लॉकडाउन में मिली छूट के बाद पटना में दिखी रौनक, मंडियों में दुकानदारों के चेहरे से गायब दिखे मास्क

पटना। कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए पिछले माह 5 मई को लगाए गए राज्य में लॉकडाउन के बाद संक्रमण का ग्राफ घटने के मद्देनजर सरकार ने छूट दी है। लगभग एक माह बाद राजधानी पटना में बुधवार को नए नियमों के साथ बाजार खुल गए। वहीं 25 प्रतिशत उपस्थिति के साथ सरकारी कार्यालयों में कामकाज शुरू हो गए। जरूरी कामों से लोग खरीदारी के लिए दुकानों में पहुंचे। कई तरह की दुकानें खुलने की वजह से बाजारों में चहल-पहल रही। दुकानदार और ग्राहक कोरोना गाइडलाइन का पालन करते दिखे। वहीं शहर में ठेला चालकों की चहल-पहल बढ़ी हुई दिखी। दो बजे शहर के सड़क से लेकर बाजार तक गुलजार रहे। जो सख्तियां सुबह से होनी चाहिए थी, वह 2 बजे के बाद ही शुरू हुई। सड़क पर ट्रैफिक रोकने और बेवजह निकली गाड़ियों से पूछताछ भी शुरू हुई, तो मंडियों में जवान डंडे चलाते भी मिले।
चितकोहरा में मंडी में ग्राहकों में मास्क लगाने की जागरुकता तो दिखी लेकिन ज्यादातर दुकानदार ही इस गाइडलाइन का मजाक उड़ाते दिखे। पटना में कोरोना कहर जिस तरह से बरपा है उसके बाद भी दुकानदार कहीं से सहमे हुए नहीं दिखते। किराना या बाकी दुकानों में यह जागरुकता थोड़ा दिखी भी, लेकिन सब्जी बेचने वालों में इसकी कोई परवाह ही नहीं।

गुलजारबाग की दो मंडियों का हाल भी कमोबेश यही रहा। दादर मंडी में लोगों की चहल-पहल ज्यादा दिखी। सब्जी, फल, किराना और पूजा-पाठ की सामानों के साथ-साथ कपड़े की भी दुकानें खुली हुई मिलीं। यही हाल मीना बाजार का भी दिखा। बेधड़क होकर यहां भी कई दुकानदारों ने कपड़े की दुकान खोल रखी थीं। किसी ने शटर को आधा गिरा रखा था तो किसी ने पूरी तरह से ही दुकान खोल रखी थी। ठेले पर श्रृंगार की दुकानों में भी महिलाओं की काफी भीड़ दिखी। कुल मिलाकर दोनों ही मंडियों में बुधवार को आम दिनों वाला माहौल देखने को मिला।
महिलाओं समेत कई लोग आज भी बगैर मास्क के घूमते दिखे। दूसरी तरफ जिला प्रशासन की बनाई गई धावा दल की टीम भी अचानक छापामारी करने के लिए मीना बाजार पहुंची थी। उस वक्त 2 नहीं बजे थे। धावा दल की गाड़ी को देख कर जिन दुकानदारों ने चोरी से अपने कपड़े की दुकानों को खोल रखा था, उन्होंने तुरंत उसे बंद करना शुरू कर दिया।