महागठबंधन के सीएम उम्मीदवार होंगे तेजस्वी यादव, अशोक गहलोत ने की घोषणा, डिप्टी सीएम बनेंगे सहनी
- लंबी खींचतान के बाद तैयार हुई कांग्रेस, तेजस्वी के नाम पर बनी सहमति, महागठबंधन ने एकता का दिया संदेश
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर महागठबंधन ने गुरुवार को बड़ा राजनीतिक ऐलान किया। लंबे समय से चल रहे कयासों पर विराम लगाते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आधिकारिक रूप से घोषणा की कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे। वहीं, विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) प्रमुख मुकेश सहनी को उपमुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में घोषित किया गया। इस ऐलान के साथ ही बिहार की राजनीति में चुनावी समीकरणों की दिशा बदलती दिखाई दे रही है।
मौर्या होटल से महागठबंधन की एकजुटता का संदेश
पटना के मौर्या होटल में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में विपक्षी गठबंधन के सभी प्रमुख नेता एक मंच पर नजर आए। मंच की पहली पंक्ति में तेजस्वी यादव, अशोक गहलोत, माले नेता दीपांकर भट्टाचार्य, कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावरू और वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी मौजूद थे। यह दृश्य खुद में विपक्षी एकता का प्रतीक था। कार्यक्रम की शुरुआत में अशोक गहलोत ने कहा कि महागठबंधन अब पूरी ताकत के साथ बिहार चुनाव में उतरने के लिए तैयार है और जनता के सामने एक स्पष्ट विकल्प रख रहा है।
तेजस्वी यादव पर सर्वसम्मति से बनी सहमति
अशोक गहलोत ने कहा कि कांग्रेस, राजद, वाम दलों और वीआईपी सहित सभी सहयोगी दलों ने सर्वसम्मति से तेजस्वी यादव को सीएम उम्मीदवार के रूप में चुना है। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव युवा हैं, ऊर्जावान हैं और जनता से सीधे संवाद की क्षमता रखते हैं। गहलोत ने कहा, “तेजस्वी ने पिछले चुनाव में शानदार प्रदर्शन किया था। मामूली अंतर से महागठबंधन सत्ता से दूर रह गया, लेकिन जनता का विश्वास उनके साथ था। इस बार जनता बदलाव का मन बना चुकी है।”
मुकेश सहनी बने उपमुख्यमंत्री पद के चेहरे
महागठबंधन ने इस बार सामाजिक समीकरणों को ध्यान में रखते हुए वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी को डिप्टी सीएम का चेहरा घोषित किया है। यह फैसला निषाद और मछुआरा समाज के वोटों को साधने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। अशोक गहलोत ने यह भी संकेत दिया कि चुनाव जीतने के बाद अन्य वर्गों से भी उपमुख्यमंत्रियों की नियुक्ति की जा सकती है ताकि सभी समाजों की भागीदारी सुनिश्चित की जा सके।
तेजस्वी का एनडीए पर हमला, हमने तो सीएम बता दिया, बीजेपी नीतीश के नाम की घोषणा कब करेगी
बिहार में चुनावी संग्राम जैसे-जैसे तेज हो रहा है, सियासी बयानबाज़ी भी उसी रफ्तार से बढ़ती जा रही है। गुरुवार को पूर्व उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने एक बार फिर एनडीए और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने बीजेपी पर सवाल उठाते हुए पूछा कि आखिर पार्टी अब तक मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा क्यों नहीं कर रही है। पटना में पत्रकारों से बातचीत करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा, “लोग सवाल पूछ रहे थे कि हमारा मुख्यमंत्री चेहरा कौन होगा। हमने साफ कर दिया है कि हमारा उद्देश्य सिर्फ मुख्यमंत्री या सरकार बनाना नहीं है, बल्कि बिहार को बनाना है। गहलोत जी ने भी सही कहा कि हमने तो सीएम फेस बता दिया, अब बीजेपी बताए कि उनका सीएम कौन है?” तेजस्वी ने अपने भाषण में नीतीश कुमार और बीजेपी दोनों पर एक साथ निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बीजेपी के नेता नीतीश कुमार को दोबारा मुख्यमंत्री बनाने के मूड में नहीं हैं। “अमित शाह जी कई बार कह चुके हैं कि चुनाव के बाद विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री का फैसला होगा। सवाल यह है कि पहले तो कभी ऐसा नहीं हुआ, अब क्यों? आखिर ऐसा क्या है जो बीजेपी नीतीश कुमार के नाम की घोषणा करने से कतरा रही है?” तेजस्वी ने कहा। राजद नेता ने आगे कहा कि खुद अमित शाह ने साफ कर दिया है कि यह चुनाव नीतीश कुमार का आखिरी चुनाव है। “बीते 20 सालों से बिहार में नीतीश कुमार का राज रहा, लेकिन राज्य की स्थिति क्या सुधरी? आज भी बिहार देश का सबसे गरीब राज्य है। सबसे ज्यादा पलायन बिहार से होता है। रोजगार के नाम पर युवाओं को सिर्फ आश्वासन मिला है, हकीकत में विकास का कोई चिह्न नहीं दिखता,” तेजस्वी ने कहा उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार में कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है। “20 साल में 70 हजार से ज्यादा हत्याएं हुईं, लेकिन प्रशासन बेपरवाह बना रहा। थाने में किसी की सुनवाई नहीं होती। सरकार में मंत्रियों की नहीं, बल्कि अफसरों की चलती है। यह बिहार की असली तस्वीर है,” उन्होंने कहा। तेजस्वी यादव ने एक के बाद एक कई घोटालों और प्रशासनिक विफलताओं को गिनाते हुए एनडीए सरकार को घेरा। “सृजन घोटाला, बालिका गृह कांड, चूहे बांध काट रहे हैं, पुल गिर रहे हैं, थानों में पुलिसकर्मी शराब पी रहे हैं। क्या यही सुशासन है? जनता सब देख रही है,” तेजस्वी ने तंज कसते हुए कहा। उन्होंने यह भी कहा कि राजधानी पटना की सड़कों पर खुलेआम गोलियां चल रही हैं और अपराधी कानून से बेखौफ हैं। “बड़े उद्योगपतियों की हत्या हो रही है। सीएम हाउस के बाहर गोली चलती है, मेरे घर के पास गोलीबारी होती है, लेकिन किसी को पकड़ा नहीं जाता। बिहार में कानून का डर खत्म हो गया है,” उन्होंने कहा। राजद नेता ने कहा कि अब समय आ गया है जब जनता को “विकास के झूठे वादों” से आगे बढ़कर वास्तविक परिवर्तन का फैसला करना चाहिए। “हमारा लक्ष्य बिहार को रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और सम्मान दिलाना है। 20 साल से बिहार ठहरा हुआ है, अब बदलाव जरूरी है,” तेजस्वी यादव के इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। बीजेपी और जेडीयू के कई नेताओं ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि तेजस्वी यादव जनता को गुमराह कर रहे हैं और उनके आरोप बेबुनियाद हैं। हालांकि, विपक्षी महागठबंधन के नेताओं ने तेजस्वी के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि उन्होंने बिहार की सच्चाई को सामने रखा है। चुनाव नजदीक आते ही बिहार की राजनीति में हर दिन नए आरोप-प्रत्यारोपों का दौर चल रहा है। तेजस्वी यादव का यह बयान न केवल एनडीए के भीतर की संभावित खींचतान को उजागर करता है, बल्कि यह भी संकेत देता है कि आने वाले दिनों में चुनावी जंग और भी ज्यादा तीखी होने वाली है।
5 साल नहीं सिर्फ 20 महीने दीजिए, सब काम कर देंगे
सरकार हमारे किए ऐलान की नकल कर रही है। हम पेंशन की बात करते हैं तो वो भी करते हैं। हम माई बहन मान योजना लाए तो ये घूस देकर 10 हजार का लोन दिलवाने का काम कर रहे हैं। ये थके लोग हैं। ये सिर्फ कुर्सी के भूखे हैं। हम लोगों ने आईटी पॉलिसी बनाई। 17 महीने में हमने कई काम किए। लोगों को हमारे ऊपर भरोसा है। हमने पहले भी कहा है कि हमें 5 साल नहीं, बिहार के लोग 20 महीने का मौका दें तो हम वो सारे काम कर देंगे जिनका हमने वादा किया है।
बीजेपी पर धनबल के प्रयोग का आरोप
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अशोक गहलोत ने बीजेपी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि बीजेपी धनबल और सत्ता के दुरुपयोग के बल पर चुनाव जीतने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, “आज देश में लोकतंत्र सिर्फ नाम का बचा है। मैंने अपने 50 साल के राजनीतिक जीवन में ऐसा चुनाव आयोग नहीं देखा जो इतने दबाव में काम कर रहा हो। सत्ता पक्ष खुलेआम सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल कर रहा है।” गहलोत ने सवाल उठाया कि एनडीए को यह स्पष्ट करना चाहिए कि उनका मुख्यमंत्री उम्मीदवार कौन होगा। उन्होंने कहा, “हमने तो अपना चेहरा घोषित कर दिया है। अब जनता यह भी जानना चाहती है कि एनडीए के पास कौन है जो बिहार का नेतृत्व करेगा।”
तेजस्वी बोले— जनता का मुद्दा ही हमारी ताकत
तेजस्वी यादव ने मंच से कहा कि यह चुनाव बिहार के भविष्य और सम्मान का चुनाव है। उन्होंने कहा, “हम बेरोजगारी, महंगाई, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर चुनाव लड़ेंगे। बिहार को नई दिशा देने का समय आ गया है।” तेजस्वी ने गहलोत और महागठबंधन के सभी दलों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वे जनता के विश्वास को कभी टूटने नहीं देंगे।
मुकेश सहनी का भाजपा पर निशाना
इस मौके पर मुकेश सहनी ने भावनात्मक अंदाज में कहा कि यह दिन उनके लिए खास है। उन्होंने कहा, “मैं पिछले तीन साल से इस पल का इंतजार कर रहा था। बीजेपी ने हमारी पार्टी को तोड़ने की कोशिश की, लेकिन अब जनता ही बीजेपी को सबक सिखाएगी।” सहनी ने कहा कि उन्होंने संकल्प लिया है कि जब तक भाजपा की सत्ता को चुनौती नहीं दी जाएगी, तब तक वे चैन से नहीं बैठेंगे।
राहुल गांधी और खड़गे की भूमिका पर गहलोत का बयान
अशोक गहलोत ने कहा कि तेजस्वी यादव के नाम पर सर्वसम्मति बनवाने में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी की महत्वपूर्ण भूमिका रही। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव दोनों की “वोटर अधिकार यात्रा” में जनता ने जिस उत्साह से स्वागत किया, उसने साबित कर दिया कि बिहार परिवर्तन चाहता है।
जनता को मिला स्पष्ट विकल्प
प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस घोषणा से महागठबंधन ने जनता के सामने एक स्पष्ट और सशक्त विकल्प पेश किया है। एक ओर एनडीए अब तक अपने मुख्यमंत्री चेहरे की घोषणा नहीं कर सका है, वहीं महागठबंधन ने अपने उम्मीदवार तय कर चुनावी रणनीति को गति दे दी है। तेजस्वी यादव को सीएम उम्मीदवार और मुकेश सहनी को डिप्टी सीएम फेस बनाकर महागठबंधन ने न केवल एकता का संदेश दिया है, बल्कि बिहार की सामाजिक और राजनीतिक जटिलताओं को साधने की कोशिश भी की है। अब देखना यह होगा कि जनता इस नये जोश और उम्मीद के साथ खड़े इस गठबंधन को कितना समर्थन देती है। चुनाव की दिशा अब काफी हद तक तय हो चुकी है — महागठबंधन बनाम एनडीए के सीधा मुकाबले में बिहार का भविष्य दांव पर है।


