बिहार में 15 दिसंबर के बाद से पड़ेगी कड़ाके की ठंड, धुंध के कारण जहरीली हवा में सांस लेना हुआ मुश्किल

पटना। बिहार के मौसम में लगातार उतार-चढ़ाव जारी है। प्रदेश में ठंड बढ़ने के साथ ही कोहरा भी घना होता जा रहा है। अभी से 3 दिन पहले की बात करें तो प्रदेश का सबसे ठंडा शहर गया था जहां का न्यूनतम तापमान 7.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था। वही मंगलवार को गया के न्यूनतम तापमान में लगभग 5.6 डिग्री की वृद्धि दर्ज की गई और तापमान बढ़कर 13 डिग्री सेल्सियस हो गया। मौसम विभाग की मानें तो बंगाल की खाड़ी में उठे चक्रवात के चलते ठंड बढ़ने में दो से तीन दिन का समय और लग सकता है। वही मौसम विभाग की मानें तो बिहार में ठंड बढ़ने में अभी 2 से 3 दिनों का समय और लग सकता है। दिसंबर के शुरुआती हफ्ते में जैसे ही पछुआ हवा का प्रभाव शुरू हुआ था, बिहार के अधिकतर जिलों में न्यूनतम तापमान और अधिकतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई थी। लेकिन उसी बीच बंगाल की खाड़ी में एक चक्रवात विकसित हुआ। इसके प्रभाव से राज्य में आंशिक रूप से न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी हो गई।
धुआं और धुंध की मात्रा बढ़ने से बिहार की हवा में फैला ज़हर, सांस लेना हुआ मुश्किल
इधर, बिहार में सांसों पर संकट गहरा गया है। धूल-कण, धुआं और धुंध की मात्रा बढ़ने के कारण राज्य के विभिन्न जिलों में चलने वाली हवा लोगों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो गई है। पहली बार राज्य के 12 जिलों का एक्यूआई लेवल एक साथ खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। पटना की हवा में वाहनों से निकलने कार्बन मोनो ऑक्साइड और पीएम 2.5 से की मात्रा बढ़ा हुआ है। इसके कारण सड़क पर चलने वाले लोगों को आंखों में जलन हो रहा है। वहीं बीते कुछ दिनों में कई शहरों के न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इस साल प्रदेश में मानसून देर तक रहने के कारण सुबह में ठंड भी देर से शुरू हुई। वहीं राज्य में पछुआ हवा के कारण लगातार न्यूनतम और अधिकतम तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है। कभी न्यूनतम तापमान बढ़ रहा है तो कभी वह घटता हुआ दिखाई दे रहा है। वहीं मंगलवार के दिन प्रदेश के 21 जिलों के न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी हुई है। जिसमें राजधानी पटना, अररिया, पूर्णिया, कटिहार, समेत कई जिलों के तापमान में वृद्धि हुई है।

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