सड़क पर उतरे शिक्षक : बिहार में कोविड-19 गाइडलाइन के तहत स्कूल खोलने की मांग

बाढ़। बिहार में कोरोना गाइडलाईन के तहत स्कूल खोलने की मांग को लेकर बुधवार को प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन की बाढ़ इकाई के संचालकों एवं शिक्षकों ने सड़कों पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया तथा सरकार से जल्द से जल्द स्कूल खोलने का आदेश निर्गत करने की मांग की। इस दौरान प्राइवेट स्कूल के संचालकों में प्रभाकर रंजन सिन्हा, सौरव कुमार, गौतम कुमार, पवन कुमार, सोनू कुमार, रामजी प्रसाद, भोला प्रसाद, कौशलेंद्र कुमार सहित कई स्कूल संचालक शामिल थे। इस दौरान शिक्षक एनएच 31 पर शांतिपूर्ण मार्च भी किया तथा यह संदेश देने की कोशिश की कि शिक्षा के केंद्रों को बार-बार बंद नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि यह बेहतर मानव संसाधन का एक अचूक हथियार है। इस बात को लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम से एक दो दिनों में पत्राचार करने की भी बात कही।
वहीं प्रेस वार्ता करते हुए एसोसिएशन के सचिव प्रभाकर रंजन सिन्हा ने कहा कि सरकार के हर फैसले को हमलोग ईमानदारी पूर्वक पालन करते हैं। शहर के तमाम व्यवसाय कोरोना गाइडलाइन के तहत संचालित किए जा रहे हैं, फिर स्कूल को क्यों बंद रखा गया है? इससे शिक्षा तथा शिक्षकों की आर्थिक स्थिति पहले एक साल से तो खराब है ही, अब और बदतर स्थिति में जा रही है। बच्चों का भविष्य अंधकार की ओर जा रहा है। उन्होंने स्कूल को खोले जाने को नितांत आवश्यक बताया।
वहीं संचालक रामजी प्रसाद ने कहा कि स्कूल बंद रहने से गरीबों के बच्चे अब स्कूल में नहीं चाय की दुकान में रहने लगे हैं। इसे उनका भविष्य कैसे सुधर सकता है? शिक्षा मिलने पर ही बच्चों का विकास संभव है। एसोसिएशन के अध्यक्ष पटना जिला ग्रामीण कौशल कुमार ने फोन पर संवाद कर जानकारी दी कि राज्य के सभी विद्यालय सरकार को हरसंभव सहयोग कर टीकाकरण अभियान को सफल बनाने हेतु संकल्पित है। 15 से 18 वर्ष के बच्चों को शत प्रतिशत कोविड-19 का टीकाकरण बगैर विद्यालय को खोले संभव नही है।

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