नीतीश के मुख्यमंत्री बनने पर तेजस्वी ने दी बधाई, कहा- आशा है नई सरकार जनता के उम्मीद पर खरा उतरेगी
पटना। बिहार की राजनीति गुरुवार को एक ऐतिहासिक क्षण की साक्षी बनी, जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना के गांधी मैदान में दसवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर नया अध्याय शुरू किया। शपथ ग्रहण समारोह भव्य, उत्साहपूर्ण और राजनीतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण रहा। राज्य के विभिन्न हिस्सों से आए हजारों लोग, राजनीतिक दलों के नेता, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि और समर्थक इस अवसर के गवाह बने। नीतीश कुमार का यह शपथ ग्रहण न केवल उनकी राजनीतिक स्थिरता का प्रतीक है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि वे लंबे समय से बिहार की राजनीति के केंद्र में बने हुए हैं।
शपथ ग्रहण समारोह का माहौल
गांधी मैदान का वातावरण पूरी तरह उत्साह और प्रतीकात्मकता से भरा हुआ था। मंच पर देश की राजनीति के कई प्रमुख चेहरे मौजूद थे। बड़ी स्क्रीनें लगाई गई थीं, जिन पर शपथ ग्रहण समारोह का सीधा प्रसारण किया जा रहा था। इस अवसर पर राज्यपाल ने नीतीश कुमार को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इसके बाद मंत्रिपरिषद के सदस्यों ने भी शपथ ली और नई सरकार के गठन की औपचारिक घोषणा हुई। नीतीश कुमार के समर्थकों में उत्साह चरम पर था और कई जगह ढोल-नगाड़ों और आतिशबाज़ी का भी आयोजन किया गया।
तेजस्वी यादव का संयमित और सकारात्मक संदेश
शपथ ग्रहण के तुरंत बाद पूर्व उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने एक संतुलित और सकारात्मक लहजे में मुख्यमंत्री और नई मंत्रिपरिषद को बधाई दी। तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक संदेश जारी किया जिसमें उन्होंने लिखा कि नीतीश कुमार को बिहार के मुख्यमंत्री बनने पर हार्दिक बधाई। साथ ही उन्होंने सभी नए मंत्रियों को भी शुभकामनाएँ दीं। उनका संदेश यह दर्शाता है कि विपक्ष अपनी भूमिका में रहते हुए भी लोकतांत्रिक मर्यादाओं का निर्वाह कर रहा है और सत्ता परिवर्तन पर परिपक्व प्रतिक्रिया दे रहा है।
जनता की अपेक्षाओं पर जोर
तेजस्वी यादव के संदेश का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा वह उम्मीद है जिसे उन्होंने नई सरकार से जोड़कर व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि यह सरकार जिम्मेदारीपूर्वक काम करेगी और बिहार की जनता की आकांक्षाओं पर खरा उतरेगी। उन्होंने नई सरकार से यह अपेक्षा भी जताई कि वह अपने वादों और घोषणाओं को पूरा करेगी और बिहार की जनता के जीवन में सकारात्मक और गुणात्मक परिवर्तन लेकर आएगी। यह संदेश सीधा इंगित करता है कि विपक्ष सरकार के कामकाज पर नज़र रखेगा और जनता हित के मुद्दों को प्राथमिकता देगा।
बिहार की राजनीति में नए समीकरण
नीतीश कुमार का दसवीं बार मुख्यमंत्री बनना अपने आप में एक रिकॉर्ड है। पिछले दो दशकों में अधिकांश समय उन्होंने राज्य की बागडोर संभाली है। बिहार में विकास और सुशासन के मुद्दों पर उनकी छवि मजबूत रही है, हालांकि समय-समय पर राजनीतिक समीकरणों में बदलाव ने उन्हें चुनौती भी दी है। नई सरकार बनने के बाद अब जनता यह चाहती है कि प्रशासनिक कामकाज में तेजी आए, बेरोजगारी कम हो और आधारभूत संरचनाओं के विकास की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएं। इस पृष्ठभूमि में तेजस्वी यादव का संदेश राजनीतिक सौहार्द के साथ-साथ लोकतांत्रिक जवाबदेही की भी याद दिलाता है।
विपक्ष की भूमिका और आगे की रणनीति
राजद अब भी बिहार की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी है और उसकी भूमिका नई सरकार की कार्यशैली पर नज़र रखने में महत्वपूर्ण रहेगी। तेजस्वी यादव ने बीते कार्यकाल में विपक्ष के नेता के रूप में कई मुद्दों को मजबूती से उठाया था—चाहे वह बेरोजगारी का सवाल हो, महंगाई का मुद्दा हो या प्रशासनिक कुशासन के आरोप। नई सरकार के गठन के बाद विपक्ष की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है कि वह जनता की आवाज को मजबूती दे और सरकार को रचनात्मक सुझावों के साथ-साथ आवश्यक आलोचना भी प्रस्तुत करे। नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण और तेजस्वी यादव द्वारा दी गई प्रतिक्रिया बिहार की राजनीति में एक परिपक्व लोकतांत्रिक संस्कृति का उदाहरण प्रस्तुत करती है। जहां एक तरफ नई सरकार के गठन से जनता में नई उम्मीदें जागी हैं, वहीं विपक्ष भी अपनी भूमिका निभाने के लिए तैयार दिख रहा है। तेजस्वी यादव का संदेश यह स्पष्ट करता है कि बिहार की राजनीति अब उम्मीद, जवाबदेही और विकास के नए दौर में प्रवेश कर रही है।


