युवा उद्यमी के तौर पर जाना पहचाना नाम बने मो. परवेज, PK की कंपनी में कर चुके हैं काम

पटना (संतोष कुमार)। “कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से तो उछालो यारो” यह कहावत बिहार की राजधानी पटना के युवा उद्यमी मोहम्मद परवेज आलम पर सटीक बैठती है। पटना के फुलवारी शरीफ थाना अंतर्गत आजाद नगर के रहने वाले मो. परवेज आज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। वे टेक्सटाइल उद्योग धंधे के क्षेत्र में युवा उद्यमी के तौर पर खुद को स्थापित कर लिया है। उनके कारखाने पर बने शर्ट बिहार के विभिन्न जिलों में भेजे जा रहे हैं और लोग उनके कारखाने में तैयार शर्ट को पहनकर संतुष्ट भी दिख रहे हैं। यही कारण है कि 20 से 25 लाख रुपये की बजट में लगभग 4 साल पूर्व उनके द्वारा शुरू किए गए टेक्सटाइल उद्योग का आज सालाना टर्न ओवर 50 से 60 लाख रुपए का हो चुका है।

मो. परवेज ने एक खास मुलाकात में बताया कि कुछ वर्ष पूर्व मैं एमबीए कोर्स करने जयपुर गया था, वहां हमने देखा कि वहां के टेक्सटाइल उद्योगों में बिहार के कारीगर काम कर रहे हैं तो मैंने उन लोगों से बात की और कहा कि मैं बिहार में खुद का टेक्सटाइल उद्योग स्थापित करूंगा तो मैं आप लोगों को रखूंगा। एमबीए कोर्स कंप्लीट करने के बाद मैंने अपने शहर पटना लौटा और 2015 में “फैशन फ्लाई” के नाम से फुलवारी के आजाद नगर में टेक्सटाइल उद्योग की बुनियाद रखी और मैंने जयपुर में काम कर रहे कारीगरों से संपर्क साधा और उन्हें अपने घर बिहार बुलाया। मो. परवेज ने बताया कि शुरुआती दौर में 20 से 25 लाख की बजट से चार-पांच सिलाई मशीन के सहारे उद्योग की शुरुआत की और शर्ट बनाने का कार्य प्रारंभ किया। धीरे-धीरे कारोबार चल निकला। आज हमारे पास 15 से 20 मशीनें हैं और लगभग 45 कर्मचारी कार्यरत हैं, जिसमें महिलाएं भी शामिल हैं। यहां तीन शिफ्ट में कार्य होती है। उन्होंने कहा कि मैं बिहार के लोगों को कम कीमत पर अच्छी शर्ट पहनाना चाहता हूं, जो मुहिम आज तक जारी है। हमारे यहां 600 से 700 रेंज में अच्छी क्वालिटी का शर्ट उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि हमारे उद्योग में बनाए गए शर्ट बिहार के विभिन्न जिलों में जाती है। जिसमें हाजीपुर, सिवान, गोपालगंज, अररिया, पूर्णिया, किशनगंज आदि जिले शामिल हैं। वहीं हमारे उद्योग के माध्यम से महिलाएं भी स्वाबलंबी बन रही हैं। वे शर्ट पर धागा, बटन टांगना आदि का कार्य करती हैं। जिससे उन्हें रोजगार मिल रही है।
बता दें कि मो. परवेज जब जयपुर से एमबीए कोर्स पूरा करने के बाद 2015 में अपने घर बिहार लौटे तो उन्होंने राजनीतिक पार्टी के लिए काम शुरू की। उन्होंने प्रशांत किशोर के टीम में शामिल होकर मैनेजमेंट का काम देखा लेकिन जब उन्हें लगा कि बिहार के लिए कुछ किया जाए तो उन्होंने टेक्सटाइल उद्योग के बारे में सोचा। उन्हें बिहार के युवा उद्यमी के लिए 2017 में इंटरनेशनल युवा उद्यमी अवार्ड और 2018 में युवा उद्यमी अवार्ड से सम्मानित किया गया।

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