दरभंगा में शिक्षक की गोली मारकर हत्या, स्कूल जाते समय वारदात को दिया अंजाम, इलाके में हड़कंप

दरभंगा। बिहार में एक बार फिर अपराधियों ने बेखौफ होकर जघन्य वारदात को अंजाम दिया है। दरभंगा जिले में बुधवार सुबह एक शिक्षक की गोली मारकर हत्या कर दी गई। घटना से पूरे इलाके में दहशत का माहौल है और लोगों के बीच आक्रोश भी देखने को मिल रहा है।
स्कूल जाते समय अपराधियों ने किया हमला
जानकारी के अनुसार मृतक शिक्षक की पहचान मंसूर आलम के रूप में हुई है, जो मधुबनी जिले के बेनीपट्टी के रहने वाले थे। वे दरभंगा के भरवाड़ा शंकरपुर में किराए पर रह रहे थे और वहीं से प्रतिदिन साइकिल से स्कूल जाया करते थे। बुधवार सुबह भी वे रोज की तरह साइकिल से अपने स्कूल, प्राथमिक विद्यालय रसूलपुर निस्ता जा रहे थे। रास्ते में निस्ता गांव के पास अज्ञात अपराधियों ने उन्हें गोली मार दी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
स्थानीय लोगों में भय का माहौल
घटना के तुरंत बाद इलाके में हड़कंप मच गया। स्थानीय लोगों की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू की। इस निर्मम हत्या से ग्रामीणों में भय और गुस्से का माहौल है। कई लोगों का कहना है कि शिक्षक जैसे शांतिपूर्ण और समाज के निर्माण में योगदान देने वाले व्यक्ति को इस तरह निशाना बनाया जाना बेहद चिंताजनक है।
पुलिस कर रही जांच, नाकेबंदी शुरू
पुलिस ने हत्या की सूचना मिलते ही चारों ओर नाकेबंदी कर दी है और अपराधियों की तलाश शुरू कर दी है। हालांकि अभी तक हत्या के पीछे की वजह स्पष्ट नहीं हो पाई है। पुलिस सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर जांच कर रही है, जिसमें आपसी रंजिश, जमीन विवाद या कोई अन्य कारण शामिल हो सकते हैं। घटनास्थल से कुछ सुराग मिलने की भी बात कही जा रही है, जिनके आधार पर जांच को आगे बढ़ाया जा रहा है।
शिक्षकों और शिक्षा जगत में दुख की लहर
इस घटना ने शिक्षकों और शिक्षा विभाग से जुड़े लोगों को झकझोर दिया है। एक शिक्षक जो समाज के भविष्य को संवारने का कार्य करता है, उसकी इस तरह सरेआम हत्या ने राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। शिक्षा विभाग के अधिकारी और शिक्षक संघों ने इस हत्या की कड़ी निंदा की है और दोषियों की शीघ्र गिरफ्तारी की मांग की है।
मंसूर आलम थे समर्पित शिक्षक
मंसूर आलम एक समर्पित और मेहनती शिक्षक माने जाते थे। उन्होंने वर्षों तक बच्चों को पढ़ाकर शिक्षा के क्षेत्र में योगदान दिया। उनके सहकर्मियों और छात्रों ने उन्हें एक शांत, अनुशासित और सहायक स्वभाव के व्यक्ति के रूप में याद किया है। उनके निधन से स्कूल में शोक की लहर है और विद्यार्थियों में भी मायूसी देखी गई।
जरूरत है कड़ी कार्रवाई की
यह घटना बिहार में कानून-व्यवस्था की स्थिति को एक बार फिर उजागर करती है। लगातार हो रही आपराधिक घटनाओं से लोगों का प्रशासन और पुलिस पर से भरोसा डगमगाने लगा है। खासकर शिक्षकों और आम नागरिकों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। आवश्यकता है कि इस मामले की गहन जांच कर अपराधियों को जल्द से जल्द पकड़कर सख्त सजा दी जाए, ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके। दरभंगा में शिक्षक मंसूर आलम की हत्या सिर्फ एक व्यक्ति की मौत नहीं, बल्कि समाज में फैले असुरक्षा के माहौल का प्रतीक बन गई है। यह घटना इस बात की चेतावनी है कि अगर समय रहते कानून का सख्ती से पालन नहीं कराया गया, तो ऐसे अपराध समाज को कमजोर करते रहेंगे। जरूरत है कि सरकार और पुलिस मिलकर ऐसी घटनाओं पर कठोर नियंत्रण स्थापित करें और शिक्षकों जैसी सम्मानजनक भूमिका निभाने वालों की सुरक्षा सुनिश्चित करें।

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