कानून व्यवस्था को लेकर तेजस्वी का सरकार पर हमला, कहा- प्रदेश में अपराध चरम पर, चूहों को नहीं पकड़ पा रही सरकार

पटना। बिहार में दिनोंदिन बढ़ती आपराधिक घटनाओं को लेकर सियासी हलकों में हलचल तेज हो गई है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने राज्य की बिगड़ती कानून व्यवस्था पर गहरी चिंता जताते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने हाल ही में पटना में दिनदहाड़े तीन लोगों को गोली मारे जाने की घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि “राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है और सरकार अपराध नियंत्रण में पूरी तरह विफल हो चुकी है। तेजस्वी यादव ने तंज कसते हुए कहा, “जो सरकार चूहे नहीं पकड़ पा रही है, वह अपराधियों को क्या पकड़ेगी?” उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में अपराधियों के हौसले इस कदर बुलंद हो गए हैं कि वे अब सरेआम अपराध की घटनाओं को अंजाम देने से भी नहीं डर रहे। उन्होंने दावा किया कि पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है और प्रशासन अपराध रोकने में पूरी तरह असहाय नजर आ रहा है।तेजस्वी ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस अब खुद गुंडागर्दी पर उतर आई है। उन्होंने कहा कि आम नागरिकों, खासकर युवाओं और महिलाओं को थानों में बुलाकर पीटा जा रहा है। “आज पुलिस उन लोगों पर लाठियां चला रही है जो अपने अधिकारों के लिए आवाज उठा रहे हैं, और मुख्यमंत्री आंख मूंदकर बैठे हैं,” तेजस्वी ने कहा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर सीधा हमला बोलते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि वे “अचेत अवस्था” में हैं और राज्य की जमीनी स्थिति से पूरी तरह अनभिज्ञ हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य की जनता त्राहि-त्राहि कर रही है लेकिन सरकार चुप्पी साधे बैठी है। उन्होंने कहा, “बिहार की स्थिति बेहद गंभीर हो चुकी है। अपराध, स्वास्थ्य और शिक्षा – हर मोर्चे पर सरकार असफल साबित हो रही है। स्वास्थ्य व्यवस्था पर भी तेजस्वी ने सरकार को घेरा और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय को खुली चुनौती दी। उन्होंने कहा, “मंगल पांडेय जहां चाहें, जब चाहें, बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था पर डिबेट करें। मुझे सिर्फ एक दिन पहले सूचना दें, मैं तथ्यों और आंकड़ों के साथ बहस के लिए तैयार हूं। तेजस्वी यादव ने यह भी कहा कि जो छात्र और अभ्यर्थी रोजगार और अपने हक की मांग करते हैं, उन्हें पुलिस द्वारा बेरहमी से पीटा जाता है। “सरकार युवा विरोधी और जनविरोधी नीतियों पर चल रही है,” उन्होंने जोड़ा। नेता प्रतिपक्ष की यह तीखी प्रतिक्रिया राज्य में बढ़ती आपराधिक घटनाओं और सरकार की निष्क्रियता को लेकर जनाक्रोश की अभिव्यक्ति मानी जा रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले समय में यह मुद्दा राज्य की राजनीति में एक बड़ा मोड़ ला सकता है। बहरहाल, बिहार की कानून व्यवस्था पर छिड़ी यह बहस फिलहाल थमने का नाम नहीं ले रही है, और विपक्ष लगातार सरकार को घेरने में जुटा हुआ है। जनता की निगाहें अब सरकार की अगली प्रतिक्रिया पर टिकी हैं।

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