तेजस्वी का नीतीश पर हमला, कहा- अब बिहार की कमान आरएसएस और बीजेपी के हाथों में, पूरी तरह से निष्क्रिय हुए सीएम

पटना। बिहार की सियासत एक बार फिर गरमाई हुई है। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी सरकार पर बड़ा राजनीतिक हमला बोला है। तेजस्वी ने आरोप लगाया है कि अब बिहार की सत्ता और प्रशासन पूरी तरह से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के हाथों में चला गया है, जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूर्णतः निष्क्रिय हो चुके हैं।
आरएसएस की नीतियों पर चल रही है सरकार
तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि बिहार सरकार अब स्वतंत्र रूप से कोई निर्णय नहीं ले रही है, बल्कि आरएसएस की नीतियों और दिशा-निर्देशों के अनुसार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की तथाकथित ‘किचन कैबिनेट’ के एक मंत्री ने भी सार्वजनिक रूप से इस बात को स्वीकार किया है, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि बिहार में अब निर्णय आरएसएस के निर्देशों पर लिए जा रहे हैं। तेजस्वी ने यह भी दावा किया कि मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) में भी आरएसएस के कोटे से अधिकारियों की नियुक्ति की जा चुकी है, जिससे यह संदेश जा रहा है कि प्रशासन में भी संघ की गहरी घुसपैठ हो चुकी है।
वंचित वर्गों के साथ अन्याय के आरोप
अपने बयान में तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि आरएसएस और भाजपा की शह पर बिहार में दलित, पिछड़ा, अति पिछड़ा और मुस्लिम वर्गों के अधिकारों को कमजोर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इन वर्गों के लिए निर्धारित 65% आरक्षण को विभिन्न माध्यमों से रोकने का प्रयास किया जा रहा है और सरकारी नौकरियों में उनके हिस्से की सीटें छीनी जा रही हैं। तेजस्वी ने यह भी कहा कि प्रशासन में इन वंचित समुदायों के अधिकारियों को साजिश के तहत किनारे लगाया जा रहा है, जिससे प्रशासनिक ढांचे में उनके प्रतिनिधित्व को समाप्त किया जा सके। इसके अलावा, उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इन समुदायों के अधिकारियों और कर्मचारियों पर मनगढ़ंत कार्रवाई की जा रही है ताकि उन्हें मानसिक और सामाजिक रूप से कमजोर किया जा सके।
मुस्लिम समुदाय पर अत्याचार का आरोप
तेजस्वी यादव ने मुसलमानों के प्रति सरकार के रवैये पर भी नाराज़गी जाहिर की। उन्होंने कहा कि बिहार में अब मुसलमानों के खिलाफ लगातार नाइंसाफी और अत्याचार की घटनाएं हो रही हैं। उन्होंने यह आरोप लगाया कि सरकार की चुप्पी और निष्क्रियता के कारण यह सब हो रहा है और मुख्यमंत्री इसमें मूकदर्शक बनकर बैठे हैं।
मुख्यमंत्री को बताया निष्क्रिय और असहाय
तेजस्वी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पूरी तरह से निष्क्रिय और असहाय बताया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अब कोई भी स्वतंत्र निर्णय लेने में सक्षम नहीं हैं और उनकी सत्ता की बागडोर पूरी तरह से भाजपा और आरएसएस के हाथों में है। उन्होंने नीतीश कुमार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि ‘भूंजा पार्टी’ के रिटायर्ड अधिकारियों की अगुवाई में बिहार को दोनों हाथों और पैरों से लूटा जा रहा है। तेजस्वी का यह बयान न केवल एक राजनीतिक हमला है, बल्कि बिहार की वर्तमान प्रशासनिक स्थिति और सामाजिक संरचना को लेकर गंभीर चिंता भी व्यक्त करता है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाओं की संभावना
तेजस्वी यादव के इस बयान से बिहार की सियासत में हलचल मचना तय है। यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा और नीतीश कुमार इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं। वहीं, विपक्ष इस मुद्दे को आगामी चुनावों में एक प्रमुख हथियार के रूप में इस्तेमाल कर सकता है। इस बयान से यह संकेत मिलता है कि बिहार की राजनीति अब सामाजिक न्याय, प्रतिनिधित्व और सत्ता के वास्तविक केंद्र को लेकर और अधिक तीव्र हो सकती है। तेजस्वी के आरोपों ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि आने वाले दिनों में बिहार की राजनीति और भी अधिक आक्रामक और मुद्दा-प्रधान होने वाली है।

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