September 30, 2025

नीतीश पर तेजस्वी का पलटवार, कहा- महिलाएं भ्रम में ना रहे, चुनाव बाद पूरी राशि वसूल करेगी सरकार

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही राज्य की सियासत और भी गरमा गई है। सत्ताधारी दल जहां अपनी योजनाओं और कामकाज का बखान कर रहा है, वहीं विपक्ष लगातार सवाल खड़े कर रहा है। इसी क्रम में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला बोला। महिला रोजगार योजना के तहत 75 लाख महिलाओं को 10-10 हजार रुपये दिए जाने को लेकर उन्होंने सरकार की नीयत पर ही सवाल खड़े कर दिए।
महिला रोजगार योजना पर सवाल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल ही में महिला रोजगार योजना के तहत बड़ी संख्या में महिलाओं के खातों में राशि ट्रांसफर की। इस योजना को चुनाव से जोड़ते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि यह सिर्फ दिखावा है। उन्होंने दावा किया कि चुनाव खत्म होने के बाद यही पैसा महिलाओं से वापस लिया जाएगा। उनके अनुसार, सरकार पहले दो-तीन महीने तक राशि देगी, लेकिन बाद में विभिन्न तरीकों से वसूली की प्रक्रिया शुरू कर देगी।
केंद्र सरकार की हिस्सेदारी पर शंका
तेजस्वी यादव ने इस योजना की पारदर्शिता पर भी प्रश्न उठाया। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट किया जाए कि इस योजना में केंद्र सरकार का योगदान कितना है। उनका आरोप था कि प्रधानमंत्री ने इसे बड़ी योजना के रूप में प्रस्तुत किया, लेकिन असल में इसमें केंद्र का कोई भी पैसा शामिल नहीं है। तेजस्वी का कहना था कि राज्य सरकार महिलाओं को सिर्फ चुनावी लाभ पाने के लिए भ्रमित कर रही है।
महिला सुरक्षा पर आरोप-प्रत्यारोप
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा था कि राजद शासनकाल में महिलाएं घर से बाहर निकलने से डरती थीं। इस पर तेजस्वी यादव ने पलटवार करते हुए कहा कि आज भी बिहार में महिलाओं के खिलाफ अपराध रुक नहीं रहे हैं। उन्होंने पत्रकारों से अपील की कि वे पिछले एक महीने का डेटा देखें कि कितनी महिलाओं के साथ बलात्कार और हत्याएं हुई हैं। तेजस्वी ने सवाल उठाया कि यदि 17 महीने उनकी सरकार रही, तो क्या उस दौरान महिलाएं घर से बाहर नहीं निकलती थीं? उन्होंने कहा कि एनडीए के पास बोलने के लिए कुछ ठोस नहीं है, इसलिए वे इस तरह के बयान देते हैं।
भ्रष्टाचार मुक्त सरकार का दावा
तेजस्वी यादव ने यह भी कहा कि उनकी प्राथमिकता बिहार को भ्रष्टाचार मुक्त सरकार देना है। उन्होंने नीतीश सरकार पर आरोप लगाया कि मौजूदा शासनकाल में भ्रष्टाचार बढ़ा है और कानून व्यवस्था की स्थिति बदतर होती जा रही है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि पत्रकारों को मंत्री पीटते हैं और पुलिस एफआईआर तक दर्ज करने से इनकार कर देती है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या यही सुशासन है या फिर इसे जंगलराज कहा जाना चाहिए।
अमित शाह पर भी हमला
तेजस्वी यादव ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि अमित शाह को देश की समस्याओं से कोई लेना-देना नहीं है। वे केवल चुनाव आते ही बिहार का दौरा करते हैं। तेजस्वी ने आरोप लगाया कि उनके लिए जनता की समस्याओं से ज्यादा चुनावी राजनीति मायने रखती है।
चुनावी माहौल में बढ़ती सियासी जंग
तेजस्वी यादव के इन बयानों से साफ है कि बिहार की राजनीति चुनावी मोड़ पर पूरी तरह सक्रिय हो चुकी है। जहां सत्ता पक्ष योजनाओं और विकास कार्यों का प्रचार कर रहा है, वहीं विपक्ष उसे दिखावा और चुनावी स्टंट करार दे रहा है। तेजस्वी का कहना है कि जनता को भ्रमित करने की कोशिश हो रही है और उन्हें वास्तविकता समझनी होगी। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला लगातार तेज होता जा रहा है। महिला रोजगार योजना फिलहाल चर्चा का केंद्र बन गई है। सत्ता पक्ष इसे महिलाओं की सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम बता रहा है, वहीं विपक्ष इसे छलावा और चुनावी हथकंडा कह रहा है। अब यह देखने वाली बात होगी कि जनता किसकी बात पर भरोसा करती है और आगामी चुनाव में किसे अपना समर्थन देती है।

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