नवरात्र में शिक्षक ट्रेनिंग के फरमान पर भड़के सुशील मोदी, बोले- नीतीश सरकार का यह आदेश हिंदुओं की धार्मिक स्वतंत्रता पर आघात

पटना। बिहार में शिक्षक ट्रेनिंग का फरमान आने के बाद से ही सियासत गरमाई हुई है। एक के बाद एक भाजपा नेता इसके खिलाफ नीतीश सरकार पर हमला बोल रहे है। इसी कड़ी में पूर्व उपमुख्यमंत्री व भाजपा सांसद सुशील मोदी नवरात्र में शिक्षकों की ट्रेनिंग को लेकर नीतीश सरकार पर हमला बोला है। उन्होने आगे कहा कि महागठबंधन सरकार ने पहले हिंदू त्योहारों पर छुट्टियां कम करने की कोशिश की। अब नवरात्र के समय प्रशिक्षण के नाम पर राज्य के स्कूली शिक्षकों को 6 दिन के लिए घर से दूर रहने को विवश किया जा रहा है। उन्होंने कहा की राज्य सरकार का यह आदेश हिंदुओं की धार्मिक स्वतंत्रता पर आघात है। इसे भी वापस लेना पड़ेगा। सुशील मोदी ने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या नीतीश सरकार का शिक्षा विभाग रमजान के दौरान सप्ताह भर के प्रशिक्षण कार्यक्रम का फरमान जारी कर सकता है? नवरात्र में लोग 9 दिन उपवास रखते हुए नियमित पूजा-पाठ करते हैं। ऐसे में कोई आस्तिक हिंदू क्या घर से दूर प्रशिक्षण स्थल पर रहते हुए उपवास और पूजा-पाठ का पालन कर सकता है? उन्होने कहा कि हम स्कूली शिक्षकों को प्रशिक्षण देने के विरुद्ध नहीं हैं, लेकिन इसे दुर्गा पूजा जैसे एक बड़े हिंदू त्योहार के समय रखना जानबूझ कर बहुसंख्यक वर्ग को प्रताड़ित करना है। बता दे की 16 से 21 अक्टूबर तक चलने वाले प्रशिक्षण में शामिल होने के लिए शिक्षक-शिक्षिकाओं को 15 अक्टूबर की शाम तक अपना जरूरी सामान लेकर निर्धारित स्थल पर पहुंचने को कहा गया है। नीतीश सरकार अल्पसंख्यकों के त्योहार पर ड्यूटी के घंटों में बदलाव करती है। वही कुछ स्कूलों में साप्ताहिक छुट्टी का दिन रविवार की जगह शुक्रवार करती है, जबकि दूसरे धर्म के त्योहार पर सहूलियत देने के बजाय घर छोड़ने को मजबूर करती है। यह तुष्टीकरण बंद होना चाहिए। इससे पहले केंद्रीय मंत्री व बेगूसराय से सांसद गिरिराज सिंह ने भी शिक्षा विभाग के इस फैसले की कड़ी आलोचना की थी। और नीतीश सरकार को घेरते हुए इसे तुष्टिकरण की राजनीति करार दिया।

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