अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज को लेकर तेजस्वी का हमला, कहा- बर्बर सरकार का छात्रों पर अत्याचार करना मुख्य शौक, भारी पड़ेगा

पटना। राजधानी पटना में मंगलवार को उस समय हंगामे की स्थिति बन गई जब बीपीएससी टीआरई-3 (शिक्षक भर्ती परीक्षा चरण-3) के अभ्यर्थी अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री आवास की ओर कूच कर गए। पहले से ही गर्दनीबाग धरना स्थल पर डटे इन अभ्यर्थियों ने इस बार सीधा सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए सीएम हाउस के बाहर जबरदस्त प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव की स्थिति उत्पन्न हो गई, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर हालात पर काबू पाने की कोशिश की।
सप्लीमेंट्री रिजल्ट को लेकर प्रदर्शन
अभ्यर्थियों की मुख्य मांग बीपीएससी टीआरई-3 परीक्षा का सप्लीमेंट्री रिजल्ट जल्द जारी करने की है। उनका आरोप है कि बार-बार अनुरोध करने के बावजूद आयोग या संबंधित विभाग की ओर से कोई ठोस जवाब नहीं दिया जा रहा है। उनका कहना है कि कई योग्य उम्मीदवारों को वंचित कर दिया गया है और अब उनके भविष्य को अंधकार में डालने की कोशिश की जा रही है। इसी कारण वे लंबे समय से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं और अब सीएम आवास तक पहुंच गए।
पुलिस की कार्रवाई और गिरफ्तारी
प्रदर्शन के दौरान जब अभ्यर्थी प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश करने लगे, तो मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने उन्हें कई बार चेतावनी दी। लेकिन जब अभ्यर्थी पीछे हटने को तैयार नहीं हुए, तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इस कार्रवाई में कई प्रदर्शनकारी घायल हो गए और कई को हिरासत में भी ले लिया गया। इसके बाद इलाके में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। हालांकि बाद में स्थिति पर काबू पा लिया गया, लेकिन छात्रों के भीतर गुस्सा और नाराजगी बनी रही।
तेजस्वी यादव ने सरकार पर बोला हमला
पुलिस कार्रवाई पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बिहार सरकार की कड़ी आलोचना की। उन्होंने सोशल मीडिया पर लाठीचार्ज का वीडियो साझा करते हुए सरकार को “निकम्मी”, “बर्बर” और “छात्रविरोधी” करार दिया। उन्होंने लिखा कि लोकतांत्रिक तरीके से अपनी मांग रखने वाले युवाओं को पीटना इस सरकार की आदत बन चुकी है। तेजस्वी ने यह भी आरोप लगाया कि नीतीश-बीजेपी सरकार अपराधियों और भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देती है, लेकिन युवाओं और छात्रों को सजा देती है।
छात्रों के समर्थन में विपक्ष एकजुट
तेजस्वी यादव के इस बयान के बाद विपक्षी दलों में भी छात्रों के समर्थन में आवाजें उठने लगी हैं। वे यह सवाल कर रहे हैं कि जब अभ्यर्थी केवल पारदर्शी प्रक्रिया और न्याय की मांग कर रहे हैं, तो उन पर बल प्रयोग क्यों किया जा रहा है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर सरकार छात्रों की मांगों पर गंभीरता से विचार नहीं करती, तो विपक्ष राज्यभर में व्यापक आंदोलन खड़ा करेगा।
अभ्यर्थियों की चेतावनी और आगे की रणनीति
प्रदर्शन के बाद छात्रों ने साफ कर दिया है कि यदि आयोग जल्द सप्लीमेंट्री रिजल्ट जारी नहीं करता और पारदर्शिता सुनिश्चित नहीं की जाती, तो उनका आंदोलन और उग्र होगा। उन्होंने यह भी कहा कि वे अब पीछे हटने वाले नहीं हैं और जब तक न्याय नहीं मिलेगा, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा।
