October 28, 2025

पटना में युवती से दर्जी ने की छेड़छाड़, नाप लेने के बहाने की अश्लील हरकत, लोगों ने की पिटाई

पटना। राजधानी पटना में एक बार फिर महिला सुरक्षा पर सवाल खड़ा करने वाली घटना सामने आई है। पीरबहोर थाना क्षेत्र के बीएन कॉलेज के पास एक 24 वर्षीय शादीशुदा युवती के साथ दर्जी द्वारा छेड़छाड़ की गई। युवती मूल रूप से उत्तर प्रदेश की रहने वाली बताई जा रही है और वर्तमान में पटना में किराये के मकान में अपने परिवार के साथ रहती है। घटना ने न केवल स्थानीय लोगों को झकझोर दिया बल्कि पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं।
नाप लेने के बहाने की अश्लील हरकत
घटना शुक्रवार की शाम की बताई जा रही है। युवती अपने सूट की नाप देने के लिए इलाके की एक दर्जी की दुकान पर गई थी। दर्जी पहले से ही युवती को जानता था क्योंकि वह उसी दुकान पर पहले भी कपड़े सिलवाती थी। पीड़िता के अनुसार, जब वह नाप दे रही थी तभी दर्जी ने अश्लील हरकत करते हुए उसके प्राइवेट पार्ट को टच किया। अचानक हुई इस हरकत से युवती घबरा गई और तुरंत दुकान से बाहर भाग निकली।
परिजनों ने की कार्रवाई की मांग
घटना के बाद युवती घर पहुंची और पूरी बात अपनी मां को बताई। मां ने बिना देरी किए मौके पर पहुंचकर आरोपी दर्जी से बात की। इसी दौरान आस-पास के लोग भी इकट्ठा हो गए। भीड़ ने आरोपी दर्जी को पकड़कर उसकी पिटाई कर दी और डायल 112 पर पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची और आरोपी को हिरासत में लेकर पीरबहोर थाना ले गई।
पुलिस थाने में पूछताछ, पर एफआईआर दर्ज नहीं
थाने में पुलिस ने आरोपी से पूछताछ की, वहीं पीड़िता ने आवेदन देकर शिकायत भी दर्ज कराई। लेकिन देर रात तक पुलिस ने कोई औपचारिक एफआईआर दर्ज नहीं की। बताया जा रहा है कि आरोपी के परिजन थाने पहुंचे और कई बार माफी मांगने लगे। इस बीच पुलिस ने मामले को शांत कराने की कोशिश की। हालांकि पीड़िता और उसका परिवार कार्रवाई की उम्मीद में रातभर परेशान रहा।
सुबह फिर खुली दुकान देखकर नाराज हुए परिजन
अगली सुबह जब युवती बाजार गई तो उसने देखा कि वही दर्जी फिर से अपनी दुकान पर खुलेआम काम कर रहा है। यह देखकर युवती स्तब्ध रह गई और अपने पति व मां के साथ दोबारा पीरबहोर थाने पहुंची। परिवार ने पुलिस से सवाल किया कि आरोपी को बिना किसी कार्रवाई के कैसे छोड़ दिया गया। पुलिस ने उन्हें कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। परिजन सुबह से शाम तक थाने में बैठे रहे, लेकिन अंत में उन्हें समझाकर घर भेज दिया गया।
लोक-लाज के डर से दर्ज नहीं कराई गई एफआईआर
पीड़िता ने बताया कि समाज में इज्जत और लोक-लाज के डर से उसने औपचारिक एफआईआर दर्ज नहीं कराई। उसने कहा कि वह पहले से उस दर्जी के यहां कपड़े सिलवाती थी और उसे कभी ऐसा व्यवहार मिलने की उम्मीद नहीं थी। युवती ने यह भी कहा कि इस घटना के बाद से वह काफी डरी हुई है और अब किसी पर भरोसा नहीं कर पा रही है।
स्थानीय लोगों में आक्रोश
घटना की जानकारी मिलने के बाद स्थानीय लोगों में गुस्सा देखा गया। उनका कहना है कि अगर पुलिस ने समय रहते कार्रवाई की होती, तो आरोपी खुलेआम दुकान नहीं चला रहा होता। लोगों ने पुलिस प्रशासन से मांग की कि ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई हो ताकि पीड़ित को न्याय मिल सके और समाज में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
पुलिस की भूमिका पर उठे सवाल
इस घटना ने एक बार फिर पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अक्सर ऐसे मामलों में देखा जाता है कि पीड़ित परिवार के दबाव या समाजिक शर्म के कारण शिकायत दर्ज नहीं करा पाते, और इसी का फायदा अपराधी उठा लेते हैं। इस बार भी पुलिस का रवैया ढीला दिखाई दिया। आरोपी को थाने में पूछताछ के बाद छोड़ देना और अगले दिन उसका दुकान पर लौट आना, यह दर्शाता है कि जांच प्रक्रिया कितनी कमजोर रही।
महिलाओं की सुरक्षा पर फिर चर्चा
पटना में लगातार बढ़ रहे ऐसे मामलों से महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल उठने लगे हैं। हाल के दिनों में छेड़छाड़ और उत्पीड़न की घटनाओं में इजाफा हुआ है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे अपराधों को रोकने के लिए न केवल सख्त कानून लागू करने की जरूरत है बल्कि समाज में जागरूकता और संवेदनशीलता भी बढ़ाई जानी चाहिए। इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि महिला सुरक्षा के दावे अभी भी अधूरे हैं। पुलिस की निष्क्रियता और समाजिक भय के कारण पीड़ित महिलाएं न्याय से वंचित रह जाती हैं। जरूरत है कि प्रशासन ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई करे और समाज में महिलाओं के सम्मान और सुरक्षा के प्रति गंभीरता दिखाई दे, ताकि किसी भी महिला को इस तरह के भय और अपमान का सामना न करना पड़े।

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