दिल्ली ब्लास्ट पर बोले पीएम, कहा- दोषी बख्शे नहीं जाएंगे, मृतकों की संख्या 12 हुई, डेटोनेटर से हुआ ब्लास्ट
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में सोमवार शाम हुए भीषण धमाके ने पूरे देश को झकझोर दिया है। लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर-1 के पास हुई इस वारदात में अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। जबकि 20 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हैं और उनका इलाज दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है। इस दर्दनाक हादसे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि “देश इस मुश्किल घड़ी में पीड़ित परिवारों के साथ खड़ा है। दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।”
लाल किले के पास हुआ भयावह धमाका
सोमवार शाम करीब 6:52 बजे दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले के पास स्थित मेट्रो स्टेशन की पार्किंग में एक सफेद रंग की आई-20 कार में धमाका हुआ। धमाका इतना तेज था कि आसपास की इमारतों के शीशे चटक गए और कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। मौके पर अफरातफरी का माहौल बन गया। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, विस्फोट के बाद कार से आग की लपटें उठीं और आसमान में काले धुएं का गुबार छा गया। सीसीटीवी फुटेज में दिखा कि विस्फोट से ठीक पहले कार पार्किंग से बाहर निकल रही थी। फुटेज में कार के अंदर एक व्यक्ति को काले मास्क में बैठे देखा गया, जिसकी पहचान पुलवामा निवासी डॉ. मोहम्मद उमर नबी के रूप में हुई है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, उमर ने विस्फोटकों के साथ खुद को उड़ा लिया।
विस्फोट की प्रकृति और शुरुआती जांच
दिल्ली पुलिस की प्रारंभिक जांच में पता चला है कि धमाका डेटोनेटर, अमोनियम नाइट्रेट और फ्यूल के मिश्रण से हुआ था। यह विस्फोट तकनीकी रूप से तैयार किया गया था ताकि अधिक से अधिक नुकसान हो सके। सूत्रों का कहना है कि कार में विस्फोटक लगाने का तरीका किसी प्रशिक्षित आतंकी का काम प्रतीत होता है। जांच एजेंसियों को शक है कि इस धमाके के पीछे आतंकी साजिश है, जिसके तार जम्मू-कश्मीर से जुड़े हो सकते हैं। इस संभावना के चलते एनआईए, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और खुफिया एजेंसियां संयुक्त जांच कर रही हैं।
आतंकी उमर की पहचान और कश्मीर कनेक्शन
विस्फोट में मारे गए आतंकी की पहचान पुलवामा निवासी डॉक्टर मोहम्मद उमर नबी के रूप में की गई है। उमर ने 2017 में श्रीनगर के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस किया था और फिलहाल हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल फलाह यूनिवर्सिटी में शिक्षक के रूप में कार्यरत था। सूत्रों के अनुसार, उमर ने कार पुलवामा के ही रहने वाले तारिक नामक व्यक्ति से खरीदी थी। सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा युवक उसी कार को चला रहा था। धमाके के बाद दिल्ली पुलिस ने पुलवामा में उमर के घर पर छापा मारा, जहां उसकी मां और दो भाइयों को हिरासत में लेकर डीएनए सैंपल लिए गए हैं। इन सैंपल्स को दिल्ली भेजा गया है ताकि शव की पहचान सुनिश्चित की जा सके।
प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो इन दिनों दो दिवसीय भूटान दौरे पर हैं, ने इस घटना पर गहरी संवेदना जताई। उन्होंने कहा, “पूरा देश दिल्ली विस्फोट से प्रभावित परिवारों के साथ खड़ा है। इस जघन्य अपराध के दोषियों को किसी भी हाल में छोड़ा नहीं जाएगा।” इस बीच, गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में हाई-लेवल सिक्योरिटी मीटिंग बुलाई, जो करीब डेढ़ घंटे तक चली। मीटिंग में दिल्ली पुलिस, एनआईए, आईबी और रॉ के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क रहने और देशभर में संभावित आतंकी गतिविधियों पर नजर रखने के निर्देश दिए गए।
अल फलाह यूनिवर्सिटी और फरीदाबाद में छापेमारी
फरीदाबाद पुलिस ने मंगलवार सुबह अल फलाह यूनिवर्सिटी को पूरी तरह घेर लिया। वहां आतंकी उमर के काम करने की पुष्टि हुई है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, यूनिवर्सिटी से जुड़े तीन डॉक्टरों को पहले भी विस्फोटक सामग्री रखने के मामले में गिरफ्तार किया गया था। इसके चलते फरीदाबाद और उसके आसपास के इलाकों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। इसके अलावा धौज, फतेहपुर तगा और मस्जिदों में भी तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। स्थानीय पुलिस और एटीएस टीमें जांच में लगी हैं। दिल्ली से लेकर हरियाणा और जम्मू-कश्मीर तक सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं।
लाल किला और मेट्रो स्टेशन बंद
सुरक्षा कारणों से दिल्ली के लाल किले को 13 नवंबर तक पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया है। वहीं, लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 1 और 4 को भी बंद कर दिया गया है। दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने यात्रियों से वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करने की अपील की है। पुलिस ने पहाड़गंज, दरियागंज और आसपास के सभी होटलों में रातभर तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान चार संदिग्ध लोगों की पहचान की गई है, जिनसे पूछताछ जारी है। पुलिस टीमों ने सभी होटलों के विजिटर रजिस्टर और सीसीटीवी फुटेज की जांच की है।
मृतकों और घायलों की स्थिति
धमाके में अब तक 12 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 20 से अधिक घायल हैं। मरने वालों में दो महिलाएं शामिल हैं। मृतकों के परिजन मंगलवार सुबह से लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल के मोर्चरी के बाहर जमा हैं। पुलिस ने बताया कि दो शवों की पहचान हो चुकी है, जबकि बाकी की पहचान डीएनए परीक्षण से की जाएगी। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने अस्पताल जाकर घायलों से मुलाकात की और कहा कि सभी घायल व्यक्तियों को सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधा दी जा रही है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और सुरक्षा चेतावनी
धमाके के बाद अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने अपने नागरिकों को एडवाइजरी जारी की है, जिसमें उन्हें लाल किले और आसपास के इलाकों से दूर रहने की सलाह दी गई है। भारत सरकार ने भी सुरक्षा एजेंसियों को देशभर में सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। प्रमुख रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और हवाई अड्डों पर सुरक्षा जांच बढ़ा दी गई है।
दिल्ली में बढ़ी चौकसी और जनता से अपील
दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने बताया कि शहर के हर भीड़भाड़ वाले क्षेत्र में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। उन्होंने कहा कि “जांच तेजी से चल रही है और हमें उम्मीद है कि इस हमले में शामिल लोगों के नेटवर्क का जल्द खुलासा होगा।” उन्होंने नागरिकों से अपील की कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस कंट्रोल रूम को दें और अफवाहों पर ध्यान न दें। दिल्ली का यह धमाका एक बार फिर देश की राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है। हालांकि, इस घटना के बाद केंद्र और राज्य सरकारों ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए त्वरित कदम उठाए हैं। प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की कड़ी प्रतिक्रिया से यह स्पष्ट है कि सरकार इस आतंकी वारदात को हल्के में नहीं ले रही। अब जांच एजेंसियों के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि वे आतंकी उमर नबी के नेटवर्क का पूरा भंडाफोड़ करें और उन ताकतों को बेनकाब करें जो देश की शांति और स्थिरता को चुनौती दे रही हैं। फिलहाल दिल्ली में सन्नाटा और चौकसी दोनों का माहौल है, लेकिन देश की जनता इस उम्मीद में है कि दोषियों को जल्द से जल्द उनके किए की सजा मिलेगी।


