दिल्ली में बड़ा आतंकी हमला नाकाम, पुलिस ने आईएसआईएस मॉड्यूल के दो आतंकवादियों को दबोचा, सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में एक बड़े आतंकी हमले की साजिश को पुलिस ने विफल कर दिया है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने आईएसआईएस से जुड़े दो आतंकियों को गिरफ्तार किया है, जिनकी गिरफ्तारी ने न केवल सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है, बल्कि इस बात की भी पुष्टि की है कि आतंकी संगठन अब भी भारत में अपने नेटवर्क को फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। इन दोनों आतंकियों की गिरफ्तारी को देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए एक बड़ी सफलता माना जा रहा है।
गिरफ्तारी की बड़ी कार्रवाई
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक संयुक्त अभियान में दो संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया है। इनमें से एक आतंकी को साउथ दिल्ली के निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से दबोचा गया, जबकि दूसरा मध्य प्रदेश के भोपाल से पकड़ा गया। दोनों आतंकियों की उम्र 20 से 26 वर्ष के बीच बताई जा रही है। शुरुआती पूछताछ में सामने आया है कि दोनों किसी बड़े फिदायीन हमले की साजिश रच रहे थे और हमले की योजना लगभग आखिरी चरण में थी।
आईएसआईएस मॉड्यूल से जुड़ा नेटवर्क
पुलिस जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि दोनों गिरफ्तार आरोपी आईएसआईएस के मॉड्यूल से जुड़े हुए थे। ये दोनों लंबे समय से सोशल मीडिया और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के ज़रिए कट्टरपंथी विचारधारा से प्रभावित हुए थे। अधिकारियों के अनुसार, ये लोग “ऑनलाइन रेडिकलाइजेशन” के ज़रिए संगठन से जुड़े और धीरे-धीरे फिदायीन हमले की ट्रेनिंग लेने लगे। उनका नेटवर्क दिल्ली-एनसीआर, भोपाल, और अन्य प्रमुख शहरों तक फैला हुआ था।
आईएसआई से संपर्क और विदेशी हैंडलर्स की भूमिका
दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि पूछताछ के दौरान यह जानकारी मिली है कि गिरफ्तार आतंकियों के पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से सीधे संपर्क थे। दोनों आतंकियों को आईएसआई के हैंडलर्स से ऑनलाइन निर्देश मिलते थे। इन हैंडलर्स ने ही उन्हें भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने का टारगेट दिया था। ये आतंकी दिल्ली समेत कई बड़े शहरों में धमाका करने की योजना बना रहे थे।
बरामद हुई संदिग्ध सामग्री
गिरफ्तारी के दौरान पुलिस को उनके पास से कई संदिग्ध वस्तुएं बरामद हुई हैं। इनमें डिजिटल डिवाइस, मोबाइल फोन, लैपटॉप, नक्शे और कुछ रासायनिक पदार्थ शामिल हैं। प्रारंभिक जांच में यह संकेत मिला है कि ये सामग्री विस्फोटक उपकरण (आईईडी) बनाने के लिए प्रयोग में लाई जा सकती थी। पुलिस के अनुसार, आतंकी आईईडी ब्लास्ट की योजना पर काम कर रहे थे और फिदायीन हमले के लिए पूरी तरह तैयार हो चुके थे।
दोनों आतंकियों की पहचान और गिरफ्तारी का तरीका
पुलिस ने दोनों आतंकियों की पहचान अदनान नाम से की है। इनमें से एक दिल्ली के सादिक नगर क्षेत्र से पकड़ा गया, जबकि दूसरा भोपाल से गिरफ्तार हुआ। दोनों को ट्रैक करने के लिए दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस और खुफिया इनपुट का इस्तेमाल किया। पिछले कई हफ्तों से पुलिस इनके मूवमेंट पर नजर रख रही थी। जैसे ही यह पुष्टि हुई कि ये किसी बड़ी वारदात की तैयारी में हैं, तुरंत दोनों को दबोच लिया गया।
सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप
इस गिरफ्तारी के बाद देशभर की सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं। दिल्ली पुलिस, एनआईए और आईबी संयुक्त रूप से मामले की गहराई से जांच कर रही हैं। अधिकारियों का कहना है कि यह आईएसआईएस का “एक्टिव मॉड्यूल” है जो भारत में आतंकी नेटवर्क को मजबूत करने की कोशिश में था। जांच में यह भी सामने आया है कि दोनों आतंकी अपने संगठन के नए सदस्यों की भर्ती करने का काम भी कर रहे थे और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से युवाओं को भड़काने का प्रयास कर रहे थे।
दिल्ली-एनसीआर सहित कई शहरों में थी साजिश
सूत्रों के अनुसार, यह मॉड्यूल केवल दिल्ली तक सीमित नहीं था। इनके निशाने पर दिल्ली-एनसीआर, भोपाल, लखनऊ और जयपुर जैसे शहर थे। जांच एजेंसियों का कहना है कि ये लोग भीड़भाड़ वाले इलाकों में विस्फोट करने की योजना बना रहे थे ताकि अधिक से अधिक लोगों को नुकसान पहुंचाया जा सके। सुरक्षा एजेंसियों ने कई अन्य संदिग्ध ठिकानों पर भी छापेमारी शुरू कर दी है ताकि इस नेटवर्क के अन्य सदस्यों को पकड़ा जा सके।
ऑनलाइन कट्टरपंथ का बढ़ता खतरा
यह मामला एक बार फिर यह दर्शाता है कि आतंकवादी संगठन सोशल मीडिया और इंटरनेट के माध्यम से युवाओं को बहकाने और उन्हें आतंक के रास्ते पर ले जाने में कितने सक्रिय हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में “ऑनलाइन रेडिकलाइजेशन” के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में सरकार और सुरक्षा एजेंसियों के लिए यह एक गंभीर चुनौती बन गई है कि कैसे इंटरनेट पर फैल रही कट्टरपंथी विचारधाराओं पर नियंत्रण किया जाए।
भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए बड़ी सफलता
दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की यह कार्रवाई भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है। समय रहते इन आतंकियों की गिरफ्तारी ने एक बड़े हमले को टाल दिया। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में इस नेटवर्क से जुड़े और लोगों की गिरफ्तारी संभव है। इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि भारत की खुफिया एजेंसियां और पुलिस बल सतर्क हैं और किसी भी आतंकी साजिश को सफल नहीं होने देंगे। दिल्ली में आईएसआईएस मॉड्यूल के दो आतंकियों की गिरफ्तारी ने यह साफ कर दिया है कि आतंकवाद का खतरा आज भी देश के सामने एक गंभीर चुनौती बना हुआ है। हालांकि पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता ने एक बड़े हादसे को टाल दिया, लेकिन यह घटना इस बात की चेतावनी है कि देश के युवा वर्ग को ऑनलाइन प्रचार और भ्रामक विचारधाराओं से बचाने के लिए समाज, सरकार और परिवारों को मिलकर काम करना होगा। जब तक ऐसे नेटवर्कों की जड़ें पूरी तरह खत्म नहीं होतीं, तब तक देश की सुरक्षा के प्रति सजग रहना ही सबसे बड़ा बचाव है।


