाएगा। इसके साथ ही उनका मासिक वेतन बढ़ाकर 30,000 रुपये किया जाएगा। उन्होंने यह भी घोषणा की कि इन महिलाओं को लिए गए लोन पर ब्याज पूरी तरह माफ कर दिया जाएगा और आने वाले दो वर्षों तक ब्याज-मुक्त ऋण की सुविधा दी जाएगी। तेजस्वी ने आगे कहा कि प्रत्येक जिविका दीदी को 2,000 रुपये का अतिरिक्त भत्ता दिया जाएगा, और उनके सभी कैडरों के लिए 5 लाख रुपये का बीमा कवर लागू किया जाएगा। उन्होंने दावा किया कि यह कदम महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है। इसके अलावा, उन्होंने ठेका कर्मचारियों के नियमितीकरण की भी बात कही, जिससे बड़ी संख्या में अस्थायी कर्मचारियों को राहत मिलने की संभावना जताई जा रही है।
बीजेपी का तीखा पलटवार
तेजस्वी यादव की घोषणाओं के तुरंत बाद एनडीए नेताओं ने उन पर तीखे प्रहार किए। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि “आरजेडी के इन वादों में कोई सच्चाई नहीं है। जो खुशहाली आज जिविका दीदियों की जिंदगी में आई है, वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की योजनाओं की वजह से है।” उन्होंने आरोप लगाया कि आरजेडी जनता को फिर से झूठे सपनों में फंसा रही है, जैसे पहले कर चुकी है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर तेजस्वी यादव और उनके परिवार पर करारा प्रहार किया। उन्होंने कहा, “तेजस्वी यादव वही कर रहे हैं जो उनके माता-पिता 15 साल तक करते रहे—बिहार की जनता को सपने दिखाना और फिर उन्हें लूट लेना। पूरा बिहार जानता है कि ये लोग केवल वादों की राजनीति करते हैं और जब सत्ता में आते हैं तो भ्रष्टाचार में डूब जाते हैं।”
सम्राट चौधरी का आरोप: “भ्रष्टाचार ही इनकी पहचान”
सम्राट चौधरी ने कहा कि तेजस्वी यादव और उनका परिवार भ्रष्टाचार की राजनीति का प्रतीक बन चुका है। उन्होंने याद दिलाया कि लालू-राबड़ी शासनकाल में बिहार की हालत किस तरह बिगड़ गई थी और राज्य “जंगलराज” के नाम से जाना जाने लगा था। उन्होंने कहा कि “तेजस्वी यादव आज नई पीढ़ी को वही पुरानी कहानी सुना रहे हैं, लेकिन बिहार की जनता अब जाग चुकी है। वह विकास चाहती है, न कि अपराध और भ्रष्टाचार की वापसी।” उन्होंने यह भी कहा कि तेजस्वी के वादों की कोई वित्तीय आधार नहीं है। अगर राज्य सरकार को इतनी बड़ी योजनाएं लागू करनी हैं तो उसके लिए करोड़ों का बजट चाहिए, जो वर्तमान आर्थिक परिस्थिति में संभव नहीं है। सम्राट चौधरी ने कहा कि “तेजस्वी यादव जानते हैं कि वे कभी सत्ता में नहीं आएंगे, इसलिए वे बिना सोचे-समझे सपने बेच रहे हैं।”
तेजस्वी का पलटवार: “डबल इंजन सरकार ने सिर्फ कर्ज दिया”
तेजस्वी यादव ने भी बीजेपी नेताओं के आरोपों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि मौजूदा डबल इंजन सरकार ने महिलाओं को सशक्त बनाने के नाम पर केवल कर्ज का बोझ दिया है। उन्होंने “माई बहिन मान योजना” को भ्रष्टाचार से जुड़ा बताते हुए कहा कि सरकार ने चुनाव से पहले 10,000 रुपये की राशि देकर जनता को गुमराह करने की कोशिश की है। तेजस्वी ने दावा किया कि “यह योजना वास्तव में चुनावी रिश्वत है, जिसे चुनाव के बाद जनता से वसूला जाएगा।” उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार ने नौजवानों, किसानों और महिलाओं के साथ छल किया है। रोजगार की बात करने वाले खुद अपने वादों से पीछे हट गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर महागठबंधन सत्ता में आता है, तो बिहार को फिर से विकास की राह पर लाया जाएगा और युवाओं को स्थायी रोजगार दिए जाएंगे।
बिहार की सियासत में बढ़ता चुनावी तापमान
तेजस्वी की घोषणाओं और बीजेपी के तीखे हमलों के बीच बिहार की राजनीति और भी गरमा गई है। आगामी विधानसभा चुनाव में एनडीए और महागठबंधन आमने-सामने हैं। एनडीए में भाजपा, जेडीयू, एलजेपी (रामविलास), हम (सेक्युलर) और आरएलएम शामिल हैं। वहीं, महागठबंधन में आरजेडी, कांग्रेस, सीपीआई माले, सीपीआई, सीपीएम और वीआईपी जैसी पार्टियां शामिल हैं। इसके अलावा प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ने भी सभी 243 सीटों पर उतरने का ऐलान किया है। तेजस्वी यादव की घोषणाओं ने बिहार की राजनीति में नई हलचल तो जरूर पैदा कर दी है, लेकिन इनके आर्थिक और व्यावहारिक पक्ष पर अभी भी सवाल बने हुए हैं। बीजेपी इसे चुनावी जुमला बता रही है, जबकि आरजेडी इसे सामाजिक न्याय और महिला सशक्तिकरण की दिशा में ऐतिहासिक कदम बता रही है। चुनाव नजदीक हैं और दोनों ही गठबंधन अपने-अपने एजेंडे को जनता तक पहुंचाने में जुट गए हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि बिहार की जनता तेजस्वी के वादों पर भरोसा करती है या सम्राट चौधरी के आरोपों को सही मानती है। फिलहाल इतना तय है कि चुनावी मैदान में आरोप-प्रत्यारोप का दौर अब और तेज होने वाला है।


