नवरात्रि पर तेजस्वी का नीतीश पर हमला, पोस्ट कर लिखा, मां बिहार को दुख से उबारिये, तेजस्वी को दीजिए शक्ति
पटना। शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ होते ही पूरे देश में धार्मिक और सांस्कृतिक वातावरण का माहौल बन गया है। बिहार में भी मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है और लोग मां दुर्गा की आराधना में जुटे हुए हैं। लेकिन इसी पावन अवसर पर बिहार की राजनीति भी गर्मा गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नवरात्रि के मौके पर जनता को शुभकामनाएं दीं, लेकिन तेजस्वी यादव ने अपने संदेश में राजनीतिक तंज भी कस दिया, जिससे राज्य की सियासत में नई हलचल पैदा हो गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नवरात्रि की शुरुआत पर बिहार की जनता को बधाई देते हुए कहा कि मां दुर्गा शक्ति की अधिष्ठात्री देवी हैं। नवरात्रि के नौ दिनों में उनके नौ स्वरूपों की पूजा होती है, जो शक्ति, करूणा और परोपकार का प्रतीक हैं। उन्होंने कामना की कि यह पर्व राज्य में सुख, शांति और समृद्धि लेकर आए। सीएम ने श्रद्धालुओं से भक्ति और आस्था के साथ पर्व मनाने की अपील की और कहा कि मां दुर्गा के आशीर्वाद से हर घर में खुशहाली आए। इसी बीच, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नवरात्रि की शुभकामनाएं देते हुए सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया। इस वीडियो में देवी मां की स्तुति के साथ बिहार की समस्याओं को उजागर करने वाले दृश्य जोड़े गए थे। पुल टूटने, बाढ़ से तबाही, अपराध की घटनाएं, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और पलायन जैसे मुद्दों को खासतौर पर उकेरा गया। तेजस्वी यादव ने अपने पोस्ट में लिखा कि हे मां! पिछले 20 वर्षों में बिहार ने गरीबी, पलायन, भूखमरी, अपराध और स्वास्थ्य की बदहाली सबकुछ सह लिया है। अब बिहार को इस दुख से उबारिये और जनसेवा के लिए तेजस्वी को शक्ति दीजिए ताकि हर घर में समृद्धि और खुशहाली लाई जा सके और नया बिहार बनाया जा सके। तेजस्वी यादव का यह संदेश केवल धार्मिक आस्था तक सीमित नहीं रहा, बल्कि उन्होंने इसे राजनीतिक रूप से जनता से जुड़ने का अवसर बनाया। नवरात्रि जैसे पावन अवसर पर उन्होंने खुद को जनता के सेवक और बदलाव के वाहक के रूप में पेश किया। देवी मां से प्रार्थना करते हुए उन्होंने सीधे तौर पर नीतीश कुमार की सरकार को निशाने पर लिया। नीतीश कुमार का नाम लिए बिना तेजस्वी ने संकेत दिया कि बीते दो दशकों में बिहार की जनता को केवल समस्याएं मिली हैं। उन्होंने खुद को विकल्प के रूप में प्रस्तुत करते हुए जनता से विश्वास जताने की अपील की। तेजस्वी यादव के संदेश में धार्मिक आस्था और भावनात्मक अपील दोनों झलकती हैं। उन्होंने कहा कि मां दुर्गा उन्हें इतनी शक्ति दें कि वे जनसेवा के माध्यम से बिहार को नई दिशा दे सकें। उनकी यह अपील खासकर उन लोगों के लिए है जो राज्य में बढ़ती बेरोजगारी, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली से परेशान हैं। राजनीतिक जानकार मानते हैं कि नवरात्रि जैसे धार्मिक और सांस्कृतिक अवसर पर इस तरह का संदेश देकर तेजस्वी ने जनता के दिलों में जगह बनाने का प्रयास किया है। इससे उनका राजनीतिक प्रभाव और मजबूत हो सकता है। बिहार की राजनीति में धार्मिक और सांस्कृतिक पर्वों का हमेशा से विशेष महत्व रहा है। नेता इन अवसरों पर न केवल शुभकामनाएं देते हैं, बल्कि इसे जनता से जुड़ने और अपने संदेश को व्यापक रूप से फैलाने का माध्यम भी बनाते हैं। नवरात्रि का पर्व इस लिहाज से बेहद खास है क्योंकि यह पूरे राज्य में बड़े उत्साह से मनाया जाता है। तेजस्वी यादव ने इस अवसर का इस्तेमाल अपनी राजनीतिक सोच और योजनाओं को जनता तक पहुंचाने के लिए किया है, वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने परंपरागत तरीके से बधाई संदेश दिया। नवरात्रि के पहले दिन ही बिहार की राजनीति में नया मोड़ देखने को मिला। जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शांति और समृद्धि की कामना की, वहीं तेजस्वी यादव ने मां दुर्गा से प्रार्थना करते हुए जनता को यह संदेश दिया कि अब बदलाव का समय आ गया है। यह स्पष्ट है कि आने वाले समय में धार्मिक अवसरों का इस्तेमाल राजनीतिक संदेशों को और तेज करने के लिए किया जाएगा। नवरात्रि की शुरुआत ने यह संकेत दे दिया है कि बिहार की राजनीति में आस्था और राजनीति की डोर एक बार फिर आपस में गुथने लगी है।


