महागठबंधन के विधायकों के साथ आज बैठक करेंगे तेजस्वी, विधानसभा सत्र पर होगी चर्चा, बनेगी रणनीति
पटना। बिहार में नई सरकार के गठन के बाद राजनीतिक गतिविधियाँ फिर से तेज हो गई हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के शपथ ग्रहण के बाद अब राज्य विधानसभा का पहला सत्र 1 दिसंबर से 5 दिसंबर तक आयोजित होने जा रहा है। यह सत्र कई दृष्टियों से महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि इसमें नवनिर्वाचित विधायकों का शपथ ग्रहण, विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव और सरकार की पहली विधायी कार्रवाई शामिल होगी। इसी सिलसिले में विपक्षी दल महागठबंधन भी अपनी रणनीति तैयार करने में जुट गया है।
1 दिसंबर से शुरू होगा विधानसभा का पहला सत्र
विधानसभा के पहले दिन नवनिर्वाचित विधायकों का शपथ ग्रहण किया जाएगा। इसके बाद सदन में अध्यक्ष का चुनाव होगा। सत्र के दौरान राज्यपाल का अभिभाषण भी निर्धारित है, जिसमें सरकार के एजेंडे और प्राथमिकताओं का उल्लेख होगा। इसके अलावा वित्तीय और विधायी मामलों पर भी चर्चा की जाएगी। यह सत्र नई सरकार के कामकाज की दिशा तय करने के साथ-साथ विपक्ष की मजबूती का भी परीक्षण होगा।
आज महागठबंधन की बैठक, तेजस्वी करेंगे नेतृत्व
महागठबंधन की ओर से शनिवार को एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई है। यह बैठक दोपहर एक बजे एक पोलो रोड स्थित आवास पर होगी, जिसकी अध्यक्षता आरजेडी नेता और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव करेंगे। पार्टी के सभी 25 नवनिर्वाचित विधायक इस बैठक में भाग लेंगे। बैठक में विधानसभा सत्र के दौरान उठाए जाने वाले मुद्दों, विपक्ष की रणनीति, प्रश्नोत्तर की तैयारी, सरकार को घेरने के संभावित बिंदुओं और सदन में महागठबंधन की भूमिका पर विस्तृत चर्चा होगी। तेजस्वी यादव विपक्ष की अगुवाई कर रहे हैं, और इसी कड़ी में आज की बैठक को बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
कांग्रेस और वामदलों के विधायकों की भी संयुक्त बैठक
आरजेडी विधायकों की बैठक के बाद कांग्रेस और वाम दलों के नवनिर्वाचित विधायक भी एक पोलो रोड पर जुटेंगे। यह महागठबंधन दलों की संयुक्त बैठक होगी, जिसमें सदन में विपक्ष की एकजुट भूमिका और साझा रणनीति पर बात होगी। विपक्ष इस बार सदन में एक मजबूत और समन्वित भूमिका निभाने पर जोर दे रहा है, ताकि सरकार के कामकाज पर सख्त नजर रखी जा सके। राजद पहले ही तेजस्वी यादव को नेता प्रतिपक्ष के रूप में चुन चुका है। विधानसभा सत्र शुरू होने पर इसकी औपचारिक अधिसूचना भी जारी कर दी जाएगी, जिसके बाद तेजस्वी आधिकारिक रूप से विपक्ष का नेतृत्व करेंगे।
चुनाव में हार के बाद समीक्षा का दौर जारी
विधानसभा चुनाव में महागठबंधन को उम्मीद के मुताबिक सफलता नहीं मिली, विशेषकर आरजेडी को काफी नुकसान उठाना पड़ा। चुनाव परिणामों के बाद पार्टी के भीतर समीक्षा बैठकों का दौर लगातार जारी है। शुक्रवार को पूर्णिया प्रमंडल के नेताओं और प्रत्याशियों की बैठक हुई, जिसमें हारे और जीते दोनों प्रकार के उम्मीदवारों ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट पेश की। मगध और सारण प्रमंडल की तरह पूर्णिया से भी भितरघातियों की सूची पार्टी नेतृत्व को सौंप दी गई है। पिछले तीन दिनों में कुल तीन प्रमंडलों से 300 से अधिक भितरघातियों की सूची आरजेडी के शीर्ष नेतृत्व को मिल चुकी है। यह जानकारी बताती है कि पार्टी अंदरूनी टूट और अनुशासनहीनता को अत्यंत गंभीरता से ले रही है।
चुनाव में महिलाओं की भूमिका और राशि वितरण पर चर्चा
पार्टी बैठकों में यह मुद्दा भी उठाया गया कि चुनाव में महिलाओं को दी गई 10-10 हजार रुपये की राशि और इसके प्रभाव ने कैसे चुनावी परिणामों को प्रभावित किया। जीविका समूह से जुड़ी महिलाओं की भूमिका का भी विस्तृत विश्लेषण किया जा रहा है। कई नेताओं का मानना है कि महिलाओं से जुड़े सरकारी कार्यक्रमों ने कहीं न कहीं महागठबंधन के वोट बैंक को प्रभावित किया है।
आज होगी कोसी प्रमंडल की समीक्षा बैठक
समीक्षा बैठकों का सिलसिला अभी समाप्त नहीं हुआ है। शनिवार को कोसी प्रमंडल की बैठक निर्धारित है, जहां प्रत्याशी, जिला अध्यक्ष और प्रमुख पदाधिकारी चुनावी हार के कारणों और भविष्य की तैयारी पर चर्चा करेंगे। महागठबंधन का प्रयास है कि आने वाले विधानसभा सत्र और भविष्य की राजनीतिक लड़ाई के लिए संगठन को मजबूत किया जाए। बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र की शुरुआत नजदीक है और महागठबंधन पूरी सक्रियता के साथ अपनी रणनीति को सुदृढ़ करने में जुटा है। तेजस्वी यादव के नेतृत्व में आज होने वाली बैठकें विपक्ष की आगामी भूमिका को स्पष्ट करने में महत्वपूर्ण साबित होंगी। चुनावी हार के विश्लेषण और पार्टी संगठन की मजबूती के बीच अब महागठबंधन का लक्ष्य सदन में एक प्रभावी और मुखर विपक्ष बनकर उभरना है। आने वाले कुछ दिनों में बिहार की राजनीति एक बार फिर गर्माती दिखाई देगी।


