पटना में हुई हत्या पर तेजस्वी का तंज, कहा- प्रदेश में कोई सुरक्षित नहीं, 2005 से पहले कहां ऐसा होता था

पटना। पारस अस्पताल में हुई सनसनीखेज हत्या ने न सिर्फ आम नागरिकों को हिला कर रख दिया, बल्कि राज्य की कानून-व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। शास्त्री नगर थाना क्षेत्र में स्थित इस प्रतिष्ठित निजी अस्पताल के आईसीयू में गुरुवार को चार अपराधी दाखिल हुए और पैरोल पर इलाज करा रहे मरीज चंदन मिश्रा की गोली मारकर हत्या कर दी। इस घटना ने राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था पर प्रश्नचिह्न लगा दिए हैं।
तेजस्वी यादव का तीखा हमला
इस घटना को लेकर बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने नीतीश सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा कि अपराधियों ने एक अस्पताल के आईसीयू में घुसकर भर्ती मरीज की गोली मारकर हत्या कर दी, अब बिहार में कोई भी, कहीं भी सुरक्षित नहीं है। उन्होंने यह भी पूछा कि क्या 2005 से पहले भी ऐसी स्थिति थी? तेजस्वी यादव का यह बयान न केवल वर्तमान सरकार की नीतियों पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि विपक्ष अब कानून-व्यवस्था को प्रमुख चुनावी मुद्दा बना सकता है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राज्य सरकार अपराध नियंत्रण को लेकर पूरी तरह विफल हो चुकी है और आम लोगों को अपनी सुरक्षा की चिंता खुद करनी पड़ रही है।
आईसीयू में घुसकर की गई हत्या
चंदन मिश्रा, जो बक्सर का रहने वाला था, को बक्सर में हुए चूना व्यवसायी राजेंद्र केसरी की हत्या के मामले में कोर्ट द्वारा दोषी ठहराया गया था और वह उम्रकैद की सजा काट रहा था। फिलहाल वह बेऊर जेल से लिवर डैमेज के इलाज हेतु पटना के पारस अस्पताल में भर्ती था। घटना के अनुसार, गुरुवार को चार अपराधी एक गाड़ी से अस्पताल पहुंचे, सीधे आईसीयू में दाखिल हुए और चंदन को गोली मार दी। यह पूरी घटना बेहद योजनाबद्ध और दुस्साहसी प्रतीत होती है, क्योंकि अस्पताल जैसे सुरक्षित माने जाने वाले स्थान में भी अपराधी बेरोक-टोक दाखिल होकर वारदात को अंजाम देकर फरार हो गए।
पुलिस जांच में जुटी
घटना की सूचना मिलते ही शास्त्री नगर थाने की पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और जांच शुरू की। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, सीसीटीवी फुटेज और अस्पताल के कर्मियों से पूछताछ के आधार पर अपराधियों की पहचान की जा रही है। हालांकि, अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है, जिससे लोगों में डर और असुरक्षा की भावना और भी बढ़ गई है।
न्याय व्यवस्था और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
यह घटना न केवल राजनीतिक रूप से गूंज रही है, बल्कि सामाजिक और प्रशासनिक स्तर पर भी गहरी चिंता का विषय बन गई है। अस्पताल जैसे सुरक्षित समझे जाने वाले स्थान पर हत्या होना यह दिखाता है कि अपराधियों को न तो कानून का डर है, न ही पुलिस प्रशासन की चिंता। इससे यह सवाल उठता है कि जब एक दोषी पैरोल पर अस्पताल में भर्ती होते हुए सुरक्षित नहीं रह सकता, तो आम नागरिकों की स्थिति क्या होगी? पारस अस्पताल की यह घटना बिहार की वर्तमान कानून-व्यवस्था पर गहरे प्रश्नचिह्न छोड़ती है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की प्रतिक्रिया ने इस मुद्दे को राजनीतिक रूप से भी गर्मा दिया है। यह अब सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह जनता में सुरक्षा की भावना को पुनः स्थापित करे, अपराधियों के खिलाफ त्वरित और सख्त कार्रवाई करे, और यह सुनिश्चित करे कि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों। जब तक अपराधियों के मन से कानून का भय समाप्त नहीं किया जाएगा, तब तक राज्य में शांति और सुरक्षा की स्थिति बहाल करना मुश्किल होगा।

You may have missed