महुआ से चुनाव की तैयारी में तेजप्रताप, कहा- मैं पार्टी या निर्दलीय लडूंगा अभी फैसला नहीं, लेकिन लडूंगा जरूर

पटना। राजद से निष्कासन के कुछ ही हफ्तों बाद तेजप्रताप यादव ने यह स्पष्ट संकेत दे दिया है कि वे राजनीतिक रूप से सक्रिय रहने वाले हैं और आने वाले विधानसभा चुनाव में भागीदारी करेंगे। उन्होंने महुआ में एक भव्य रैली का आयोजन कर अपने राजनीतिक इरादों का प्रदर्शन किया। इस रैली में न तो राजद का झंडा था, न ही पार्टी के कोई चिह्न। तेजप्रताप और उनके समर्थक ‘टीम तेजप्रताप यादव’ नामक नए झंडे और प्रतीक के साथ नजर आए, जो हरे और सफेद रंग का था। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि वे अब अपनी अलग पहचान के साथ आगे बढ़ने का मन बना चुके हैं।
रोड शो में दिखी ताकत, जनता से मिलाया संवाद
महुआ में तेजप्रताप ने न केवल रोड शो किया, बल्कि मेडिकल कॉलेज के निर्माण कार्य का निरीक्षण भी किया। उन्होंने इसे चुनावी वादों को पूरा करने की दिशा में उठाया गया कदम बताया। जनता से सीधा संवाद करते हुए उन्होंने यह भरोसा दिलाया कि वे अपने हर वादे को निभाते हैं और इस बार भी अगर जनता उनका साथ देगी, तो वे क्षेत्र के लिए और भी कई विकास कार्य करेंगे।
नया झंडा और नई रणनीति
तेजप्रताप के झंडे पर न केवल नया नाम था, बल्कि उनके पहनावे और तौर-तरीकों में भी एक नई शैली नजर आई। हमेशा की तरह अपनी विशिष्ट हरी टोपी पहने हुए तेजप्रताप, रोड शो के दौरान काफी आत्मविश्वास में नजर आए। जब उनसे झंडे के रंग और नाम के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने यह कहकर टाल दिया कि वे महुआ में विकास कार्य का जायजा लेने आए हैं और यह दौरा राजनीति से अधिक जनता से जुड़ाव का है।
चुनाव लड़ने का इरादा, लेकिन स्थिति अभी स्पष्ट नहीं
चुनाव लड़ने के सवाल पर तेज प्रताप यादव ने साफ कहा कि वे चुनाव जरूर लड़ेंगे, यह तय है। लेकिन यह अभी तय नहीं है कि वे किस पार्टी के टिकट पर लड़ेंगे या निर्दलीय के रूप में मैदान में उतरेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि यह निर्णय जनता की मांग और राजनीतिक परिस्थिति के अनुसार लिया जाएगा। इससे यह संकेत भी मिला कि वे अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर लचीलापन बनाए हुए हैं।
राजद से दूरी और नए राजनीतिक समीकरण
तेजप्रताप का राजद से निष्कासन मई 2025 में हुआ था, जब उन्होंने अनुष्का यादव के साथ अपने रिश्ते की सार्वजनिक घोषणा की थी। इस कदम के बाद लालू यादव ने उन्हें पार्टी और परिवार से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया था। तेजस्वी यादव ने इस फैसले का समर्थन किया, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि पार्टी में उनके लिए कोई जगह नहीं बची है। ऐसे में तेज प्रताप के लिए अपनी राजनीतिक राह खुद बनाना आवश्यक हो गया है।
नई पार्टी की संभावना और भावी रणनीति
तेजप्रताप की हालिया गतिविधियों से यह संकेत मिल रहा है कि वे अपनी नई राजनीतिक पार्टी की नींव रख सकते हैं। ‘टीम तेजप्रताप यादव’ के झंडे का उपयोग और राजद से दूरी इस दिशा में पहला कदम हो सकता है। अगर वे निर्दलीय चुनाव लड़ते हैं और जनता से समर्थन प्राप्त करते हैं, तो आने वाले समय में यह एक नई पार्टी के गठन की ओर इशारा करेगा। तेजप्रताप यादव ने महुआ की रैली में यह स्पष्ट कर दिया कि वे राजनीति से पीछे नहीं हटने वाले हैं। चाहे पार्टी से अलग होकर हों या स्वतंत्र रूप से, उनका इरादा विधानसभा चुनाव लड़ने का है। यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता उनके इस नए राजनीतिक सफर में कितना साथ देती है और बिहार की राजनीति में यह नया अध्याय किस रूप में सामने आता है।

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