तेजस्वी ने किया चुनाव प्रचार का आगाज, कहा- मैं मुख्यमंत्री बना तो हर वादा पूरा होगा
- आज पांच जनसभाओं को संबोधित करेंगे तेजस्वी, 28 अक्टूबर को जारी होगा महागठबंधन का घोषणा पत्र
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के नज़दीक आते ही सियासी गतिविधियाँ तेज़ हो गई हैं। महागठबंधन ने अपने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में तेजस्वी यादव के नाम की औपचारिक घोषणा कर दी है। इसके साथ ही तेजस्वी यादव ने शुक्रवार से अपने चुनाव प्रचार अभियान का आगाज़ किया। उन्होंने कई जिलों में जनसभाएँ करने का ऐलान किया है और जनता से वादा किया है कि अगर उन्हें सत्ता में आने का मौका मिला तो बिहार के विकास के हर वादे को पूरा करेंगे।
महागठबंधन में सुलझा विवाद और तय हुआ नेतृत्व
लंबे समय से महागठबंधन के घटक दलों के बीच सीट बंटवारे और नेतृत्व को लेकर चल रहा विवाद आखिरकार सुलझ गया है। संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह स्पष्ट कर दिया गया कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन का चेहरा तेजस्वी यादव होंगे। इस घोषणा के बाद दूसरे चरण के तीन प्रत्याशियों ने नामांकन वापस ले लिया, जिससे सीटों पर एकजुटता दिखी। इस फैसले के साथ ही महागठबंधन ने अपने चुनावी अभियान को एक नई दिशा देने की शुरुआत की।
पांच जिलों में आज करेंगे जनसभाएं
तेजस्वी यादव ने शुक्रवार से अपने चुनावी दौरे की शुरुआत की। उनके पहले दिन का कार्यक्रम काफी व्यस्त है। वे सहरसा के सिमरी बख्तियारपुर, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर और वैशाली में जनसभाओं को संबोधित करेंगे। इन सभाओं में वे महागठबंधन के प्रत्याशियों के समर्थन में वोट मांगेंगे और अपनी विकास योजनाओं का खाका जनता के सामने रखेंगे। इसी क्रम में माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य भी आरा में महागठबंधन और पार्टी के उम्मीदवारों के समर्थन में जनसभा करेंगे। इससे स्पष्ट होता है कि महागठबंधन के सभी सहयोगी दल एक साथ मिलकर चुनाव प्रचार में जुट गए हैं।
चुनावी गीत से बढ़ा उत्साह
राजद ने अपने चुनावी अभियान को और आकर्षक बनाने के लिए एक विशेष गीत जारी किया है। इस गाने में तेजस्वी यादव को एक कर्मठ योद्धा और सेवाभावी नेता के रूप में दिखाया गया है। गीत की पंक्तियाँ—“तेजस्वी को एक बार मौका देना है, इस बार मौका देना है”—जनता के बीच लोकप्रिय हो रही हैं। पांच मिनट के इस गाने को पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच सोशल मीडिया पर खूब साझा किया जा रहा है, जिससे माहौल में जोश और ऊर्जा देखने को मिल रही है।
28 अक्टूबर को जारी होगा महागठबंधन का घोषणा पत्र
महागठबंधन ने घोषणा की है कि 28 अक्टूबर को उसका चुनावी घोषणा पत्र जारी किया जाएगा। इस घोषणा पत्र में रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि जैसे मुद्दों पर विशेष ध्यान दिए जाने की उम्मीद है। पार्टी के रणनीतिकारों का कहना है कि यह घोषणा पत्र बिहार के युवाओं और किसानों के लिए नए अवसरों की दिशा तय करेगा।
तेजस्वी यादव का आत्मविश्वास भरा बयान
पटना से अपने चुनावी दौरे पर रवाना होने से पहले तेजस्वी यादव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उनकी राजनीति झूठ नहीं, भरोसे की राजनीति है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अगर जनता उन्हें मुख्यमंत्री बनाती है, तो बिहार के लोग चिंता मुक्त हो जाएंगे। उन्होंने कहा, “हमने जो वादा किया है, उसे पूरा करेंगे। जनता को किसी तरह की निराशा नहीं होगी।” तेजस्वी ने अपने नेतृत्व को “तेजस्वी मॉडल” बताया, जो न्याय, विकास और पारदर्शिता पर आधारित है। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता अब बदलाव चाहती है और महागठबंधन उस बदलाव का प्रतीक है।
कांग्रेस नेताओं का मिला समर्थन
कांग्रेस नेताओं ने भी तेजस्वी यादव के नाम को मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में घोषित करने के फैसले का समर्थन किया है। कांग्रेस सांसद सुखदेव भगत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एनडीए को यह स्पष्ट करना चाहिए कि उनका मुख्यमंत्री चेहरा कौन होगा। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा ने अब तक यह घोषणा इसलिए नहीं की है क्योंकि वे नीतीश कुमार को पूरी तरह समर्थन देने से बच रही है। वहीं, कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा करना एक अच्छा कदम है। उन्होंने कहा कि मतदाता किसी चेहरे को देखकर ही वोट देना पसंद करते हैं और तेजस्वी यादव को महागठबंधन का चेहरा बनाकर जनता को यह स्पष्ट कर दिया गया है कि वे किसके नेतृत्व में बदलाव चाहते हैं।
जनता में बढ़ी उम्मीदें और चुनावी माहौल
तेजस्वी यादव की रैलियों और महागठबंधन की एकजुटता ने चुनावी माहौल को और गर्मा दिया है। उनके भाषणों में रोजगार, शिक्षा और भ्रष्टाचार-मुक्त शासन जैसे मुद्दे प्रमुखता से उठाए जा रहे हैं। जनता के बीच यह संदेश जा रहा है कि महागठबंधन इस बार विकास और सामाजिक न्याय की नई कहानी लिखने का संकल्प लेकर मैदान में उतरा है। तेजस्वी यादव के चुनावी प्रचार की शुरुआत ने बिहार की राजनीति में नई ऊर्जा का संचार किया है। महागठबंधन का नेतृत्व स्पष्ट होने से संगठन में एकजुटता दिखाई दे रही है। तेजस्वी का यह दावा कि वे मुख्यमंत्री बने तो हर वादा पूरा करेंगे, जनता के बीच उम्मीद की किरण बनकर उभरा है। अब देखना यह है कि जनता इस भरोसे को कितना स्वीकार करती है और बिहार की सियासत किस दिशा में आगे बढ़ती है।


